कोण्डागांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 3 मार्च। हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा कोर्ट ने सुनाई है।
प्रकरण के संबंध में लोक अभियोजक दिलीप जैन ने बताया कि 29 जुलाई की शाम पांच बजे मृतक पवन सिंह नाग घर में झाड़ फूंक के बाद पवन सिंह ने आरोपी चन्द्रभान नाग से कहा कि मेरा टंगिया छुरी को बिना पूछे क्यों ले जाता है और उसे जल्दी वापस नहीं करता है। जिस पर आरोपी द्वारा पवन सिंह से लड़ाई-झगड़ा करने लगा। तब पवन की पत्नी गीताबाई के द्वारा मेरे पति से क्यों लड़ाई-झगड़ा करता है, कहने पर आरोपी फावड़ा को पकडक़र उसे मारने के लिए उसके पास आया।
पवन ने आरोपी से कहा कि मेरी पत्नी से क्यों लड़ाई-झगड़ा करता है मारना है तो मुझे मार। इस पर आरोपी बोला कि तुम लोग देवी-देवता करके मेरी बेटी माही को खत्म कर दिए हो कहते हुए शाम करीब छ: बजे घर आंगन के सामने नुकीला धारदार हथियार से पवन सिंह नाग के पेट में दो बार मारा, जिससे वह बेहोश होकर जमीन में गिर गया। तब गीता बाई बीच बचाव भी की। प्रार्थिया गीता बाई ने इसकी सूचना थाना उरन्दाबेडा में दी । विवेचना उपरांत धारा 302 भादवि के अपराध में अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया।
कोण्डागांव जिले के अपर सत्र न्यायाधीश के.पी. सिंह भदौरिया ने प्रकरण का विचारण कर अभियुक्त को धारा 302 के आरोप में आजीवन सश्रम करावास व 10 हजार के अर्थदण्ड व धारा 25 (1-ब) (ब) आम्र्स एक्ट में एक वर्ष के सश्रम कारावास और एक हजार रुपए से दण्डित किया है। अर्थदण्ड की राशि अदा होने के व्यतिक्रम पर 6, 1 माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास पृथक से भुगताने का निर्णय पारित किया गया।