महासमुन्द

युवा महोत्सव 15 से, ब्लाक स्तर पर 18 विधाओं में प्रतिभागियों का चयन
11-Nov-2021 5:54 PM
युवा महोत्सव 15 से, ब्लाक स्तर पर 18 विधाओं में प्रतिभागियों का चयन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,11 नवंबर। ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए और प्रदेश की कला-संस्कृतिक को बढ़ावा देने के लिए इस साल फिर युवा महोत्सव का आयोजन जिले में होगा। कोविड के कारण पिछले दो साल से युवा महोत्सव का आयोजन नहीं हुआ था। इस बार स्थिति सामान्य होने पर 15 नवंबर से युवा महोत्सव का आगाज होगा। इसके लिए ब्लाक स्तर पर 18 विधाओं में प्रतिभागियों का चयन होगा। वहीं मुख्यमंत्री के निर्देश पर लोककला मंच से जुड़े नाचा व गम्मत के कलाकार सीधे जिला स्तर पर प्रस्तुति देंगे

दोनों ही आयोजन में चयनित प्रतिभागी राज्य स्तर पर होने वाले युवा महोत्सव में अपनी प्रस्तुति देंगे। महोत्सव को लेकर ब्लॉक स्तर पर तैयारियां शुरू हो गई हैं। नवंबर में ब्लॉक व 15 दिसंबर के पहले जिला स्तरीय आयोजन पूरा करना है। इसमें उत्कृष्ठ प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों का चयन राज्यस्तर के लिए होगा।

स्थानीय हाईस्कूल मैदान सहित अन्य मैदानों में स्पर्धा का आयोजन होगा। इस आयोजन में 15 से 40 और 40 से अधिक आयु वर्ग के प्रतिभागी भाग ले सकते हैं। जिला खेल अधिकारी मनोज घृतलहरे ने बताया कि नवंबर से युवा महोत्सव की शुरुआत होगी। इस बार छत्तीसगढ़ लोक साहित्य, कला एवं युवा महोत्सव के आयोजन की घोषण की गई है। तीन स्तर पर इसका आयोजन होना है। पहला विकासखंड, फिर जिला स्तर, उसके बाद राज्यस्तर पर होगा। 18 ऐसी विधाएं हैं, जिनमें ब्लॉक स्तर पर प्रस्तुति के बाद जिला स्तर पर चयन किया जाएगा। वहीं 18 विधाओं में पारंपरिक एवं अन्य गतिविधियां है जिसकी प्रस्तुति जिला स्तर पर होगी और राज्य के लिए सीधे चयन होगा।'

जिला स्तर पर होने वाली पारंपरिक व अन्य गतिविधियां
सुआ नृत्य, करमा नाचा, सरहुल नाचा, बस्तरिहा लोक नृत्य, राउत नाचा, फुगड़ी, भौंरा, गेड़ी दौड़/चाल, पारंपरिक वेषभूषा (विविध) प्रतियोगिता, फूड फेस्टिव - छग व्यजनों के आधार पर, चित्रकला छग लोक संस्कृतिक, वाद-विवाद, क्विज, निबंध, कबड्डी, खो-खो। इसके अलावा हल्बी, गोड़ी, करूख, सरगुजी आदि बोलियों में साहित्य सृजन, पंडवानी, भरथरी, गम्मत की विधाएं शामिल हैं।

ये हैं ब्लॉकस्तर की विधाएं
लोकनृत्य, लोकगीत, एकांकी नाटक, शास्त्री गायन हिंदुस्तानी शैली, शास्त्री गायब कर्नाटक शैली, सितार वादन (शास्त्रीय वादन), बांसुरी वादन (शास्त्रीय वादन), तबला वादन (शास्त्रीय वादन), वीणा वादन (शास्त्रीय वादन), मृदंगम वादन (शास्त्रीय वादन), हारमोनियम वादन (सुगम वादन), गिटार वादन (भारतीय या पाश्चात्य संगीत), मणिपुरी (शास्त्रीय नृत्य), ओडि़सी (शास्त्रीय नृत्य), भरतनाट्यम (शास्त्रीय नृत्य), कथक (शास्त्रीय नृत्य), कूचिपूडि़ (शास्त्रीय नृत्य), वक्तृत्व (तात्कालिक भाषण)।


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