कोण्डागांव

विधायक सन्तराम ने भाजपा पर बरसे, पूर्व विधायक नाग को दिया चुनौती
27-Mar-2022 4:33 PM
विधायक सन्तराम ने भाजपा पर बरसे, पूर्व विधायक नाग को दिया चुनौती

जर्जर सडक़ को लेकर भाजपा ने किया था एनएच 30 में चक्काजाम

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
केशकाल, 27 मार्च।
राष्ट्रीय राजमार्ग-30 केशकाल से कांकेर तक की सडक़ के खराब हालत एवं धीमी गति से चल रहे निर्माण कार्य को राज्य सरकार की उदासीनता बताते हुए भाजपा के नेताओं द्वारा विगत दिनों केशकाल के विश्रामपुरी चौक में राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर चक्काजाम कर राज्य सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया था। इस दौरान अंतागढ़ के पूर्व विधायक भोजराज नाग एवं सांसद मोहन मण्डावी समेत अन्य भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व विधायक संतराम नेताम पर जमकर बरसे थे। वहीं विधायक सन्तराम नेताम ने भी सभी आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए करारा जवाब दिया है।

आपको बता दें कि केशकाल विधायक संतराम नेताम उत्कृष्ट विधायक का सम्मान प्राप्त कर शुक्रवार को केशकाल पहुंचे थे, जिसकी खुशी में कांग्रेसियों द्वारा उनका भव्य स्वागत किया था। स्वागत के पश्चात सभा को संबोधित करते हुए विधायक संतराम नेताम ने सर्वप्रथम कांकेर लोकसभा के सांसद मोहन मंडावी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में राज्य सरकार एजेंसी जरूर है, लेकिन विभाग केंद्र सरकार के अधीनस्थ है। इसलिए आप अपने मंत्री नितिन गडकरी  से कहिए कि सम्बंधित ठेकेदार पर दबाव बनाएं और जल्द से जल्द निर्माण कार्य पूरा करवाएं।

ततपश्चात उन्होंने अंतागढ़ के पूर्व विधायक भोजराज नाग के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भोजराज नाग का कहना है कि मैं कभी कुम्भकर्ण तो कभी राउत नाचा करने जाता हूँ, तो उन्हें मैं बताना चाहता हूं कि हम वह विधायक हैं जो छत्तीसगढ़ की परंपरा और रीति रिवाजों के साथ चलते हैं। इसलिए हम राउत नाचा में भी शामिल होते हैं और रामायण में कुम्भकर्ण का किरदार भी निभाते हैं क्योंकि हम जीवन भर विधायक नहीं रहेंगे, लेकिन लोगों के दिल में हमे सदैव जीवित रहना है।  

विधायक संतराम नेताम ने पूर्व विधायक भोजराज नाग को चुनौती देते हुए कहा कि आप केशकाल आकर मेरे सामने अपने पांच वर्ष के कार्यकाल की उपलब्धियों को गिनाइए और मैं अपने पांच वर्ष की उपलब्धियों को जनता के समक्ष रखूंगा। जब प्रदेश आपकी सरकार थी तो आपने सदन में एक शब्द नहीं कहा लेकिन हमने सरकार होने के बावजूद सबसे अधिक प्रश्न और याचिकाएं लगाई हैं, जिसका पुरस्कार भी हमें मिला है, क्योंकि काम करने वालों को पुरस्कृत किया जाता है और काम न करने वालों का टिकट काट दिया जाता है।
 


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