कोण्डागांव

करोड़ों से बनी आवासीय स्कूल भवन 2 साल में ही बदतर हालत में
प्रवीर बदेशा
फरसगांव, 14 जुलाई (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। किसी घटिया निर्माण को लीपापोती कर कैसे चमकाया जा सकता है और निर्माण के दौरान लापरवाही और शासकीय निर्माणों में किस कदर धांधली कर शासकीय राशि का दुरूपयोग किया जाता है, इसका खासा उदाहरण नगर पंचायत फरसगांव के मॉडल स्कूल परिसर में 2 साल पहले बनी एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय चिचाड़ी में देखा जा सकता है।
जिला निर्माण समिति द्वारा वर्ष 2019-20 में नगर पंचायत फरसगांव में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय भवन का निर्माण किया गया। करोड़ों की लागत से बने आवासीय स्कूल भवन 2 साल में ही बदतर स्थिति में पहुंच गया है। ठेकेदार की मनमानी और अधिकारियों की लापरवाही से नवनिर्मित भवन में कई खामियां अभी से नजर आने लगी है, वहीं शुरूआती वर्षा में ही नवनिर्मित भवन में हुए गुणवत्ता हीन कार्य की पोल खुल रही है।
एकलव्य आवासीय विद्यालय का नवनिर्मित भवन लगभग 6 करोड़ रुपए लागत का है, जो छात्रावास महज दो वर्ष में एग्रीमेंट फाइनल होने से पहले ही घटिया निर्माण की कहानी खुद बयां करने लगा है।
बिखरे पड़े बिजली तार दुर्घटना को दे रही आमंत्रण
स्कूलों की व्यवस्था बेहतर बनाने एवं सुविधाओं को विकसित करने के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का माहौल बनाने हेतु प्रयास करने के निर्देश के साथ-साथ जरुरी सुझाव शासन द्वारा देने के बावजूद अधिकारियों द्वारा स्कूलों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
ज्ञात हो कि बच्चों की संस्था में फरसगांव, विश्रामपुरी एवं माकड़ी विकासखंड के कुल 270 बच्चे रहकर पढ़ाई कर रहे हैं और नवनिर्मित भवन में खुले में बिजली तार बिखरे पड़े हैं।
टाइल्स उखड़ जाने से बिजली तार खुले में पड़े नजर आ रहे हैं। खेलते-भागते अगर कोई बच्चा इन तारों के संपर्क में आ जाएं तो कभी भी बच्चों के साथ कोई बड़ी दुर्घटना होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। अगर ऐसा कुछ हुआ तो इसका
जिम्मेदार कौन होगा ?
महज दो वर्षों में नवनिर्मित भवन की खुली पोल
नवनिर्मित भवन में दीवारों में दरारें साफ़ नजऱ आ रही हैं। बीम से टपकता पानी, बाथरूम के टूटे दरवाजे, छत से पानी सीपेज, दीवारें सीपेज मार रही है, उखड़ती टाईल्सें, दीवारों से झड़ता प्लास्टर, देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि भवन के निर्माण में कितनी लापरवाही से काम हुआ होगा।
घटिया काम को छुपाने फिर से हुआ रंग-रोगन
भवन निर्माण में भारी तकनीकी त्रुटियों की शिकायत के बावजूद ठेकेदार द्वारा उसे सुधारा नहीं गया तथा उसी स्थिति में रंग रोगन कर फिलहाल भवन को चमका दिया गया है और अभी से ही रंग उखडऩा शुरू हो गया। महज दो वर्ष उपरांत जून में छात्रावास में पुन: लाखों रुपए खर्च कर दोबारा रंगाई पुताई का काम करवाना समझ से परे है।
इस संबंध में सब इंजीनियर पीएम सोनवानी से ‘छत्तीसगढ़’ द्वारा फोन पर पूछने पर बताया कि ठेकेदार द्वारा एग्रीमेंट फाइनल नहीं हुआ है, इसलिए यह काम ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है।
कोंडागांव जिले के सहायक आयुक्त संकल्प साहू से बात करने पर उन्होंने कहा है कि रंगाई-पुताई का कार्य ठेकेदार द्वारा करवाया जा रहा है। अभी साल भर ठेकेदार के अंडर में बिल्डिंग रहेगा, जिसकी मरम्मत ठेकेदार द्वारा करवाया जाएगा। नवनिर्मित भवन की खामियों के बारे में आपके माध्यम से पता चला है, जल्द ही निरीक्षण कर उक्त खामियों को ठेकेदार द्वारा पूरा करवा दिया जाएगा।