दन्तेवाड़ा

विश्वकर्मा जयंती पर प्रबंधन ने सुरक्षा कारणों से लगाया प्रतिबंध
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बचेली, 11 सितंबर। प्रदेश समेत देश के कई हिस्सों में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। दंतेवाड़ा जिले में भी वर्षा ने तबाही मचाई है। कई स्थानों पर सडक़ें और पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिन्हें प्रशासन ने अस्थायी रूप से दुरुस्त तो किया है, लेकिन हालात अब भी सामान्य नहीं हो पाए हैं।
इन्हीं परिस्थितियों को देखते हुए बैलाडीला आयरन ओर माइंस ने एक बड़ा निर्णय लिया है। प्रबंधन ने निक्षेप क्रमांक 05 एवं 10-11ए के खदान क्षेत्र और पहाड़ी मार्ग पर 17 सितंबर (विश्वकर्मा जयंती) को आम नागरिकों के प्रवेश पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है।
बरसात के मौसम में पहाडिय़ों पर कोहरा और फिसलन बढऩे से दुर्घटनाओं की आशंका रहती है। यही कारण है कि इस बार आमजनों को यहां आने-जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
गौरतलब है कि हर वर्ष 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर आम नागरिकों को बैलाडीला की पहाडिय़ों पर विशेष छूट दी जाती थी, लेकिन इस वर्ष यह परंपरा रोक दी गई है।उस दिन केवल परियोजना में कार्यरत कर्मचारी ही अपने-अपने कार्यस्थलों पर मशीनों और औजारों की पूजा हेतु जा सकेंगे।
विदित हो कि दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा का बैलाडीला क्षेत्र अपने उच्च गुणवत्ता वाले लौह अयस्क और अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। हर साल विश्वकर्मा जयंती (17 सितंबर) को आम लोगों को एक दिन के लिए यहां आने और खदान क्षेत्र व विशाल मशीनों को करीब से देखने का अवसर मिलता था। सर्पिलाकार घाटियों से होकर 22 किमी का सफर आगंतुकों को रोमांचित कर देता था। छत्तीसगढ़ की दूसरी सबसे ऊँची चोटी नंदीराज पर्वत (1210 मीटर) भी यहीं स्थित है, जो आदिवासियों का देवस्थल माना जाता है। लेकिन इस बार बैलाडीला की पहाडिय़ा खाली रहेंगी। सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए प्रबंधन ने प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है।