धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 16 सितंबर। बंगाल की खाड़ी से आ रही नमीयुक्त हवा के सिस्टम से यहां करीब घंटे भर हुई बारिश ने एक बार फिर से ड्रेनेज व्यवस्था की पोल खोल दी है। गरज चमक के साथ हुई मुसलाधार बरसात से निचली बस्ती के कई घरों को जलमग्न कर दिया है। लोगों का मानना है कि आफिस में बैठकर गूगल मैप के सहारे बनवाई गई नालियों की वजह से सडक़ में पानी जाम हो रहा है।
ज्ञात हो कि मंगलवार को करीब 11 बजे यहाँ हुई घंटे भर की बारिश से दानीपारा, पचरीपार, तहसील पारा, संजय नगर, बैगापारा, इंदिरा नगर जैसे कई इलाकों में घुटने तक पानी भर गया। सिविल अस्पताल के प्रवेश द्वार सहित आस पास के घरों में नाली का पानी घुसने लगा। इसी तरह पुरानी मंडी स्वीपर कॉलोनी का भी कुछ ऐसा ही हाल था। दानीपारा जाने वाली सडक़ जलमग्न हो गई। तलाब किनारे बनी सडक़ और नाली भी लबालब हो गई। जिससे लोगों को दुसरे रास्ते से अपने गंतव्य की ओर जाना पड़ा। नगर में इस तरह के हालात पहली बार निर्मित नहीं हो रहे हैं। लोगों ने पहले भी इस बात की शिकायत जिम्मेदारों से की लेकिन कोई हल नहीं निकला।
इस धंधे से जुड़े कुछ जानकर लोगों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों की उदासिनता कहें या अधिकारियों की लापरवाही नाली निर्माण के समय लेबल का ध्यान नही रखा गया, सारा ध्यान सरकारी धन खर्चकर उससे होने वाली अतिरिक्त आय पर होता है। जिसका खामियाजा आम नागरिकों को उठाना पड़ता है। कई जगह सडक़ लेबल से ऊंची नालियों की दीवार बना दी गई है। इसकी मुख्य वजह तकनीकी अधिकारी के मौके में जाए बिना आफिस में बैठकर गूगल मानचित्र के सहारे ठेकेदार को काम समझाने और बील बनाने को माना जा रहा है। जिसके चलते जिन नालियों को पानी निकासी के लिए बनवाया गया था वही पानी के विपरीत बहाव के काम आ जलभराव की वजह बन रही है।
इस तरह की तकनीकी अनदेखी करने से जगह जगह सडक़ों में पानी जाम हो रहा है। इस बारे में नगर पालिका संचालन व्यवस्था से जुड़े एक जिम्मेदार व्यक्ति ने कहा कि पिछले पांच साल में इस तरह की भर्राशाही खूब चली, जिसके चलते ऐसे हालात बने हैं। लेकिन अब अधिकारियों एवं ठेकेदारो को स्पष्ट निर्देश जारी किया गया है कि बीना लेबल के कोई निर्माण नहीं होगा।


