कोण्डागांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 6 अप्रैल। आस्था, परंपरा और संस्कृति के अद्भुत संगम के रूप में प्रसिद्ध तितरवंड का वार्षिक देव मेला इस वर्ष भी पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ आरंभ हो गया है। जनपद पंचायत बड़ेराजपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत तितरवंड में आयोजित इस मेले में 84 परगनों से देवी-देवताओं का आगमन हुआ, जहां उनके स्वागत और पूजा-अर्चना की भव्य परंपरा निभाई जा रही है।
मेले की शुरुआत एक दिन पूर्व जात्रा निकालकर की गई, जिसमें परंपरागत वाद्य यंत्रों की गूंज और लोक रीति के अनुसार विधिविधान से देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया। इसके बाद पहले दिन से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु, ग्रामीणजन और स्थानीय नागरिक मेले में पहुंचकर अपने आराध्य देवताओं का दर्शन और पूजन कर रहे हैं।
इस देव मेले की खास बात यह है कि अलग-अलग क्षेत्रों से आने वाली देवियों का पारंपरिक रीति से स्वागत किया जाता है। समस्त देवी-देवताओं को क्रमश: आमंत्रित कर पूरे सम्मान और भक्ति भाव से उनका अभिवादन किया जाता है। तत्पश्चात समस्त देवी-देवता सामूहिक रूप से मेले की परिक्रमा करते हैं। इस दौरान महिलाएं चावल और पुष्पों से उनका स्वागत करती हैं, जिससे समूचा वातावरण भक्तिमय हो उठता है।