कोण्डागांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंडागांव, 2 नवंबर। जिला मुख्यालय कोंडागांव में दीपावली का पर्व इस बार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। स्थानीय लोगों के बीच इस वर्ष तिथि के कारण थोड़ी असमंजस की स्थिति भी देखी गई, क्योंकि पंचांग के अनुसार मां लक्ष्मी पूजन के लिए 31 अक्टूबर और 1 नवंबर दोनों ही दिन शुभ माने गए थे। ऐसे में कई श्रद्धालुओं ने 31 अक्टूबर की रात लक्ष्मी पूजन किया, जबकि अन्य लोगों ने 1 नवंबर को मां लक्ष्मी की विधि-विधान से आराधना कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
इसके बाद 2 नवंबर को कोंडागांव और आसपास के क्षेत्रों में गोवर्धन पर्व भी धूमधाम से मनाया गया। विशेषकर यादव समाज और किसानों के बीच गोवर्धन पूजा का खास महत्व है। इस अवसर पर सुबह से ही गायों के कोठे में साफ-सफाई कर उन्हें स्नान कराया गया। फिर उन्हें रंग-बिरंगे पुष्पों से सजाकर श्रद्धापूर्वक पूजा की गई। पूजा के बाद गायों को खिचड़ी का भोग अर्पित किया गया और गोबर से गोवर्धन पर्वत का निर्माण कर उसे पूजित किया गया।
कोंडागांव में गोवर्धन पर्व की पारंपरिक पूजा और गायों के प्रति समर्पण का यह भाव क्षेत्र के सभी लोगों में अद्भुत ऊर्जा और भक्ति का संचार करता है। कई घरों में इस अवसर पर विशेष पकवान तैयार किए गए और इन्हें गौ माता को अर्पित किया गया, जिससे गौ सेवा का महत्त्व भी उजागर हुआ।