महासमुन्द

महिला को डिजिटल अरेस्ट कर साढ़े 5 लाख की ठगी
23-Jul-2025 6:11 PM
महिला को डिजिटल अरेस्ट कर साढ़े 5 लाख की ठगी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 23 जुलाई। जिले के बसना थाना अंतर्गत ग्राम जगदीशपुर की एक महिला को डिजिटल अरेस्ट कर साढ़े पांच लाख की ठगी किए जाने का मामला सामने आया है। मामले की रिपोर्ट के बाद बसना पुलिस ने विवेचना शुरू कर दी है।

बसना थाना प्रभारी नरेन्द्र राठौर ने बताया कि प्रार्थिया जिबियाई तमिलनाडू हाल निवास सेवा भवन हास्पिटल जगदीशपुर ने अपनी शिकायत में कहा है कि उसके मोबाइल पर कुछ व्यक्तियों ने खुद को टेलिकाम डिपार्टमेंट मुंबई व मुंबई क्राइम ब्रांच का पुलिस होना बताकर कॉल किया और कहा कि आपके मोबाइल नंबर की गतिविधि संदिग्ध है जिससे आपका मोबाइल नंबर दो घंटे में बंद हो जाएगा।

आरोपियों ने कहा कि पुलिस क्लियरेंस सर्टिफिकेट के लिये वीडियो कॉल से स्टेटमेंट देना होगा। इसके बाद वाट्सअप में मैसेज आया। जिसमें बातचीत हुई और स्टेटमेंट लिया और कहा कि पुलिस क्लियरेंस सर्टिफिकेट आपको पोस्ट के माध्यम से भेज देंगे, ऐसा कहकर उस व्यक्ति ने पता मांगा। फिर उस व्यक्ति ने बोला कि आपका आधार नंबर केनरा बैंक मुंबई के एक खाता से जुड़ा हुआ है। उक्त खाता मनीलांड्रिंग केस से संबंधित है। जिसकी जांच हो रही है, कहकर घटना को अंजाम दिया। उसके बाद किसी अन्य व्यक्ति ने अपना नाम निरीक्षक प्रदीप सावंत बताते कहा कि इस केस की जांच मैं कर रहा हूं।

आपके विरूद्ध 03 प्रमाण है। उसके उसने प्रार्थी की मां कविता से भी बात की। वह दोनों से लगातार करता रहा व कहा कि आपका गिरफ्तारी वारंट निकलेगा। जिससे प्रार्थी डरकर उसकी बातों में आ गई।  इसी दौरान उसने खाता नंबर व मेरे खाते में कितना पैसा है, यह पूछ लिया।

बातचीत करते हुए उसने किसी गोयल का नाम लिया व बताया कि मनीलांड्रिंग केस में आरोपी है जिसके खाता का पैसा आपके खाता में आया है। इसके बाद फिर 15 जुलाई को उनसे बात हुई। उस दौरान उसने कहा कि गोयल का पैसा आपके बैंक अकाउंट में आया है। जिसको क्लियर करने के लिए आपको फंड वेरिफकेशन के लिये अपने अकाउंट का पैसा दूसरे खाते में भेजना पड़ेगा। जिसे क्लीयर कर हम लोग एक घंटे के अंदर आपके बैंक अकाउंट में वापस भेज देंगे। इसके बाद प्रार्थिया उनकी बातों में आकर बसना एचडीएफसी बैंक के अपने खाते से आरटीजीएस के माध्यम से 3लाख 50 हजार रुपए भेजा। फिर 16 जुलाई को 2 लाख रुपए आरटीजीएस के माध्यम से भेजा। इस पर आरोपी ने कहा कि आपका वेरिफिकेशन हो गया है। कल सुबह तब आपको आपका पैसा आपके खाते में वापस कर दिया जाएगा। लेकिन 17 जुलाई को खाते में पैसा वापस नहीं आया। तब शंका हुई कि उसके सायबर फ्रॉड हो गया है।

मामले में शिकायत के बाद पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धारा 318-4, 3-5 बीएनएस के तहत अपराध दर्ज किया है।


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