खैरागढ़-छुईखदान-गंडई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गंडई, 1 जून। धूर नक्सल प्रभावित ग्राम पंचायत बकरकट्टा स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र में 29 मई को लचर स्वास्थ्य सुविधा एवं डिलीवरी के लिए गर्भवती महिलाओं को गंडई-छुईखदान भेजे जाने से गुस्साए ग्रामीणों ने ताला जड़ दिया था। राजस्व विभाग के अनुविभागीय अधिकारी रेणुका रात्रे को इस संबंध में जानकारी होने पर तहसीलदार अमरदीप अंचल एवं टीम के साथ बकरकट्टा के ग्रामीणों के बीच पहुंचकर ग्रामीणों को मनाने का प्रयास किया। साथ ही ग्रामीणों की बैठक लेकर उनकी समस्याएं सुनी।
इस अवसर पर ग्रामीणों ने बताया कि उप स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ एएनएम को मरकाटोला अटैच कर दिए हैं। जिससे जचकी के लिए मितानिनों को साल्हेवारा-गंडई-छुईखदान रिफर कर दिया जा रहा है। जिससे जच्चा-बच्चा की जान जोखिम में रहता है। उपस्वास्थ्य केंद्र बकरकट्टा सिर्फ नाम का रह गया है। टेक्निशियन, वार्डब्वाय, स्टॉफ नर्स एवं सबंधित स्टाफ की कमी है। वर्तमान में यह स्वाथ्य केंद्र केवल फार्मासिस्ट के भरोसे चल रहा है। समस्याओं को सुनने के बाद एसडीएम रेणुका रात्रे ने अटैचमेंट स्टॉफ को तत्काल प्रभाव से वापस करने बीएमओ मनीष बघेल एवं सीएमओ खैरागढ़ से बात की। साथ ही उपस्वास्थ्य केंद्र के डॉ. आरएमओ हिरवानी को चेतावनी देते कहा कि आप नियमित रूप से उप स्वास्थ्य केंद्र में उपस्थित होकर मरीजों एवं डिलीवरी केश समेत जरूरतमंदों की सेवा करें। दोबारा शिकायत मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सप्ताहभर के अंदर उपस्वास्थ्य केंद्र बकरकट्टा में सबको स्वास्थ्य लाभ मिलने के आश्वासन के बाद ताला खोला गया। गंडई एसडीएम रेणुका रात्रे ने बताया कि अटैच एएनएम को वापस बकरकट्टा में पदस्थ कर दिया गया है। वहां पदस्थ डॉक्टर छुट्टी में लगातार चल रहे थे, उन्हें समझाईश दिया गया है। जिसके बाद ग्रामीणों ने स्वयं ताला खोल दिए हैं।


