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चेन्नई, 27 जुलाई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने द्वि-भाषा नीति के प्रति प्रतिबद्धता जताते हुए केंद्र से समग्र शिक्षा योजना (एसएसए) के तहत राज्य के हिस्से की 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की निधि जारी करने का आग्रह किया है।
रविवार को यहां जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार राज्य के वित्त मंत्री थंगम थेनारासु द्वारा शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सौंपे गए एक ज्ञापन में स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के त्रि-भाषा फॉर्मूले पर अपने ‘‘विरोधाभासी विचार’’ स्पष्ट कर दिए हैं।
राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह तमिल और अंग्रेजी के अपने दशकों पुराने द्वि-भाषा फॉर्मूले पर कायम रहेगी।
राज्य सरकार की विज्ञप्ति के अनुसार मुख्यमंत्री ने ज्ञापन में कहा कि केंद्र द्वारा आवश्यक धनराशि स्वीकृत न करने से ‘‘लाखों छात्रों का भविष्य प्रभावित होता है।’’
विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘मुख्यमंत्री ने तमिलनाडु को पीएम श्री समझौते (निधि के संबंध में) पर हस्ताक्षर करने के लिए बाध्य किए बिना प्रधानमंत्री से वर्ष 2024-25 के लिए 2,151.59 करोड़ रुपये का केंद्र का हिस्सा और 2025-26 की पहली किस्त जारी करने का अनुरोध किया है।’’
मुख्यमंत्री स्टालिन को 21 जुलाई को चक्कर आने की शिकायत के बाद यहां एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और वहां उनका उपचार किया जा रहा है।
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार उनके द्वारा स्वीकृत ज्ञापन शनिवार को प्रधानमंत्री को सौंपा गया। प्रधानमंत्री तमिलनाडु के दो दिवसीय दौरे पर हैं।
मुख्यमंत्री ने अन्य मांगों के साथ कोयंबटूर और मदुरै मेट्रो रेल परियोजनाओं को मंजूरी देने का भी आग्रह किया, जिन्हें केंद्र और राज्य की बराबर हिस्सेदारी के तहत लागू करने का प्रस्ताव है।
अन्य मांगों में विभिन्न रेलवे परियोजनाओं का क्रियान्वयन और चेन्नई में उपनगरीय रेल सेवाओं में वृद्धि शामिल हैं।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री स्टालिन ने राज्य के मछुआरों को बार-बार गिरफ्तार किये जाने का मुद्दा उठाते हुए इस समस्या का स्थायी समाधान करने की मांग की।
उन्होंने श्रीलंका की हिरासत में भारतीय मछुआरों की रिहाई के लिए कदम उठाने की मांग की। (भाषा)