खैरागढ़-छुईखदान-गंडई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गंडई, 12 मार्च। क्षेत्र के पैलीमेटा बाजार में जंगली फल तेंदू की आवक बढ़ गई है। पैलीमेटा क्षेत्र में तेंदू की अच्छी पैदावार होने की जानकारी सामने आई है। क्षेत्र के लोग जंगलों से तेंदू तोडक़र आय अर्जित करने की जुगत में है। वहीं तेंदू फल को सेहत के लिहाज और पौष्टिक मानते इसकी बिक्री भी बाजार में बढ़ गई है। धनेली कन्हार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. राजेश शुक्ला ने बताया कि तेंदू पेड़ के छालों के लेप त्वचा रोगों के लिए काफी कारगर है।
तेंदू पेड़ के फल, छाल, बीज व पत्ता सभी का आयुर्वेदिक महत्व है। छाल का काढ़ा का उपयोग मुंह संबंधित रोगों के लिए किया जा सकता है। तेंदू फल पेट संबंधित रोग व स्त्रियों के गर्भाशय संबंधित उपचार में भी काफी उपयोगी है। मिली जानकारी के अनुसार तेंदू अंचल में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। तेंदू फल मीठा तथा स्वादिष्ट होता है। इस फल की बिक्री से ग्रामीणों को अच्छी आमदनी होती है। यह फल जनवरी से अप्रैल माह तक पेड़ों में आता है।


