कोण्डागांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 23 मार्च। शासकीय प्राथमिक शाला मुरारीपारा बड़ेबेंद्री में कब मास्टर पवन कुमार साहू शिक्षक सुखदेव भारद्वाज दौलत राम यादव कब-बुलबुल के छात्र-छात्राओं की उपस्थिति में शहीद दिवस मनाया गया। अमर शहीदों के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित व पुष्प अर्पित कर भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्ध्रांजलि दी गई।
इस अवसर पर कब मास्टर पवन कुमार साहू व शिक्षक सुखदेव भरद्वाज ने जानकारी देते हुए कहा कि आज ही के दिन 23 मार्च 1931 को राजगुरु, सुखदेव और भगत सिंह को अंग्रेजों ने फांसी की सजा दी थी। क्योंकि अंग्रेजों को डर था कि उनके बढ़ते ताकत को देखकर कहीं क्रांति उग्र रूप धारण न कर ले। इसलिए अंग्रेजों ने उनकी आवाज को कुचलने के लिए तीनों को फांसी की सजा दे दी गई। लेकिन इन अमर शहीदों को फांसी की सजा होने के बाद देश में क्रांति और उग्र रूप धारण कर लिया। और अंग्रेजों के लिए इस क्रांति को दबाना मुश्किल हो गया। और अंत में अंग्रेजों को भारत छोडक़र जाना पड़ा।
इसलिए हम प्रतिवर्ष 23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में मनाते आ रहे है। भारत देश को अंग्रेजों से आजादी दिलाने में इन महापुरुषों का विशेष योगदान रहा। इसलिए इनकी योगदान को हमें नहीं भूलनी चाहिए। बल्कि इनके बताए मार्ग पर चलकर उनके जीवन से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए।