कोण्डागांव

प्रशासनिक उदासीनता और सरपंच की मनमानी से विकास में ब्रेक, ग्रामीणों में गुस्सा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 25 जुलाई। ग्राम पंचायत धनपुर में नरेगा के तहत निर्मित आंगनबाड़ी भवन बीते पांच वर्षों से पूरी तरह बनकर तैयार है, लेकिन उपयोग शून्य। इस भवन को बच्चों की शिक्षा और पोषण के लिए सौंपे जाने की बजाय, पंचायत सरपंच ने निजी हित में इसका इस्तेमाल मक्का भंडारण के लिए कर दिया है। यह भवन महिला एवं बाल विकास विभाग को हैंडओवर नहीं किया गया है, जिस कारण से धनपुर की आंगनबाड़ी आज भी एक असुरक्षित और तंग निजी भवन में संचालित हो रही है।
बच्चों की सुरक्षा पर सवाल
धनपुर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बताती हैं कि जहां फिलहाल बच्चों को रखा जा रहा है, वह भवन न केवल सडक़ के किनारे है बल्कि उसमें पर्याप्त जगह भी नहीं है। बच्चों की संख्या अधिक है, लेकिन जगह कम। ऐसे में बच्चों को संभालना, उन्हें पढ़ाना और खिलाना बेहद कठिन है। उन्होंने कहा कि यदि नया भवन हमें मिल जाए, तो बच्चों की देखभाल और शिक्षा बेहतर तरीके से हो सकेगी।
विभागीय कार्रवाई का इंतजार
महिला एवं बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी ने इस पर साफ तौर पर कहा कि उन्हें अब तक यह भवन सुपुर्द नहीं किया गया है। जैसे ही यह भवन हमें हस्तांतरित किया जाएगा, हम तत्काल आंगनबाड़ी को वहां स्थानांतरित कर संचालन शुरू कर देंगे।
जनता नाराज़, सवालों के घेरे में पंचायत
पंचायत प्रतिनिधियों की इस लापरवाही और पद के दुरुपयोग को लेकर ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश है। लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि जब सरकारी धन से तैयार भवन पांच सालों से तैयार खड़ा है, तो फिर वह बच्चों के नाम पर उपयोग में क्यों नहीं लाया जा रहा?
ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल जांच कर भवन को महिला एवं बाल विकास विभाग को सुपुर्द कराने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।