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मूसलाधार बारिश : नदी-नाले उफान पर
26-Jul-2025 6:39 PM
मूसलाधार बारिश : नदी-नाले उफान पर

फसलों को जबर्दस्त नुकसान

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजनांदगांव / महासमुंद / जगदलपुर / सरगुजा/रायगढ़, 26 जुलाई। राज्य भर में कहीं मूसलाधार, कहीं झमाझम बारिश से  नदी-नाले उफान पर हैं, वहीं बांध-खेत -तालाब लबालब हो गए हैं।

मूसलाधार बारिश से राजनांदगांव जिले के कई हिस्से जलमग्न हो गए हैं। पिछले 24 घंटे से अनवरत हो रही बारिश से बांध-बैराज लबालब हो गए हैं। वहीं शिवनाथ खतरे के निशान के करीब बह रही है। 

इधर खैरागढ़ जिले के प्रधान पाठ बैराज पूरी तरह से पानी में डूब गया है। तेज बारिश के चलते लछना ग्राम पंचायत के अधीन कुछ गांव पानी में डूबे हुए हैं।  लछना क्षेत्र के किसानों के खेत के मोटर पंप भी बह गए हैं। किसानों के फसल को जबर्दस्त नुकसान पहुंचा है। 

मोहला-मानपुर में भी मूसलाधार बारिश के असर से नदी-नाले उफान पर है। शिवनाथ की सहायक नदियां भी उफान पर है। बीते दो दिनों से जिले में रूक-रूककर बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने अगले तीन-चार दिनों तक बारिश होने का अंदेशा जाहिर किया है। 

महासमुंद जिले में शुक्रवार को हुई मूसलाधार बारिश ने ग्रामीण अंचलों में तबाही मचा दी है। कल सुबह 11 बजे से शुरू हुई बारिश आज समाचार लिखते दोपहर एक बजे तक जारी है। कई गांवों में बस्तियों तक पानी घुस गया। महानदी से सटे लगभग 15 पंचायतों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।

ग्राम खड़सा के कमार डेरा में भी घरों में पानी घुसा गया था। प्रशासन ने सूचना पर कमारडेरा से दस लोगों को रेस्क्यू कर निकाला और वहां के पंचायत भवन में उनके रहने की व्यवस्था के साथ उनके खाने-पीने की व्यवस्था की है। 

बीती रात ग्राम तर्रा, धरसींवा, रायपुर के पति-पत्नी नील कमल निषाद व ज्योति निषाद बाइक से पीढ़ी गढ़सिवनी नाला पार करते समय बह गये। इनको बचाने के लिए दो ग्रामीण गये वो भी बहने लगे। सूचना पर प्रशासन की रेस्क्यू टीम पहुंची और सभी को सुरक्षित बाहर निकाला। जिले में पिछले 24 घंटे में कुल 305.7 मिमी वर्षा हुई है।

बलौदाबाजार जिले में इस वर्ष मानसून की मेहरबानी जमकर बरसी है। अब तक हुई बारिश ने जहां खेतों को हरियाली से भर दिया है,  वहीं जिले के लगभग सभी जलाशय और बांध भी लबालब हो गए हैं। जिले में कुल 26 बड़े बांध हैं, जिसमें से लगभग 15 बांध अपनी पूरी क्षमता तक भर चुके हैं और कई तो छलकने की स्थिति में पहुंच गए हैं। किसानों के चेहरों पर भी इस वर्ष अच्छी बारिश की वजह से रौनक लौट आई हैं। शनिवार को भी बारिश जारी है।

बस्तर में लगातार 4 दिनों से हो रही बारिश से जन जीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है, वहीं सडक़ किनारे लगे एक विशाल पेड़ के गिरने से यातायात पूरी तरह से रुक गया।

छत्तीसगढ़ का शिमला कहे जाने वाला मैनपाट में गुरुवार की रात 2 घंटे तक हुई भारी बारिश ने जमकर तबाही मचाई है। मछली नदी में आई बाढ़ में मोटरसाइकिल सवार दो युवक बह गए, जिनकी तलाश की जा रही है। बाढ़ के कारण पुलिया की रेलिंग क्षतिग्रस्त हो गई, जिसके कारण आवागमन प्रभावित रहा, वहीं मैनपाट के उल्टा पानी मार्ग की पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई, जिससे ग्रामीणों का आना-जाना बंद हो गया है।

दो घंटे तक  मूसलाधार बारिश के कारण मैनपाट में 122 मिलीमीटर बारिश हुई है। भारी बारिश के कारण घुनघुट्टा डैम में भी ओवरफ्लो की स्थिति निर्मित हो गई, जिसके कारण 13 साल बाद डैम के सभी आठों गेट खोल दिए गए।

सरगुजा जिला के उदयपुर विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत साल्ही के आश्रित ग्राम हरिहरपुर में मूसलाधार बारिश के चलते तबाही मच गई। तेज वर्षा से दर्जनों किसानों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं, वहीं गांव से बाहर आने-जाने का एकमात्र मुख्य मार्ग भी टूट गया है।

बीती रात रायगढ़ शहर में हुई मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया। तेज बारिश के चलते शहर के कई क्षेत्रों में पेड़ गिरे, जिससे सडक़ों पर आवागमन में बाधा उत्पन्न हो गई। बूढ़ीमाई मंदिर के पास सडक़ पर गिरे एक विशाल पीपल के पेड़ को तत्काल हटवा कर यातायात बहाल किया गया। नगर निगम की सफाई और आपदा प्रबंधन टीमों को अन्य प्रभावित क्षेत्रों में भी तैनात किया गया है, जो युद्धस्तर पर मलबा हटाने और रास्ते साफ करने का कार्य कर रही हैं।


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