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अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा में बुधवार को छह बार मतदान होने के बावजूद भी अध्यक्ष नहीं चुना जा सका.
रिपब्लिकन पार्टी के नेता केविन मैकार्थी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार हैं. मंगलावर से बुधवार तक छह बार मतदान होने पर भी उन्हें बहुमत नहीं मिल सका.
अमेरिका में 100 सालों में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब बिना अध्यक्ष के ही सदन को स्थगित करना पड़ रहा है.
आज सातवीं बार सदन में अध्यक्ष पद के लिए मतदान हो सकता है.
ऐसा 1923 के बाद पहली बार हुआ जब मतदान में अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो पाया.
नवंबर में हुए चुनाव के बाद रिपब्लिकन पार्टी के लिए प्रतिनिधि सभा में अध्यक्ष पद पाना आसान माना जा रहा था. मैकार्थी को जीत के लिए कुछ ही वोटों की ज़रूरत थी.
लेकिन, उन्हें अपनी ही पार्टी में विरोध का सामना करना पड़ा.
उन्हें जीत के लिए 218 वोटों की ज़रूरत थी. वैसे तो रिपब्लिकन पार्टी के पास 222 सीटें थीं लेकिन पार्टी के लगभग 20 धुर दक्षिणपंथी नेता उनके ख़िलाफ़ हो गए हैं.
एक रिपब्लिकन लॉबिस्ट ने कहा, ''मैकार्थी ने कुछ समूहों में दोस्त नहीं बनाए हैं. उन्होंने कई दुश्मन बनाए हैं. कई लोग उन्हें राजनीतिक और निजी कारणों से पसंद नहीं करते.''
छह बार मतदान होने के बाद कैलिफॉर्निया के सांसद मैकार्थी ने कहा कि कोई समझौता नहीं हो पाया है और दुबारा मतदान कराने का कोई मतलब नहीं है.
उन्होंने कहा, ''मुझे लगता है कि लोग इस पर थोड़ा और काम करें. आज रात होने वाले मतदान से कोई फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन, बाद में होने वाले मतदान में कोई नतीजा निकल सकता है.''
हालांकि, सदन फिर से शुरू होने पर स्थगन प्रस्ताव लाया गया जिसका डेमोक्रेट सांसदों ने विरोध किया.
ये प्रक्रियात्मक देरी कराने का एक तरीक़ा और ये रिपब्लिकन पार्टी भी ये तरीक़ा अपनाती आई है. हालांकि, बाद में सदन को स्थगित कर दिया गया. (bbc.com/hindi)