कोण्डागांव

विजय दिवस पर लेफ्टिनेंट जनरल चतुर्वेदी ने साझा की 1971 की गौरव गाथा
16-Dec-2024 11:21 PM
विजय दिवस पर लेफ्टिनेंट जनरल चतुर्वेदी ने साझा की 1971 की गौरव गाथा

‘छत्तीसगढ़’  संवाददाता

कोण्डागांव, 16 दिसंबर।  कोण्डागांव में अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद द्वारा 16 दिसंबर को विजय दिवस के उपलक्ष्य में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह आयोजन बड़ेकनेरा मार्ग स्थित ऑडिटोरियम भवन में संपन्न हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और लेफ्टिनेंट जनरल वीके चतुर्वेदी उपस्थित रहे। इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष वर्षा यादव, उपाध्यक्ष जसकेतु उसेंडी, भाजपा जिलाध्यक्ष दीपेश अरोरा, क्षेत्र के गणमान्य नागरिक, पूर्व सैनिक परिषद के सदस्य और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए। 

 कार्यक्रम की शुरुआत 15 दिसंबर की शाम को लेफ्टिनेंट जनरल वीके चतुर्वेदी के कोण्डागांव आगमन से हुई। उनके स्वागत में नगर में भव्य रैली निकाली गई। इसके बाद 16 दिसंबर की सुबह उन्होंने अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद द्वारा संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रम का दौरा किया और प्रशिक्षार्थियों के कार्य का निरीक्षण किया। विजय दिवस के मुख्य कार्यक्रम में लेफ्टिनेंट जनरल वीके चतुर्वेदी ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की गौरव गाथा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि कैसे भारतीय सेना ने 13 दिनों के भीतर पाकिस्तान को हराते हुए 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर किया और एक नए राष्ट्र बांग्लादेश का निर्माण किया। यह विजय न केवल सैन्य क्षमता का प्रदर्शन थी, बल्कि मानवता के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश भी था। 

श्री चतुर्वेदी ने कहा, पाकिस्तान में उस समय मानवाधिकारों का गंभीर हनन हो रहा था, और लाखों लोग भारत में शरण लेने के लिए मजबूर हो रहे थे। ऐसे में भारतीय सेना ने ऑपरेशन लॉन्च कर केवल 13 दिनों में पाकिस्तान को पराजित कर दुनिया के सामने एक मिसाल पेश की। यह युद्ध भारत की सैन्य रणनीति और साहस का अनूठा उदाहरण है। इस अवसर पर लेफ्टिनेंट जनरल ने कोण्डागांव के लोगों के राष्ट्रप्रेम और ऊर्जा की सराहना की। उन्होंने कहा, एक समय नक्सल प्रभावित रहा यह इलाका आज राष्ट्रभक्ति और सकारात्मकता की अद्वितीय मिसाल पेश कर रहा है। यहां के लोगों में राष्ट्रप्रेम और समाजसेवा की भावना स्पष्ट दिखाई देती है।

उन्होंने अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के तीन मूल मंत्रों राष्ट्र सेवा, समाज सेवा, और परिवार सेवा का उल्लेख करते हुए इसे परिषद का आधार बताया। कार्यक्रम के अंत में पूर्व सैनिकों, युद्ध में शामिल जवानों, उनके परिजनों और नगर के वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानित किया गया।विजय दिवस के इस आयोजन ने कोण्डागांव में एक बार फिर से 1971 के गौरवशाली इतिहास को जीवंत किया। यह कार्यक्रम न केवल देश की सैन्य शक्ति का स्मरण था, बल्कि नई पीढ़ी में राष्ट्रप्रेम और देशभक्ति की भावना को भी जागृत करने का प्रयास था। 


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