धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरूद, 7 जून। जयपुर अधिवेशन में पचास फीसदी पद युवाओं को दिए जाने संबंधी संकल्प के बाद युवा वर्ग का रुझान कांग्रेस की ओर बढऩे लगा है। युवा कांग्रेस के हो रहे संगठन चुनाव में इस बात का स्पष्ट संकेत मिल रहा है। कुरुद विधानसभा युकांध्यक्ष के एक पद के लिए चार युवक ज़ोर लगा रहे हैं।
गौरतलब है कि भारतीय राष्ट्रीय युवक कांग्रेस के निर्देश पर युकां में संगठन चुनाव की प्रकिया 12 मई से प्रारंभ हो चुकी है। कुरुद विधानसभा युकां अध्यक्ष बनने इस बार देवव्रत साहू, महिम शुक्ला, राजू साहू और भूपेंद्र साहू मैदान में हैं।
वंशवाद के आरोप से घिरी कांग्रेस ने अबकी बार सलेक्शन की जगह इलेक्शन की नीति अपनाई है, इस चुनाव में कोई भी युवा ऐप के जरिए ऑनलाईन सदस्यता लेने के बाद ही मतदान के लिए पात्र हो सकता है। कुरूद विधानसभा के 159 गांव और 237 पोलिंग बूथों में 18 से 35 आयु-वर्ग की संख्या 90 हजार से अधिक है। इतनी बड़ी आबादी में से अपनी विचारधारा के लोगों की पहचान कर उन्हें पार्टी से जोड़ अपने पाले में वोट डलवाने का काम कठिन है। सत्ता और राजनीति के ग्लैमर से प्रभावित युवाओं को इस बार सार्वजनिक जीवन की शुरुआत चुनावी जीत से ही करनी पड़ रही है।
12 जून तक चलने वाले मतदान प्रक्रिया में नये सदस्य बना उनसे अपने नाम पर वोट डलवाने के काम में उम्मीदवार तेज धूप और भीषण गर्मी के बावजूद गांव-गांव भ्रमण कर पसीना बहा रहे हैं। आगामी विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में युवा शक्ति का महत्व समझ सीनियर कांग्रेसी नेता भी गुटीय स्थिति के मुताबिक अपने भरोसेमंद प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने हर तरह की मदद कर रहे हैं।
इस चुनाव में सक्रिय कुछ युकांइयों से चर्चा कर जो बात सामने आई है, उसके मुताबिक ओबीसी वर्ग से ताल्लुक रखने वाले वर्तमान विधानसभा युंका अध्यक्ष व नगर पंचायत कुरूद के पार्षद देवव्रत साहू एवं जनरल कैटिगरी से कुरुद के महीम शुक्ला जो युंका जिला महासचिव है के बीच बराबरी की टक्कर है।
ग्राम कोलियारी के रहने वाले भखारा ब्लॉक यकांध्यक्ष राजू साहू मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने के संघर्ष में लगे हुए हैं। चौथे उमीदवार भूपेंद्र के बारे में क्षेत्र के युवाओं ने ख़ास उत्साह नहीं दिखाया इसकी वजह उनका ताल्लुक पड़ोसी विधानसभा अभनपुर से होने को माना जा रहा है, हालांकि वे कुरुद विधानसभा के ग्राम हसदा के रहने वाले हैं।
बहरहाल जिला एवं कुरुद, भखारा, मगरलोड ब्लाक संगठन से जुड़े बड़े नेता, जिला पंचायत, जनपद, ग्राम पंचायत एवं निकाय में काबिज पदाधिकारी भी अपने पसंद के प्रत्याशी की राह आसान बनाने में प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग कर रहे हैं। एक तरह से देखा जाए तो युवक कांग्रेस के इस चुनाव में प्रदेश से लेकर क्षेत्रिय नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है।





