दन्तेवाड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बचेली, 23 सितंबर। डीएवी पब्लिक स्कूल, बचेली में मंगलवार को उस समय हंगामे की स्थिति बन गई, जब सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं प्राचार्या डॉ. चेतना शर्मा के खिलाफ स्कूल परिसर के गेट पर धरने पर बैठ गए। शिक्षकों ने उन पर लगातार मानसिक प्रताडऩा, तानाशाही रवैये, अपमानजनक भाषा और निजी काम कराने तक के आरोप लगाए हैं।
धरने के दौरान माहौल इतना तनावपूर्ण हो गया कि एक शिक्षिका बेहोश होकर गिर पड़ी, जिन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया। धरने के दौरान सभी बच्चे अपनी कक्षा में रहे और क्लास बाधित रही।
शिक्षकों का कहना है कि प्राचार्या चेतना शर्मा पिछले पाँच वर्षों से पद पर हैं और इस दौरान वे लगातार विवादों में घिरी रही हैं। आरोप है कि वे गरीब परिवारों के बच्चों को अपमानित करती हैं, शिक्षकों से घर का राशन तक मंगवाती हैं और विरोध करने वालों को नौकरी से निकालने की धमकी देती हैं। कुछ शिक्षकों का आरोप है कि प्राचार्या ने उन्हें महिला अपराध के झूठे मामलों में फंसाने की धमकी भी दी।
कार्मिक विभाग से पारितोष मिश्रा एवं विकास कुमार ने मौके पर पहुंच कर मामले की जांच कर प्राचार्य पर कार्रवाई का आश्वासन देने के बाद मामला शांत हुआ।
शिकायत पत्र भी सौंपा गया था
धरने पर बैठे शिक्षकों ने बताया कि 27 शिक्षकों ने 11 सितम्बर को ही एनएमडीसी प्रबंधन और डीएवी के रीजनल ऑफिसर को लिखित शिकायत सौंपी थी, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
शिकायत पत्र में शिक्षकों ने लिखा है- सहयोग और सम्मान का अभाव प्राचार्या के कारण स्टाफ का मनोबल टूटा है। मनमानी निर्णय प्रक्रिया, नियमों को ताक पर रखकर फैसले लिए जाते हैं। असम्मानजनक व्यवहार, अपशब्दों और दबावपूर्ण रवैये से स्टाफ की गरिमा प्रभावित, तीन शिक्षक बीमार होकर अस्पताल में भर्ती हुए और एक ने नौकरी छोड़ दी। शैक्षणिक व सहपाठ्यक्रम गतिविधियों का गलत प्रबंधन, जिससे विद्यार्थियों पर असर। प्राचार्या और स्टाफ के बीच पारदर्शी संवाद की कमी, जिससे भ्रम और असंतोष। मामला बिगड़ता देख नगर पालिका अध्यक्ष राजू जायसवाल और उपाध्यक्ष सतीश प्रेमचंदानी मौके पर पहुंचे। उन्होंने शिक्षकों की व्यथा सुनी और एनएमडीसी अधिकारियों से तत्काल चर्चा की।
एनएमडीसी प्रबंधन ने भरोसा दिलाया कि प्राचार्या चेतना शर्मा पर जांच बैठाई जाएगी और जांच पूरी होने निर्णय आने तक प्राचार्य अवकाश पर रहेगी।
गौर करने वाली बात यह रही कि जब जनप्रतिनिधियों ने प्राचार्या से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने साफ कहा कि वे डिप्रेशन की दवा ले रही हैं और इस विषय पर कोई चर्चा नहीं करेंगी।
लगातार लगते रहे हैं आरोप
जानकारी के अनुसार, प्राचार्या चेतना शर्मा के कार्यकाल में पहले भी अभिभावकों से दुव्र्यवहार और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ के आरोप लग चुके हैं। शिक्षकों का कहना है कि यह मामला अब असहनीय स्तर तक पहुँच गया है और यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो शिक्षा का वातावरण पूरी तरह बिगड़ जाएगा।


