कोण्डागांव

युवाओं ने श्रमदान से सडक़ों की बदहाली दूर करने का उठाया बीड़ा
07-Dec-2024 2:35 PM
युवाओं ने श्रमदान से सडक़ों की बदहाली दूर करने का उठाया बीड़ा

आर्मी के जवान ने किया प्रेरित, दिन में मजदूरी इसलिए रात में श्रमदान 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंडागांव, 7 दिसंबर।
कोण्डागांव जिला मुख्यालय से 12 किमी दूर ग्राम पंचायत सातगांव के युवाओं ने सडक़ों की समस्या का समाधान खुद करने का अनोखा उदाहरण पेश किया है। पांडेपारा से मुख्य मार्ग (धजाभाटा) तक की कच्ची सडक़ में बड़े-बड़े गड्ढों के कारण गांव के 1400 मतदाता और स्थानीय निवासियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही थी। स्थानीय प्रभावित ग्रामीणों ने कई बार सरपंच जयंती नेताम और अधिकारियों से सडक़ निर्माण की मांग की, लेकिन दो-तीन वर्षों से इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। मजबूर होकर गांव के युवाओं ने खुद श्रमदान कर इस सडक़ को सुधारने का जिम्मा उठाया है।  

सेना के जवान ने दिखाई राह  
सातगांव के निवासी सुखलाल नेताम वर्तमान में भारतीय सेना में असम में पदस्थ हैं। वर्तमान में छुट्टियों पर गांव आए और सडक़ सुधारने के इस अभियान का नेतृत्व किया। उन्होंने न केवल श्रमदान किया, बल्कि आर्थिक सहायता भी प्रदान की। उनके साथ बलीराम नेताम, सुखनाथ मरकाम, जमधर नेताम और सेवक राम दीवान ने मुरूम ढुलाई के लिए अपने ट्रैक्टर नि:शुल्क उपलब्ध कराए।  

रात में हो रहा श्रमदान
गांव के युवा दिन में खेती, मजदूरी, और अन्य कार्यों में व्यस्त रहते हैं, लेकिन रात में समय निकालकर डेढ़ किमी लंबी सडक़ की मरम्मत कर रहे हैं। इस अभियान में जितेंद्र मरकाम, लोकमान नेताम, दिनेश नेताम, मनोहर नेताम, चेतन नेताम, उमेश यादव, और दीनदयाल पांडे जैसे दर्जनों युवा अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।  

गांव के लिए प्रेरणा बने युवा
सुखलाल नेताम के प्रयासों ने गांव के अन्य युवाओं को भी प्रेरित किया। अपने सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने सडक़ को चलने योग्य बनाने का काम शुरू किया। यह उदाहरण दिखाता है कि किस तरह सामूहिक प्रयास और श्रमदान से बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान किया जा सकता है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की उदासीनता ने उन्हें यह कदम उठाने पर मजबूर किया, लेकिन युवाओं का यह प्रयास यह साबित करता है कि आत्मनिर्भरता से हर चुनौती का सामना किया जा सकता है। 


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