कोण्डागांव

कोंडागांव कलेक्टर समेत जनप्रतिनिधियों ने की पूजा-अर्चना
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
केशकाल, 2 मार्च। नगर से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित धार्मिक स्थल गोबराहीन में विशाल शिवलिंग के दर्शन करने सुबह 4 बजे से ही हजारों की संख्या में भक्तजन पहुंचे। भक्तों ने रात्रि 12 से शिवलिंग का जल, दूध से अभिषेक कर पूजा-आरती की। जिसके पश्चात पूरे दिन भगवान शिव का दर्शन करने भक्तों का तांता लग गया। मेले में ग्रामवासियों एवं केशकाल नगर के कई समाजसेवी संगठनों एवं सामाजिक संस्थाओं के द्वारा भंडारा प्रसादी भी दिया गया। कोंडागांव के कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा समेत क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी इस विशाल शिवलिंग के दर्शन करने पहुंचे।
केशकाल विकासखंड क्षेत्र अंतर्गत गोबराहीन में चौथी-पांचवीं शताब्दी से भगवान शिव की विशालकाय प्रतिमा विराजमान है। यहां प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि पर मेले का आयोजन होता है, देश-विदेश से भी सैलानी देखने आते हैं। गोबराहीन में भव्य मेले का आयोजन हुआ, जहां कोंडागांव जिले के कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने विशाल शिवलिंग की विधिवत पूजा कर क्षेत्र में हमेशा खुशहाली की कामना की।
मान्यता है कि किस्मत वाले लोग ही शिवलिंग को अपने पूरे हाथों से बाहों में भर पाते हैं। इस स्थान को धर्म के साथ-साथ मनोरंजक, मनोरम एवं दार्शनिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण बनाती है। विशाल शिवलिंग से आधा किमी दूर में जोड़ा शिवलिंग भी है, जहां पंगडंडी मार्ग से होकर जाना होता है। साथ ही पुलिस प्रशासन के द्वारा भी कड़ी व्यवस्था की गयी थी।
इसी तरह केशकाल के टाटामारी में स्थापित भगवान शिव की अद्र्धनारीश्वर प्रतिमा की पूजा-अर्चना की गई, जहां पर श्रद्धालुगणों ने अपने दाहिने हाथ को भगवान के दाहिने हाथ को स्पर्श कराकर मनोकामना मांगी, वहीं ग्राम पीपरा में स्थित जोड़ा शिवलिंग है।
नारना में भी पांचवी-छठवीं शताब्दी का शिवलिंग है, जहां दूध, दही व शक्कर आदि लेकर शिवरात्रि की रात मंदिर पहुंच पूजा अर्चना कर मनोकामना मांगी जाती है, यहां भी पूरा दिन दर्शन करने भक्तों का तांता लगा रहा। गोबराहीन में भक्तों के लिए शिवमंदिर परिवार, रजक परिवार, बंग समाज द्वारा खिचड़ी का प्रसाद व डिहिपारा समिति के द्वारा भंडारा करवाया गया।
केशकाल से गोबराहीन 5 किमी की दूसरी में स्थित है। हर साल की तरह इस साल भी पवन चंद्राकर के द्वारा दर्शनार्थियों के लिए निशुल्क वाहन उपलब्ध कराया गया। पवन चंद्राकर ने बताया कि गोबराहीन पहुंचने के नगर से 5 किमी जाना पड़ता है। कई ऐसे ग्रामीण लोग के जिनके पास जाने के लिए साधन नहीं रहता, ऐसे लोगों के लिए हर साल वाहन उपलब्ध कराया जाता है। इस साल भी 12 वाहन भक्तों की सेवा में लगा हुआ था, जो सुबह से देर शाम तक लगा रहता है ।