कोण्डागांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 18 जुलाई। पूर्व मंत्री व प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष लता उसेण्डी ने प्रदेश सरकार पर कई आरोप लगाए हैं। उन्होंने विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि, भूपेश सरकार की चुनावी समय में जन मानस से किया गया वादा, तमाम लोकलुभावन घोषणाएं सिर्फवोट बटोरने का छलावा और दिखावा मात्र था। एक ओर देखा जाए वृहद स्तर आंदोलन में उतरने को तैयार अधिकारी कर्मचारी अपनी डीए की मांग को लेकर 25 से 29 जुलाई तक कलम बंद हड़ताल करने जा रहे हैं। इससे समस्त दफ्तर, स्कूल, कॉलेज पूर्णतया प्रभावित होंगे। कई महीने से चली आ रही मांग के साथ ही कई महिनों से आंदोलनरत अधिकारी कर्मचारियों ने संकेत के तौर पर कई बार सरकार को ज्ञापन सौंपा, एक दिवसीय हड़ताल किया, लेकिन सरकार ने इन कर्मचारियों की मांगों पर जरा भी ध्यान नहीं दिया।
लता उसेण्डी ने आगे कहा कि, सरकार के घोषणा पत्र में किए वादों के अनुसार वेतन विसंगति दूर करने की घोषणा की थी। साथ ही चार स्तरीय पदोन्नत वेतनमान जैसे लोक लुभावने वादे किए थे, जो पर्यन्त कोई हल नहीं निकाला जा रहा है। इसकी वजह से अधिकारी कर्मचारी अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है। देखा जाए तो कर्मचारियों को केंद्र के अनुरूप डीए दिया जाना चाहिए। जबकि राज्य सरकार 5 प्रतिशत वृद्धि के बाद 22 प्रतिशत ही डीए का भुगतान 1 मई से दे रही है। इसकी वजह से राज्य के कर्मचारियों के वार्षिक वेतन में 12 प्रतिशत की अघोषित कटौती हो रही है। इस तरह निरंतर कटौती से कर्मचारियों को बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है। मकान भाड़ा में भी कटौती दिख रही है, महंगाई दर के हिसाब से मकान भाड़ा सातवें वेतनमान के अनुरूप दिया जाना चाहिए। पहली दफा देखा जा रहा है, राज्य की भूपेश सरकार ने रिकॉर्ड बनाया है।
पहली दफा कर्मचारी अधिकारी मंहगाई भत्ता जेसे मांगों को लेकर पांच दिवसीय 25 से 29 जुलाई तक पूर्ण रुपेण कलम बंद हड़ताल करने को सडक़ पर उतरने वाले हैं। यह एक रिकॉर्ड है कि डीए की मांग को लेकर कर्मचारियों ने इतनी लंबी हड़ताल की है।