कोण्डागांव

पूर्व मंत्री लता उसेंडी समेत भाजपा के पदाधिकारी पीडि़त परिवार से मिलने पहुंचे
जमीन गिरवी कर बैंक का कर्ज पटाने मजबूर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
केशकाल, 13 मार्च। केशकाल विधानसभा क्षेत्र के बड़ेराजपुर ब्लाक में विगत वर्ष पटवारियों की लापरवाही के चलते गिरदावरी की रिपोर्ट में त्रुटि होने के चलते मारंगपुरी में कर्ज तले दबे किसान धनीराम मरकाम ने दो दिसम्बर 2020 को फाँसी लगा कर आत्महत्या की थी। जिसके बाद से ही क्षेत्र में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गयी थी। देखते ही देखते खबर पूरे प्रदेश में फैल गयी थी, जिसके बाद भाजपा, कांग्रेस और जनता जोगी कांग्रेस के नेतागण ने बारी-बारी से पीडि़त परिवार से मुलाकात कर सांत्वना व्यक्त करते हुए सहयोग राशि दिलवाने का आश्वासन दिया गया, लेकिन साल भर बीतने के बाद भी न तो अब तक पीडि़त परिवार को मुआवजा मिला है और न ही पीडि़त परिवार का कर्ज माफ हुआ है।
ज्ञात हो कि मृतक किसान धनीराम ने बैंक से 62 हजार रुपए का कर्ज लिया था। अब पीडि़त परिवार के जख्मों पर नमक लगाने का काम बैंक ने किया, जब वहां के कर्मचारियों ने पीडि़त परिवार को बुलवाकर कर्ज की राशि ब्याज के साथ भुगतान करने की बात कही। फलस्वरूप 62 हजार रुपए का कर्ज ब्याज के साथ मिल कर 71,531 रुपए हो गया है।
इधर भाजपा नेताओं को जैसे ही यह जानकारी मिली कि मृतक किसान के परिवार को आज पर्यंत तक कोई मुआवजा नहीं मिला है, ना ही कर्ज माफ हुआ है। इसे गम्भीरतापूर्वक लेते हुए भाजपा की पूर्व मंत्री लता उसेंडी, पूर्व विधायक सेवकराम नेताम, जिलाध्यक्ष दीपेश अरोरा समेत जिला और ब्लाक के समस्त पदाधिकारी पीडि़त परिवार से मिलने मारंगपुरी पहुंचे।
इस दौरान मृतक की पत्नी सुमित्रा बाई मरकाम ने कहा कि परिवार की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है, भविष्य में हमें बेटी का शादी भी करनी है, साथ ही कर्ज भी पटाना है। अब हमें बैंक का कर्ज पटाने और बेटी की शादी करने के लिए जमीन गिरवी रखने के अलावा और कोई उपाय नहीं है।
मृतक के पत्नी ने बताया कि हमें शासन प्रशासन द्वारा कर्ज माफी करने व मुआवजा दिलवाने की बात कही गयी थी, लेकिन अब तक किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं मिला है, उल्टा बैंक का कर्ज भी बढ़ गया है। मुझे बेटी का शादी भी करना है और कर्ज भी पटाना है जिसके लिए मुझे जमीन को बेचना पड़ेगा।
परिवार से मिलने पहुंची पूर्व मंत्री लता उसेण्डी ने बताया कि जिस प्रकार प्रदेश के मुख्यमंत्री ने किसानों के हित में काम करने की बात कहते हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में किसानों का दिनोंदिन शोषण हो रहा है, जिसके कारण किसानों की मौत हो रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम का गृह जिला होने के साथ ही केशकाल विधायक सन्तराम नेताम का गृहग्राम है, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी किसान को मुआवजा नही मिलता बहुत ही दुखद है। हम पूरे भाजपा टीम सोमवार को पीडि़त परिवार के साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे और मांग करेंगे कि पीडि़त परिवार का कर्ज मांग, मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिलवाने का मांग रखेंगे, यदि समय मे माँग पूरा नहीं होगा उग्र आंदोलन करेंगे।
केशकाल एसडीएम दीनदयाल मंडावी ने बताया कि घटना के बाद तत्काल परिजनों को प्रशासनिक 20 हजार रू दिया गया था, अन्य कोई भी मुआवजा राशि नहीं दिया गया है। जैसे ही शासन-प्रशासन के द्वारा निर्देश दिया जाएगा, उस प्रकार आगे की कार्रवाई की जाएगी।