अंतरराष्ट्रीय

तिब्बती बौद्ध धर्म के सबसे बड़े आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है.
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हमने दलाई लामा की ओर से दलाई लामा संस्था की निरंतरता को लेकर दिए गए बयान से जुड़ी रिपोर्ट्स देखी हैं."
उन्होंने कहा, "भारत सरकार आस्था और धर्म से जुड़े विश्वासों और परंपराओं पर कोई रुख़ नहीं अपनाती और न ही इस पर कोई टिप्पणी करती है."
बयान में आगे कहा गया, "सरकार ने हमेशा भारत में सभी के लिए धार्मिक स्वतंत्रता का समर्थन किया है और आगे भी ऐसा करती रहेगी."
दलाई लामा ने बुधवार को कहा था कि दलाई लामा की संस्था जारी रहेगी.
इस बात का सीधा मतलब यह है कि मौजूदा दलाई लामा की मृत्यु के बाद भी उनका उत्तराधिकारी होगा.
लेकिन दलाई लामा के उत्तराधिकारी के मुद्दे पर चीन ने कड़ा ऐतराज़ जताया है.
दलाई लामा के संदेश को ख़ारिज करते हुए चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि उनके पुनर्जन्म को चीनी सरकार की मंज़ूरी की ज़रूरत है.
साथ ही चीन ने कहा कि दलाई लामा के उत्तराधिकार की प्रक्रिया में चीन के क़ानूनों और नियमों के साथ-साथ 'धार्मिक अनुष्ठानों और ऐतिहासिक परंपराओं' का पालन होना चाहिए.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी की पहचान केवल लॉटरी सिस्टम के माध्यम से की जा सकती है - जहां नाम एक सुनहरे कलश से निकाले जाते हैं. (bbc.com/hindi)