धमतरी

सात सडक़ें बनकर तैयार, 29 और बनेंगी
23-May-2025 5:37 PM
सात सडक़ें बनकर तैयार, 29 और बनेंगी

पक्की सडक़ों ने खोले कमार बसाहटों में विकास के दरवाजे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 23 मई।
 जिले के वनांचलों में रहने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति कमार बस्तियों तक अब फर्राटे से गाडिय़ां दौडऩे लगीं। मोटर सायकिल हो या एम्बूलेंस, सरकारी अधिकारी हों या विकास कार्यों के लिए सामान में लगी गाडिय़ां, बाजार गाड़ी हो या बिजली विभाग की गाड़ी अब सभी का कमार बस्तियों तक सीधे पहुंचना आसान हो गया है।

प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत जिले की विशेष पिछड़ी जनजाति कमारों की बस्तियों तक पक्की सडक़ें बन गईं हैं। इस योजना के तहत दो चरणों में कुल 36 पक्की सडक़ों को बनाने के लिए 43 करोड़ 31 लाख रूपये की मंजूरी मिली है। इसमें से सात सडक़ें बनकर तैयार हो गईं हैं और बाकी मंजूर सडक़ों के लिए तेजी से काम किया जा रहा है। किसी भी स्थान के विकास में सडक़ों की अहम भूमिका वाली प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच धमतरी के कमार बाहुल्य वनांचलों में साकार हो रही है।
सडक़ें बन जाने से लोगों की पहुंच तो बढ़ती ही है, इसके साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, आधारभूत जरूरतों के लिए सुविधाएं भी आसानी से घरों तक पहुंचने लगती हैं। कमार बसाहटों में रहने वाले लोगों को अब बारिश के दिनों में कीचड़ से सनी कच्ची सडक़ों पर नहीं चलना पड़ेगा।

केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत पहले चरण में 29 किलोमीटर से अधिक लम्बाई की 10 सडक़ों के लिए 15 करोड़ 84 लाख और दूसरे चरण में लगभग 56 किलोमीटर लम्बाई की 26 सडक़ों के लिए 27 करोड़ 47 लाख रूपये की मंजूरी दी है। इनमें से उमरगांव से पठार तक 1.80 किलोमीटर, कोरेमुड़ा से कमारपारा तक लगभग एक किलोमीटर मुख्य सडक़ से बरकोन्हा-बगरूमनाला होकर आमापारा तक 4.63 किलोमीटर, छिंदभर्री-बीजापुर मुख्य सडक़ से फुड़हरधाप-हितली तक 4.63 किलोमीटर, माकरदोना से कमारपारा राजीवनगर तक 1.10 किलोमीटर तक, कुकरेल-कांटाकुर्रीडीह मुख्य सडक़ से बहनापथरा तक डेढ़ किलोमीटर, बेलोरा से कमारपारा तक 2.80 किलोमीटर पक्की सडक़ें बन गईं हैं। कमार समाज के प्रमुख श्री बुधलाल कमार ने बताया कि इन सडक़ां के बन जाने से हम कमारों को आनेजाने में अच्छी सुविधा मिल गई है।

 

वनांचल क्षेत्र में पहले कच्ची सडक़ों के कारण गांववालों को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। बारिश के दिनों में किसी के बीमार हो जाने पर गांव तक एम्बूलेंस नहीं आ पाती थी, जिससे मरीज को समय पर अस्पताल पहुंचाने में देरी हो जाती थी। बच्चों को स्कूल जाने में कठिनाई होती थी। तेल-सब्जी-नमक जैसी जरूरत की चीजों को बाजार तक जाकर लाने में भी बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता था।
सरकारी अधिकारी-कर्मचारी भी रास्ता अच्छा नहीं होने के कारण बहुत कम ही इन कमार बस्तियों तक पहुंचते थे, जिससे कमार जनजाति के लोग शासन की योजनाओं का लाभ लेने में भी पिछड़ रहे थे। बुधलाल ने बताया कि लेकिन अब सडक़ बन जाने से कमार बसाहटों तक पहुंच आसान हो गई है। सडक़ों पर गाडिय़ां दौडऩे लगीं हैं और अब सब समस्याओं का समाधान हो गया है। बुधलाल ने अपने पूरे समाज की ओर से विशेष पिछड़ी जनजाति के लिए सुविधाएं देने और उनका ध्यान रखने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार जताया है।  


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