कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 9 सितंबर। एनएचएम कर्मचारियों ने मंगलवार की सुबह अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर नदी में उतरकर जल सत्याग्रह किया।
ज्ञात हो कि पिछले 21 दिनों से जगदलपुर की पुरानी मंडी परिसर में हड़ताल पर बैठे एनएचएम कर्मियों ने बस्तर एसपी को ज्ञापन सौंपते हुए जल सत्याग्रह की बात कही थी, जिसके बाद कर्मचारियों ने पुराना पुल में कमर तक पानी में उतर कर अपनी मांगों को लेकर घंटों तक पानी में अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाई।
स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पूर्णिया बांदे ने बताया कि संघ अपनी वाजिब मांगों को लेकर हड़ताल पर है और जब तक सरकार सहृदयतापूर्वक इन मांगों को लेकर विचार नहीं करती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। 21 दिनों की हड़ताल के बावजूद सरकार का कोई भी अधिकारी अबतक बातचीत के लिए सामने नहीं आया है और न ही मांगों को पूरा करने को लेकर कोई आश्वासन ही दिया गया है। यही वजह है कि बेमियादी हड़ताल जारी है, वहीं पहले दिन से ही कर्मचारी अलग अलग तरीके से अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
आप ने स्वास्थ्य सचिव
के नाम दिया ज्ञापन
छत्तीसगढ़ में 18 अगस्त से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारियों द्वारा अपनी 10 मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल और 16000 कर्मचारियों के सामूहिक इस्तीफा पर सरकार द्वारा अनदेखी पर आम आदमी पार्टी द्वारा 9 सितंबर को स्वास्थ्य सचिव के नाम ज्ञापन दिया और धरना स्थल में जाकर समर्थन पत्र दिया।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश सह संगठन मंत्री समीर खान ने बताया कि हड़ताली 25 कर्मचारियों को बर्खास्त करना सरकार द्वारा कर्मचारियों के साथ अन्याय किया जा रहा है। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि 100 दिन के अंदर एक कमेटी बनाकर सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों का नियमितीकरण करेंगे लेकिन आज भाजपा अपने वादे से मुकर रही है। हड़ताल से अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हुई हैं और मरीजों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि एनएचएम कर्मचारियों की सेवा अत्यंत जरुरी सेवाओं में से एक है और कर्मचारी अपने नियमितीकरण की मांग कर रहें हैं। वैसे भी बस्तर में स्वास्थ्य व्यवस्था अत्यंत लचर है सरकार उनकी मांग मानने की बजाय उनको सेवा से पृथक कर रही है यह सरकार की छत्तीसगढ़ की जनता के स्वास्थ्य के प्रति असंवेदनशीलता है।