कोण्डागांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
विश्रामपुरी, 3 जुलाई। जैसे ही यूरिया से लदे ट्रक सोसायटियों मे पहुंचे , किसान ट्रक की ओर दौड़ पड़े तथा लेम्पस के द्वारा जारी की गई रसीद दिखाकर तुरंत खाद उतारने के लिए उतारू हो गए। देखते ही देखते खाद के लिए किसानों में होड़ सी मच गई। जिले के कुछ चुनिंदा सोसायटियों में ही शुक्रवार की दोपहर यूरिया खाद लेकर ट्रक पहुंची है।
जानकारी के मुताबिक जहां-जहां यूरिया की गाड़ी पहुंची वहां किसान खाद के लिए टूट पड़े। बांसकोट एवं विश्रामपुरी में भी ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिला जैसे ही किसानों को यह पता लगा कि आज यूरिया खाद पहुंचा है तो जिस तरह धान बेचने के लिए मारामारी होता है उसी तरह खाद पाने के लिए किसान टूट पड़े।
ज्ञात हो कि एक माह बाद यूरिया खाद किसानों तक पहुंच रही है, वह भी बहुत कम मात्रा में पहुंचा है। दो दिन पहले ही भाजपाई एवं जिले के किसान जगह-जगह खाद की कमी को लेकर रैली एवं आंदोलन पर उतर आए थे तथा नेशनल हाईवे पर चक्का जाम की चेतावनी भी दे रखी है। तत्पश्चात प्रशासनिक अधिकारियों ने शीघ्र ही खाद उपलब्ध कराने की बात कही थी कि इसी बीच एक यूरिया का एक रेक लगा था जिसके चलते कुछ सोसायटयों में यूरिया का खेप पहुंच पाया है भले ही कम मात्रा में पहुंचा है।
अब भी कई किसान खाद के इंतजार में हैं। किसानों को यूरिया से ज्यादा इस समय डीएपी खाद की आवश्यकता होती है धान की रोपाई एवं मक्के की बुवाई के वक्त डीएपी खाद की ही जरूरत होती है किंतु अब तक किसी भी जिले के किसी भी लैंप्स में डीएपी खाद उपलब्ध नहीं हो पाया है जिसे लेकर किसानों में चिंता है। कई किसान महंगे दाम पर व्यापारियों से माल खरीद रहे हैं। कुछ ही लेम्पस को यूरिया उपलब्ध हो पाया है कई लेम्पस मे अभी भी किसानों को इंतजार करना पड़ेगा। बांसकोट लेम्पस के प्रबंधक जसराज शारदुल ने बताया कि वे प्रतिदिन उच्चाधिकारियों को जानकारी भेज रहे हैं , शुक्रवार को 500 बोरी यूरिया मिला है । विश्रामपुरी के लेम्पस प्रबंधक मधु बघेल ने बताया कि लेम्पस में किसानों के लिए 2000 बोरी यूरिया की डिमांड है किंतु 500 बोरी यूरिया ही पहुंचा है। डीएपी का अभी तक पता नहीं है।