दन्तेवाड़ा

बचेली परियोजना प्रमुख कोडारी ने झंडी दिखा किया रवाना, हैदराबाद में करेंगी पढ़ाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बचेली, 9 सितंबर। बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा के बचेली क्षेत्र में एक प्रेरणादायक क्षण रहा, जब एनएमडीसी बचेली के सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) अंतर्गत, बालिका शिक्षा योजना के माध्यम से 30 आदिवासी बालिकाओं को निशुल्क नर्सिंग पाठ्यक्रम में प्रवेश दिलाने के उद्देश्य से उनका हौसला बढ़ाते हुए बैला क्लब से सोमवार को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
बचेली परियोजना के प्रमुख श्रीधर कोडारी ने सभी को उत्साह से आशीर्वाद दिया, उन्हें यह एहसास कराया कि यह अवसर केवल शिक्षा का नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और भविष्य की नई शुरुआत का है। सभा में उनके प्रेरणादायक शब्दों ने सभी बच्चों और उपस्थितजनों के मन में उम्मीद की एक नई रोशनी जगा दी।
यह पहल एनएमडीसी द्वारा युवा आदिवासी लड़कियों को सम्पूर्ण नि:शुल्क नर्सिंग शिक्षा मुहैया कराने की दिशा में एक ठोस कदम है। ‘बालिका शिक्षा योजना’ के तहत बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा, कोंडागांव, बीजापुर एवं नारायणपुर के आदिवासी बालिकाएं बीएससी नर्सिंग और जीएनएम कोर्सेज में प्रवेश पा सकती हैं — इसमें ट्यूशन फीस, हॉस्टल, किताबें और अन्य शैक्षणिक खर्च शामिल हैं। ये बालिकाओं हैदराबाद के यशोदा नर्सिंग कॉलेज में अध्ययन करेगी।
बदलाव की इस यात्रा में एनएमडीसी का उद्देश्य आदिवासी बालिकाओं को शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें स्वास्थ्य क्षेत्र में एक सम्मानजनक करियर की ओर अग्रसर करना है। यह कदम उनके परिवारों के लिए भी गर्व और उनकी संभावनाओं के लिए अवसरों का द्वार खोलता है।
अभिभावकों की खुशी दोगुनी, जताया आभार
इन छात्राओं के साथ उनके अभिभावक भी इस अवसर पर मौजूद रहे। बच्चियों के चेहरे पर जहां नए सफर का उत्साह था, वहीं परिजनों की आंखों में गर्व और खुशी साफ झलक रही थी। सभी अभिभावकों ने एनएमडीसी बचेली प्रबंधन के इस सराहनीय कदम के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि इस पहल ने उनकी बेटियों के भविष्य को नई दिशा दी है।
इस दौरान एनएमडीसी बचेली परियोजना के कार्मिक महाप्रबंधक महेश एस नायर, सीएसआर उपमहाप्रबंधक जोशी थॉमस, सिविल उपमहाप्रबंधक केपी बँसोड़, सामग्री महाप्रबंधक सी श्रीधर, डॉ. अरविन्द पांडे, श्रमिक संगठन से जागेश्वर प्रसाद, आशीष यादव, चंद्र कुमार मंडावी, आदिवासी संघ से एमआर बारसा, अशोक नाग व अन्य अधिकारी कर्मचारी, श्रमिक संगठन के पदाधिकारी व सदस्य तथा बालिकाओं के अभिभावक परिजन उपस्थित रहे।