दन्तेवाड़ा

डिजिटल युग में भी शिक्षक का स्थान सर्वोपरि- विधायक
05-Sep-2025 10:36 PM
डिजिटल युग में भी शिक्षक का स्थान सर्वोपरि- विधायक

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

दंतेवाड़ा, 5 सितंबर। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम विद्यालय, दंतेवाड़ा में शुक्रवार को रजत जयंती महोत्सव एवं शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विधायक और कलेक्टर ने 23 शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।

विधायक चैतराम अटामी ने शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शिक्षक समाज में गुरु स्वरूप होते हैं, जिनका योगदान सदैव स्मरणीय रहता है। उन्होंने डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एवं डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन वृत्त का उल्लेख करते हुए कहा कि शिक्षक का स्वरूप दीपक, भौंरा, पारस और चंदन की तरह होता है, जो अपने ज्ञान, परिश्रम और संस्कारों से विद्यार्थियों को निखारते हैं। उन्होंने आगे कहा कि डिजिटल युग में भी शिक्षक का स्थान सर्वोपरि है। जितना उत्कृष्ट शिक्षक कार्य करेंगे, उतने ही बेहतर विद्यार्थी समाज को मिलेंगे। इसके साथ ही उन्होंने शिक्षक दिवस पर दंतेवाड़ा मुख्यालय में नया ऑडिटोरियम निर्माण किये जाने घोषणा की।

शिक्षक दिवस मौके पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष, अरविन्द कुंजाम नें शिक्षक दिवस की बधाई देते हुए कहा कि शिक्षा नीति में बहुत सुधार आया है। अत: समस्त शिक्षकों परम दायित्व है कि वे नये शिक्षा नीति अनुरूप छात्रों को शिक्षा देकर उनका भविष्य उज्जवल बनाये।

इस क्रम में कलेक्टर कुणाल दुदावत नें प्रेरक संबोधन में ‘‘गुरू गोविंद दोउ खड़े, काके लागु पांय, बलिहारी गुरु आपकी गोविंद दियो बताय,‘‘ का उदाहरण दिया। संत कबीर दास द्वारा गुरुजनों की महिमा को व्यक्त कर उनकी महानता को प्रदर्शित किया गया है। इसके अलावा हमारे ग्रंथों में भी गुरु सर्वोच्च स्थान दिया गया है। माता-पिता के बाद गुरु ही एक बालक का प्राथमिक मार्गदर्शक होता है जो उसे अनुशसन, ईमानदारी, कर्तव्य पालन का महत्व बताने के साथ-साथ समाज में रहन-सहन का सलीखा सिखाते है।

उन्होंने आगे कहा कि राज्य भर में जिले के 10वीं और 12वीं के उत्साह जनक परिणामों का संपूर्ण श्रेय शिक्षकों को जाता है। जिन्होंने अथक मेहनत एवं प्रयासों से छात्रों ने बेहतरीन प्रदर्शन कर जिले का नाम रोशन किया।

उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि इस नवीन टेक्नोलॉजी के दौर में शिक्षक नई तकनीक अपनाकर आगामी पीढ़ी की शिक्षा को नयी दिशा दें। बच्चों के आधारभूत व्यक्तित्व विकास में शिक्षकों का योगदान सर्वाधिक होता है अत: प्राथमिक, माध्यमिक और हाई स्कूल स्तर तक हर छात्र का भविष्य संवारना शिक्षकों का प्राथमिक दायित्व है ताकि वह देश का जिम्मेदार नागरिक बन सके।

इसके साथ ही सीईओ, जयंत नाहटा ने शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज वे स्वयं जिस मुकाम पर है उसका पूरा श्रेय मेरे माता-पिता के बाद शिक्षकों को जाता है। शिक्षा ही एक छात्र को भविष्य के सपने सजोने का अवसर देता है। उन्होंने जिले के विगत परीक्षा परिणामों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि चाहे 10 वीं और 12 वीं के परीक्षा परिणाम हो अथवा छू लो आसमान के प्रतिभाशाली छात्रों द्वारा नीट, आईआईटी संस्थानों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया जाना हो। इन सबके पीछे शिक्षकों की जी - जान से की गयी मेहनत ही है। जिसके बदौलत छात्रों ने अपना भविष्य संवारा है। इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष पायल गुप्ता, जनपद पंचायत उपाध्यक्ष रमेश गावड़े, सहायक संचालक अहिल्या ठाकुर और डीएमसी हरीश गौतम प्रमुख रूप से मौजूद थे।


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