कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 15 अक्टूबर। आज भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) कोण्डागांव जिला परिषद के पदाधिकारियों और सदस्यों ने राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन के नाम एक ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। ज्ञापन में बस्तर संभाग के स्थानीय शिक्षित बेरोजगार युवाओं को तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नियुक्तियों में प्राथमिकता देने तथा खनिज संपदा के दोहन को स्थानीय सहकारी समितियों के माध्यम से कराने की मांग की गई है।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि बस्तर संभाग आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है और संविधान की पांचवीं अनुसूची के अंतर्गत इसे विशेष दर्जा प्राप्त है। पार्टी का कहना है कि यहां के निवासियों को प्रशासनिक सेवाओं और रोजगार के अवसरों में प्राथमिकता देने का प्रावधान है, लेकिन वर्तमान में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की भर्तियों में अन्य जिलों के अभ्यर्थियों को अवसर दिए जा रहे हैं। इससे स्थानीय युवाओं में असंतोष की स्थिति है।
दूसरा मुद्दा खनिज संपदा से जुड़ा है। ज्ञापन के अनुसार खनिज उत्खनन और संचालन केवल स्थानीय सहकारी समितियों या सार्वजनिक उपक्रमों के माध्यम से किया जाना चाहिए। किसी भी खदान का लीज देने से पहले ग्राम सभा की अनुमति अनिवार्य की जाए तथा निजी/बहुराष्ट्रीय कंपनियों को नई खनिज लीज देने की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए। पूर्व में हुए समझौते (एमओयू) निरस्त करने और सार्वजनिक संस्थानों में ठेकेदारी प्रथा समाप्त कर स्थायी रोजगार नीति बनाने की मांग भी की गई है।
सीपीआई ने कहा है कि ये दोनों मुद्दे बस्तर के लोगों के जीवन से जुड़े हैं और इन पर शासन-प्रशासन द्वारा शीघ्र निर्णय लिया जाना चाहिए। पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि इन मांगों पर विचार नहीं हुआ, तो जनसमर्थन के साथ आंदोलन चलाया जाएगा।


