कोण्डागांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंडागांव, 4 सितंबर। स्वास्थ्य कर्मचारियों की बर्खास्तगी से पूरे समाज वर्ग में नाराजगी है, वहीं सभी संगठन व कर्मचारी संगठन में भी आक्रोश है।
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य फेडरेशन ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य फेडरेशन की अगुवाई में डॉक्टर, स्टाफ नर्स, स्वास्थ्य संयोजक 21 अगस्त से अनिश्चित कालीन हड़ताल में हैं। चूंकि कांग्रेस सरकार ने 2018 में अपनी घोषणा पत्र में स्वास्थ्य कर्मियों के वेतन विसंगति दूर किया जाएगा, ऐसा उल्लेख है जबकि कांग्रेस सरकार के घोषण पत्र में सभी मांगों को पूरा किया है इसी मांग को मनवाने सभी प्रदेश के 45000 स्वा. कर्मचारी हड़ताल पर है। सरकार एस्मा लगाकर सभी कर्मचारी अधिकारियों को बिना चर्चा के बर्खास्त किया जा रहा है, जबकि पूर्व में चर्चा पत्राचार आवेदन निवेदन सम्मलेन आदि के माध्यम से अपनी मांगों के संबंध में वर्तमान भूपेश बघेल सरकार को रखा गया।
उनकी मंत्री मंडल एवं सारे विधायकों से माँग के सम्बन्ध में सहमति पत्र सरकार को विधायकों के माध्यम से मुख्यमंत्री निवेदन किया गया, ये सब संज्ञान में होते हुए भी आज पर्यन्त तक मुख्यमंत्री जी के द्वारा कर्मचारी संघ के प्रांतीय पदाधिकारीयों के बीच कोई मध्यस्थता नहीं हुई है, जबकि छत्तीसगढ़ फेडरेशन संघ के 12 घटक द्वारा कई बार पत्रचार आवेदन निवेदन एवं पांचों संभाग स्तर पर सम्मेलन किया जा चुका है फिर भी सरकार अनभिज्ञता दिखा रही है।
इसके तत्पश्चात 11अगस्त को सांकेतिक एक दिवसीय हड़ताल कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया एवं 10दिनों के भीतर कोई मांगो पर विचार नहीं करने पर 21 अगस्त को अनिश्चितकालीन हड़ताल का छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य फेडरेशन ने विज्ञप्ति जारी कर छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव के नाम पर ज्ञापन विधिवत देकर सूचना देकर 21को अनिश्चितकालीन हड़ताल चले गए।
सरकार संवेदनशीलता का परिचय देते हुऐ जनता की हित में मध्य नजर रखते हुए एवं हड़ताली ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक , डॉक्टर्स, नर्सेस के साथ सहानुभूति पूर्वक निर्णय लेकर समाधान कर सकती थी, किन्तु सरकार दमनात्मक पूर्वक हिटलरशाही पेश कर हड़ताली स्वास्थ्य कर्मियों पर एस्मा क़ानून लगाकर पूरे प्रदेश के कर्मचारियों को बर्खास्ती /निलंबन की कार्रवाई कर रही है, जिसे पूरा समाज प्रमुख एवं कर्मचारी संगठन ने घोर निंदा कर समस्त समाज व कर्मचारी संगठन में आक्रोश हैं। इस कार्यवाही को अनैतिक बताया है।