कोण्डागांव

साल में एक बार खुलता है, अन्य राज्यों से भी आए श्रद्धालु
प्रकाश नाग
केशकाल, 7 सितंबर (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। कोंडागांव जिले के फरसगांव विकासखंड अंतर्गत ग्राम झाटीबन आलोर में स्थित वर्ष में एक बार खुलने वाली माता लिंगेश्वरी गुफा का द्वार आज दर्शनार्थियों के लिए खोला गया। लिंगेश्वरी माता के दर्शन करने एक दिन पहले से ही लोग पहुँच चुके थे। देखते ही देखते हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।
अनुमान लगाया जा रहा है कि इस वर्ष 40 हजार से अधिक लोगों ने दर्शन किये, वहीं 8 सौ से अधिक श्रद्धालुओं की मन्नतें भी पूरी हुई। सभी लोग लिंगेश्वरी माई जी का दर्शन कर मनोकामना मांगा।
विधिविधान पूर्वक खोला गया लिंगेश्वरी गुफा का द्वार
ग्राम झाटीबन आलोर में लिंगेश्वरी माता दरबार का द्वार सुबह 5 बजे मंदिर के पुजारियों द्वारा खोला गया। मंदिर की साफ सफाई के पश्चात ताजे दूध और चम्पा फूल से विधिवत पूजा-अर्चना की गई। प्रतिवर्ष की भाँति इस वर्ष जब गुफा का द्वार खोला गया तो वहाँ पर पिछले वर्ष बिछाये हुए रेत में बिल्ली के पैरों के निशान देखे गए। पुजारी, समिति व बुजुर्ग ग्रामीणों के मान्यता के अनुसार बिल्ली के पंजे के निशान का मतलब क्षेत्र में इस वर्ष भर भय व वाद विवाद के संकेत की भविष्यवाणी की। पुजारियों द्वारा विधिवत पूजा-अर्चना के पश्चात क्षेत्र की सुख शांति खुशहाली और भक्त जनो की मन्नत पुरी करने के लिए पुजारियों द्वारा माँ से विनती कर चांदी के बने लिंग को मंदिर के मुख्य द्वार पर स्थापित कर पूजा के बाद भक्त जनो के दर्शन के लिए खोला गया।
संतान की कामना में आए विवाहित जोड़ों द्वारा प्रसाद के रूप में खीरा चढ़ाया गया और पुजारी द्वारा पूजा कर उसे विवाहित जोड़ों को दिया और उसे नाख़ून से फाड़ कर उसी पहाड़ी पर बैठकर प्रसाद ग्रहण किया गया।
अन्य राज्यों से भी दर्शन करने आए श्रद्धालु
ज्ञात हो कि 2019 में जो लोग मन्नत मांगे थे, उसमें 800 से अधिक लोगों की मन्नत पूर्ण हुआ है, जिसके साथ उन सभी जोड़ों ने अपने बच्चे के साथ फिर से दर्शन करने पहुंचे। लिंगेश्वरी माई के दर्शन करने हजारों की संख्या में भक्तजनो ने तीन किमी से अधिक की कतार में खड़े होकर माँ के दर्शन करते नजर आये।
लिंगेश्वरी माता के दरबार में एक दिन पूर्व से ही भक्तों का जमावड़ा शुरू हो चुका था, जिसमें बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, मध्यप्रदेश, राजस्थान, झारखण्ड सहित छत्तीसगढ़ राज्य के कोने-कोने से श्रद्धालु मन्नत मांगने पहुंचे थे ।
प्रशासन और पुलिस व्यवस्था में डटे रहे
ज्ञात हो कि यह क्षेत्र पुर्व में नक्लवादी क्षेत्र माना जाता रहा है, इस जरिये से 2 दिन पूर्व ही पुलिस बल की संयुक्त टीम द्वारा निरीक्षण किया गया। एक दिन पूर्व आलोर मंदिर परिसर और उसके आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम किया गया था। इस बार माता लिंगेश्वरी दरबार में भारी भीड़ होने की संभावना से भगदड़ जैसी स्थिति से बचने के लिए जगह-जगह पर बैरिकेट्स लगाकर भक्तों को रोक-रोक कर देर रात तक भक्तजनों को दर्शन करवाया गया। इधर यातायात पुलिस द्वारा पार्किंग व्यवस्था व आवागमन व्यवस्थित करते देखा गया।
भक्तों के लिए भंडारे का आयोजन
मेलास्थल पर भक्तों के लिए भंडारे की व्यवस्था था। जहां हजारों की संख्या में लोग माता का दर्शन कर भंडारे का लुत्फ उठा रहे थे, वहीं प्रतिवर्ष की भांति स्थानीय जनप्रतिनिधि प्रदेश कांग्रेस महामंत्री रवि घोष के द्वारा सभी दर्शनार्थियों के लिए खिचड़ी प्रसाद देर रात तक वितरण किया गया। वहीं पेयजल तथा भीड़ की व्यवस्था, और सफाई व्यवस्था के लिए स्थानीय समिति के युवा और स्कूल के एनएसएस के स्वयंसेवकों ने कमान संभाली।
लिंगेश्वरी मेले को सफल बनाने के जिला व जनपद स्तर के अधिकारी एक दिन पुर्व से डटे रहे। लिंगेश्वरी मंदिर समिति और ग्राम पंचायत झाटीबन, जनपद फरसगांव और समस्त ग्रामवासियों का विशेष योगदान रहा। तद्पश्चात गायता पुजारी द्वारा मंदिर के गर्भ गृह में बराबर रेत बिछाकर और परिसर की साफ सफाई कर मुख्य द्वार को पत्थरो से एक वर्ष के लिए बंद किया गया।