कोण्डागांव

भाजपा को धर्मांतरण और सांप्रदायिकता की बात करने के अलावा कुछ नहीं आता
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
केशकाल, 30 मई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केशकाल विधानसभा दौरा के दौरान बड़ेडोंगर और धनोरा में जन चौपाल लगाकर लोगों की समस्याएं सुनी। जिसके बाद रात्रि विश्राम टाटामारी में करने के बाद दूसरे दिन रविवार सुबह मुख्यमंत्री श्री बघेल पत्रकारवार्ता में शामिल हुए।
इस दौरान पत्रकारों के द्वारा चिटफंड को लेकर जब सवाल किया गया तो मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश में छत्तीसगढ़ पहला राज्य है जो निवेशकों के पक्ष में फैसला लेते हुए पैसा वापस दिलवा रहा है। हमारी सरकार द्वारा कलेक्टर-एसपी को निर्देश दे दिया गया है कि जो भी चिटफंड कंपनी के डायरेक्टर हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई भी हो रही है।
मुख्यमंत्री से पूछा गया कि नक्सलियों के नाम पर आदिवासियों को मारा जा रहा है साथ ही हसदेव अरण्य को बचाने के लिए लोग पुरजोर विरोध कर रहे हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने जवाब दिया कि कांग्रेस सरकार बनाने के बाद से छत्तीसगढ़ में नक्सली घटना बहुत कम हो रही है। नक्सली पहले कैंपों में हमला करते थे, लेकिन अब जवान नक्सलियों को मार गिरा रहे हैं, और जो शहीद भी हो रहे हैं, वह पहले नक्सलियों को मारकर शहीद हो रहे हैं। जिसके कारण अब नक्सली हिम्मत नहीं कर रहे हैं और शासन की योजनाओं के चलते आज पीछे हट रहे हैं।
हसदेव अरण्य के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासियों के हितों के आगे कोई समझौता नहीं किया जाएगा लेकिन कोयला आबंटन का काम भारत सरकार का है। वन और पर्यावरण का अनुमति भारत सरकार देती है, यदि कोयला देश को चाहिए कोयला खदान से कोयला निकालना पड़ेगा यदि बिजली नहीं चाहिए तो बात अलग है।
इसी तरह धर्मांतरण को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार में जो भी धर्मांतरण की शिकायत मिली है, उस पर तत्काल कार्रवाई हुई है। देश में कोई भी आदमी कोई भी धर्म को मान सकता है जिसके लिए वह स्वतंत्र है। यदि कोई जानबूझकर धर्मांतरण करवाता है तो उसके ऊपर हम तत्काल कार्रवाई करते हैं। इसके पूर्व भी 16 लोगों के खिलाफ शिकायत आई थी, जिसमें 8 शिकायतें झूठी पाई गई, वहीं शेष पर कड़ी कार्रवाई हुई है।
बस्तर में लगातार धर्मांतरण बढ़ रहे हैं, इस सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार में सबसे ज्यादा धर्मांतरण हुआ है और अब उनके पास कोई मुद्दा नहीं है। तो इसी को लेकर कर हल्ला कर रहे हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में सबसे ज्यादा चर्च बना है, उस समय डॉ. रमन सिंह मौन थे। भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है, तभी धर्मांतरण और सांप्रदायिकता का बात करेंगे, इसके अलावा कुछ नहीं आता।