गरियाबंद

तेलंगाना में गूंजा छत्तीगढिय़ा सबले बढिय़ा
14-Sep-2024 1:39 PM
तेलंगाना में गूंजा छत्तीगढिय़ा सबले बढिय़ा

राष्ट्रीय कार्यशाला में शामिल हुए गरियाबंद से पद्मजा गुप्ता

गरियाबंद, 14 सितंबर। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र, हैदराबाद में शिक्षकों के लिए 15 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था। जिसमें गरियाबंदजिले से शा.प्रा. शाला कामेपार में पदस्थ सहायक शिक्षक पद्मजा गुप्ता ने भाग लिया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार नयी शिक्षा नीति 2020 के तहत शिक्षा में पुतली कला की भूमिका विषय पर 15 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन 28 अगस्त से 11 सितंबर तक सीसीआरटी सेंटरए माधपुर.हैदराबाद में आयोजित की गई थी। जिसमें छत्तीसगढ़, अरूणाचल प्रदेश,  आंध्र प्रदेश,  बिहार, हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक, झारखण्ड सहित अन्य राज्यों के प्राथमिक शाला के शिक्षकों ने भाग लिया। इस हेतु एससीईआरटी तथा समग्र शिक्षा परियोजना कार्यालय रायपुर के द्वारा गरियाबंद जिले से पद्मजा गुप्ता का चयन किया गया था। इसके अलावा छग की टीम में  रंजिता राज (सक्ती),  कविता कोरी (बिलासपुर),  नीलमणि साहू (बस्तर), हिरोंदा कोराम (कांकेर), श्रद्धा शर्मा (रायपुर),  नानू कुमार यादव (रायगढ़) व अमित प्रजापति (बालोद) शामिल थे। 

15 दिवसीय कार्यशाला में पुतलीकला के प्रकार, उनके लाभ, पुतली कला को जोड़ते कहानी के माध्यम से पाठ को रोचक बनाना, शिक्षा में रंगमंच व नाटक का प्रयोग, चित्रकला, हस्तकला, गीत, नृत्य का प्रयोग कर नयी शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अंतर्गत जोड़ते हुए बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु देशभर के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया। कल्चरल एक्टिविटी के अंतर्गत छत्तीसगढ़ की टीम ने पारम्परिक नृत्य, कर्मा, ददरिया, सुआ, राऊत नाचा, बस्तरिया नृत्य के साथ ही छग के तीज त्यौहार, परम्परा, पर्यटन, बस्तर दशहरा, तीरथगढ़, चित्रकोट,  कुटुमसर गुफा तथा माई दंतेश्वरी के सम्बन्ध में शानदार संस्कृतिक प्रस्तुति दी गई।  विभिन्न राज्यों से आए प्रतिभागी शिक्षकों ने छग तथा बस्तर की संस्कृति को करीब से जाना तथा उनसे काफ़ी प्रभावित हुए। 

छत्तीसगढ़ की टीम ने स्टिक पपेटए ग्लवस पपेटए फिंगर पपेट, और सेडो पपेट का जबरदस्त समायोजन करते हुए पर्यावरण संरक्षण पर सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति दी गई। जिसकी सभी प्रतिभागी शिक्षकों ने जमकर सराहना की तथा छत्तीसगढिय़ा सबले बढिय़ा का नारा लगाते झूमते रहे। इस दौरान सालार जंग म्यूजियमए क़ुतुबशाही टंबए गोलकोंडा फ़ोर्ट तथा शिल्पारामम म्यूजियम का शैक्षिक भ्रमण भी कराया गया।
 कार्यशाला के अंतिम दिवस 11 सितंबर को संस्था के  निर्देशक  चंद्र शेखरए कार्यशाला के सह.संयोजक श्रीमती सौंदर्या कौशिक के द्वारा सफल प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किये।


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