कोण्डागांव

इंटीरियर डिजाइनिंग व आर्किटेक्चर में हस्तशिल्प का होगा उपयोग
12-Oct-2022 10:03 PM
इंटीरियर डिजाइनिंग व आर्किटेक्चर में हस्तशिल्प का होगा उपयोग

नागपुर के विद्यार्थियों ने बारीकियां जानीं, कलाकारों से मिले
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 12 अक्टूबर।
नागपुर स्थित मनोरमा बाई मुण्डले कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर के विद्यार्थियों ने कोण्डागांव के हस्तशिल्प कलाकारों से मुलाकात कर लाइव डेमोस्ट्रेशन द्वारा यहां के शिल्पकलाओं के संबंध में जानकारी ली।

इस दौरान उन्होंने विभिन्न शिल्पकारों के घर पहुंच शिल्प निर्माण की विधियों के साथ विभिन्न कलाकृतियों का अवलोकन किया। जहां उन्होंने इन हस्तशिल्प कलाओं को देख इनके इंटिरियर डिजाईनिंग में अनुप्रयोग एवं इनके प्रचार द्वारा इन्हें नई पहचान दिलाने के उद्देश्य से सभी कलाओं का अध्ययन किया।

उन्होंने माटी कला शिल्प के प्रसिद्ध कलाकार अशोक चक्रधारी के घर पहुंच माटी कला के संबंध में जानकारी लेते हुए, उनसे उनके आधुनिक निर्माणों में प्रयोग के संबंध में चर्चा की। कॉलेज के इस वुमन एजुकेशन सोसायटी की 36 छात्राओं ने इसके अतिरिक्त काष्ठशिल्प के प्रसिद्ध कलाकार पंडी दादा से काष्ठशिल्प की बारीकियों को भी जाना।

इस संबंध में दल की छात्रा ने बताया कि कोण्डागांव का ढोकरा शिल्प, रॉट ऑयरन शिल्प, काष्टशिल्प एवं टेराकोटा शिल्प विश्व प्रसिद्ध हैं। जिसका प्रयोग सीमित प्रचार के कारण अभी इंटिरियर डिजाईनिंग में कम हो रहा है। यदि इन्हें इंटीरियर डिजाइनिंग के साथ जोडक़र इनका प्रचार-प्रसार किया जाये तो यह अपने अनूठेपन से सभी को पसंद आएगी।

इस दल द्वारा बस्तर संभाग की शिल्प कलाओं का अध्ययन कर इनके विकास और संभावनाओं के लिए प्रयास भी किये जाएंगे। इसके अतिरिक्त इन्होंने शिल्पियों के घर पहुंचे उनके आवासों पर अध्ययन करते हुए, उन्हें विकसित कर अधिक उपयोगी बनाने पर भी विचार दिये। विद्यार्थियों को कोण्डागांव की संस्कृति, हस्तशिल्प व प्रकृति ने भी बहुत प्रभावित किया है।


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