कोण्डागांव

सिलगेर से पदयात्रा व सुकमा में सभा की अनुमति देने कुंजाम ने कमिश्नर से की मुलाकात
14-Sep-2022 9:00 PM
सिलगेर से पदयात्रा व सुकमा में सभा की अनुमति देने कुंजाम ने कमिश्नर से की मुलाकात

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 14 सितंबर।
सिलगेर से सुकमा तक पदयात्रा और सुकमा में सभा आयोजन के लिए कलेक्टर सुकमा द्वारा अनुमति नहीं देने पर मनीष कुंजाम पूर्व विधायक कोंटा, राष्ट्रीय अध्यक्ष व संभागीय संयोजक अखिल भारतीय आदिवासी महासभा बस्तर संभाग समिति अपने साथियों के साथ 12 सितंबर को जगदलपुर पहुंचे और कमिश्नर बस्तर से मुलाकात की और सिलगेर से सुकमा तक पदयात्रा करने और सभा करने की अनुमति देने के संबंध में पुनर्विचार करने हेतु लिखित आवेदन प्रस्तुत किया।

मनीष कुंजाम द्वारा प्रस्तुत आवेदन में लेख किया गया है कि, कार्यालय कलेक्टर और जिला दण्डाधिकारी सुकमा का अनुमति पत्र क्र 1312, क्र 102 सुकमा 5 सितंबर सिलगेर से सुकमा तक की पदयात्रा व सभा करने की अनुमति के संबंध में पुनर्विचार किया जाए। अखिल भारतीय आदिवासी महासभा बस्तर सम्भागीय समिति द्वारा 19 से 26 सितंबर तक सिलगेर से सुकमा तक पदयात्रा व सभा करने की योजना व कार्यक्रम है। इस बाबत 23 अगस्त को कलेक्टर को पत्र देकर अनुमति चाही गई थी। उक्त पत्र के परिपालन में 5 सितंबर को कलेक्टर सुकमा द्वारा हमारे आवेदन पत्र के जवाब में एक पत्र प्रेषित कर पदयात्रा की इजाजत नहीं दी गई है और 26 सितंबर की सुकमा में सभा करने अनुमति तो दिया गया, परन्तु उसमें केवल सुकमा नगर पालिका क्षेत्र के स्थानीय लोग शामिल हो सकेंगे की शर्तें रखी गयी है। उक्त शर्त के मुताबिक स्वयं आवेदक उक्त सभा में शामिल नहीं हो सकेगा।

संविधान हमें अधिकार देता है कि, अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण आंदोलन कर सकते हैं। प्रशासन हमें बेमतलब कारणों को बताकर ऐसे आंदोलन करने से नहीं रोक सकता है, आंदोलन करना प्रजातांत्रिक अधिकारी है। पदयात्रा व सभा करने की पूरी तैयारी हो चुकी है और इसे पूरा करेंगे। आदिवासी महासभा ने बस्तर में बड़े-बड़े आंदोलन किए हैं, कभी कोई अशांति या भगदड़ नहीं हुआ है।

सिलगेर से सुकमा तक प्रशासन सुरक्षा नहीं भी देगी तो, हम सुरक्षित और शांतिपूर्ण पदयात्रा कर लेंगे और सभा भी होगी। सुरक्षा का बहाना बनाकर हमारे लोकतांत्रिक अधिकार को खत्म न किया जाये। उक्त तथ्यों के साथ मनीष कुंजाम ने कमिश्नर से अनुरोध किया है कि, उनके आवेदन पर संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप विचार कर 19 से 26 सितंबर तक सिलगेर से सुकमा तक की पदयात्रा व वांछित सभा की अनुमति प्रदान की जाए।

मनीष कुंजाम द्वारा प्रस्तुत तर्कों को सुनकर एवं आवेदन को पढक़र कमिश्नर बस्तर श्याम धावड़े द्वारा आश्वासन दिया गया कि, उनकी मांग के अनुरुप यानि पदयात्रा करने व वांछित सभा का आयोजन करने देने हेतु सुकमा कलेक्टर को आवश्यक निर्देश देंगे।

कमिश्नर बस्तर से मुलाकात कर मूल समस्या के समाधान हेतु चर्चा किए जाने के दौरान मनीष कुंजाम द्वारा सुकमा जिले की अन्य समस्याओं एफआरए पांचवी अनुसूची आदि पर भी चर्चा की गई।

इस दौरान मनीष कुंजाम ने प्रेस से चर्चा करते हुए बताया कि, कलेक्टर सुकमा द्वारा अनुमोदित और डिप्टी कलेक्टर द्वारा जारी सभा आयोजन हेतु जारी अनुमति पत्र बेहद हास्यास्पद और असंवैधानिक प्रतित होने के कारण ही उन्हें कमिश्नर बस्तर से मुलाकात और चर्चा करने के लिए सुकमा जिले से जगदलपुर तक आने को मजबूर होना पड़ा।

अनुमति पत्र में मुख्य व वांछित मांग यानि पदयात्रा और सभा करने देने की अनुमति जिस अंदाज में दी गई है, वह बेहद अलोकतांत्रिक है और लगता है कि, राजनीतिक दबाव के कारण ऐसी अनुमति दी गई है। हम उक्त लोकतांत्रिक अनुमति पत्र को मानने को बाध्य नहीं हैं। सिलगेर से सुकमा तक पदयात्रा और वांछित सभा किया जाएगा।


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