कोण्डागांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 21 अक्टूबर। जिले के ग्रामीण व शहरी गौठानों में स्व-सहायता समूह की महिलाएं बड़ी संख्या में दीपावली के लिए दीये, मोमबत्ती और अन्य सामग्री के निर्माण में लगी हुई हैं। इन्होंने दीयों की सजावट और गुणवत्ता पर काफी ध्यान देकर मेहनत की है। इस दिशा में गोबर के साथ स्थानीय काली मिट्टी का मिश्रण कर दीयों को आकार देने सहित सजावट किया है। वहीं मोमबत्ती के उत्पादन पर भी उसके तकनीकी व गुणवत्ता का खासतौर पर ख्याल रखा है। जिससे इन महिला समूहों से स्थानीय स्तर पर दीयों और मोमबत्ती की मांग किया जा रहा है। इसे मद्देनजर रखते हुए जिले के कोण्डागांव ब्लाक के दूरस्थ मर्दापाल व फरसगांव ब्लॉक में महिला समूह मोमबत्ती, दीयों के निर्माण में जुटी हुई हैं। वहीं कोण्डागांव शहरी गौठान में स्व-सहायता समूह की महिलाएं दीयों का निर्माण कर रही हैं। दीपावली में दीयों के साथ ही मोमबत्ती के उपयोग को ध्यान रखकर फरसगांव के बान गांव, भानपुरी व आलोर की महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएं मोमबत्ती बना रही हैं। उक्त गांवों के भगवती स्व-सहायता समूह, यमुना स्व-सहायता समूह और आलोर स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने अब तक करीब 2000 मोमबत्ती तैयार कर 9000 रूपये की 1000 से अधिक मोमबत्तियां विक्रय कर चुकी हैं।
इस बारे में मर्दापाल के जय मां काली महिला समूह की अध्यक्ष दीपिका कोर्राम ने बताया कि, उनके समूह की महिलाओं ने बीते सप्ताह भर के भीतर 2800 रूपये की करीब 70 पैकेट मोमबत्ती सी-मार्ट को भेज चुकी हैं। अभी उनके पास 60 पैकेट मोमबत्ती उपलब्ध है, जिसे स्थानीय स्तर पर विक्रय कर रही हैं। उन्होंने बताया कि, चिल्हर में 1 पैकेट 50 रूपये की दर से व थोक में 40 रूपये की दर से विक्रय कर रहे हैं। उनके गांव की एक अन्य महिला समूह महिमा स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष पार्वती कश्यप ने भी बताया कि, वे अभी स्थानीय स्तर पर मोमबत्ती का विक्रय कर रही हैं। कोण्डागांव शहरी गौठान में दीयों के निर्माण में जुड़ी महिला समूह की महिलाओं ने बताया कि, उनके समूह की महिलाएं दीये बनाने में प्रशिक्षित हैं और दीयों के निर्माण में सुंदरता व आकर्षण को विशेष महत्व देकर मेहनत कर रही हैं। इसकी वजह से उनके द्वारा निर्मित दीयों की सुंदरता खूब निखर गई है और स्थानीय लोग इन दीयों को पसन्द कर खरीद रहे हैं। इसके साथ ही उनके द्वारा निर्मित दीये स्थानीय सी-मार्ट को उपलब्ध कराया गया है। इसी तरह फरसगांव ब्लॉक के भंडार सिवनी की जय बजरंग बली स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने विगत एक सप्ताह के दौरान 3000 दीयों का निर्माण कर 10000 रुपये की 2000 दीये स्थानीय बाजार में बिक्री कर चुकी हैं। अब उनके द्वारा निर्मित मोमबत्ती और दीये सी-मार्ट में उपलब्ध कराये जाने की अच्छी मांग को देखकर वे सभी ज्यादा से ज्यादा मात्रा में मोमबत्ती और दीये बनाने के लिए पूरी व मेहनत के साथ जुटी हुई हैं।
जिले में स्व-सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा निर्मित स्थानीय उत्पादों का विक्रय सी-मार्ट तथा बिहान बाजार के माध्यम से किया जा रहा है। इसी तारतम्य में विगत 15 दिवस के भीतर उड़ान संस्था की महिला समूहों द्वारा सी-मार्ट के माध्यम से 25 लाख रूपये की हल्दी, मिर्च, धनिया, कोकोनट ऑयल, अचार, दीये, मोमबत्ती इत्यादि उत्पाद का विक्रय किया गया है। जिससे स्थानीय महिला समूहों को अच्छा लाभ मिल रहा है। इसे देखते हुए महिला समूहों की महिलाएं अपने उत्पादों को तैयार करने के लिये पूरी शिद्दत के साथ जुटी हुई हैं।