गरियाबंद

पूर्व भाजपा प्रत्याशी निर्दलीय मैदान में उतरे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 29 जनवरी। मंगलवार को चुनाव को लेकर गरियाबंद में भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपनी ताकत का जोरदार प्रदर्शन किया। अध्यक्ष और पार्षद पद के प्रत्याशी सैकड़ों समर्थकों के साथ ढोल-नगाड़ों की गूंज में नामांकन दाखिल करने पहुंचे। दिलचस्प नजारा तब देखने को मिला, जब दोनों दलों की रैली सिर्फ कुछ ही फासले पर आमने-सामने होती नजर आई, जिससे चुनावी माहौल पूरी तरह गरमा गया, वहीं भाजपा के पूर्व घोषित अध्यक्ष प्रत्याशी ने नामांकन पर्चा दाखिल कर अचंभित किया।
नगर निकाय चुनाव अंतर्गत भाजपा के पालिका अध्यक्ष प्रत्याशी रिखीराम यादव सहित 15 वार्डों के पार्षद प्रत्याशियों ने मंगलवार को विधायक रोहित साहू, चुनाव प्रभारी सुरेन्द्र पाटनी, भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ दुर्गा मंदिर से रैली के रूप में नामांकन के लिए निकली आतिशबाजी डीजे के साथ कलेक्ट्रेट पहुंच नामांकन पर्चा दाखिल किया , तो दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी के गैंद लाल सिन्हा कांग्रेस पदाधिकारियों सहित सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ रैली नामांकन के लिए निकले तिरंगा चौक में जमकर आतिशबाजी रैली किया । इस दौरान कांग्रेस प्रत्याशी गैंद लाल सिन्हा अलग अंदाज में हाथ जोड़ आम नागरिकों से अपील करते हुए कलेक्ट्रेरेट नमांकन कक्ष पहुंच अपना पर्चा दाखिल किया, वहीं दूसरी ओर एन वक्त पर बदले गये भाजपा के पूर्व घोषित प्रत्याशी प्रशान्त मानिकपुरी ने पालिका अध्यक्ष पद हेतु निर्दलीय चुनाव लडऩे का निर्णय करते हुए नामांकन के अंतिम दिन अपना नामांकन दाखिल बाद देर शाम भाजपा विधायक उनके निवास पहुंचे , जहां मान मनौवल का दौर चला ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी द्वारा पहले प्रशांत मानिकपुरी को अपना प्रत्याशी घोषित किया था। किंतु 24 घंटे के अंदर प्रत्याशी का नाम बदल दिया गया, ऐसी सूचना है कि इससे मानिकपुरी समाज में नाराजगी व्याप्त हो गई है, पनिका मानिकपुरी समाज के रायपुर संभाग अध्यक्ष सुरेश मानिकपुरी ने कहा कि इस तरह की राजनीति हमारे समाज के साथ छलावा है।
इस मामले में गरियाबंद अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष नरेंद्र देवांगन ने कहा कि प्रशांत हमारे संघ के सदस्य हैं हमपेशा है इस नाते उनके साथ जो हुआ उसके लिये हमारी सहानुभूति उनके साथ है, किन्तु उनके पार्टीगत मामले में हम कुछ नहीं कह सकते। यदि निर्दलीय प्रत्याशी के तौर वें फार्म सम्मिट करते हैं, तो उसमें अभी सम्भावनायें बाकी है। फिलहाल नाम वापसी तक हम कुछ नहीं कहेंगे, उसके बाद अधिवक्ता संघ द्वारा विचार किया जायेगा।