दन्तेवाड़ा

सीएम ने ली बाढ़ राहत कार्यों की जानकारी
01-Sep-2025 10:41 PM
सीएम ने ली बाढ़ राहत कार्यों की जानकारी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

दंतेवाड़ा, 1 सितंबर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दंतेवाड़ा जिले के प्रवास के दौरान संयुक्त जिला कार्यालय दंतेवाड़ा के डंकिनी सभाकक्ष में राहत एवं पुनर्वास कार्यों की गहन समीक्षा की।  इस बैठक में दंतेवाड़ा के अलावा बस्तर संभाग के सुकमा, बीजापुर और बस्तर जिले के कलेक्टर एवं वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

 विगत माह 26 एवं 27 अगस्त को हुई अतिवृष्टि से हुई हानि एवं प्रशासन द्वारा चलाये गए राहत कार्यो की मुख्यमंत्री ने बैठक लेकर जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्राकृतिक आपदा के दौरान प्रशासनिक अमलों के द्वारा त्वरित कार्यवाही की गई, वह सराहनीय है। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों से  प्रशासनिक तत्परता एवं त्वरित कार्यवाही से संतुष्ट हैं।

  मुख्यमंत्री श्री साय ने  बैठक में आगे कहा कि बीते माह आई प्राकृतिक आपदा एवं विभीषिका से जो जन-धन एवं अधोसंरचना की क्षति हुई है व अपूरणीय है। यह अच्छी बात है कि जिला प्रशासन द्वारा फौरी तौर पर बचाव एवं राहत कार्य के लिए कदम उठाए गए। साथ ही शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा एक दिन का वेतन दान में दिया गया, वह अनुकरणीय है। उन्होंने आगे कहा कि इस क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर आई बाढ़ आपदा से इन चारों जिलों में 115 करोड़ रुपये की विभिन्न अधोसंचनाओं की क्षति हुई है। इनकी मरम्मत के लिए राज्य शासन द्वारा हर संभव सहयोग किया जाएगा। साथ ही मुख्यमंत्री ने विभिन्न गैर शासकीय एवं स्वैच्छिक संगठनों के द्वारा किये गए कार्यो की सराहना की।  उन्होंने बैठक में सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि इन चारों जिलों में स्थिति सामान्य होने तक राहत एवं स्वास्थ्य शिविर आवश्यकतानुसार जारी रखें और लगातार प्रभावितों के संपर्क में रहें तथा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सतत् जारी रखें। इसके लिए लगातार कैंप लगाकर ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच करें तथा उन्हें समसामयिक सलाह देते हुए आवश्यक दवाएं और स्वास्थ्य सेवाएं तात्कालिक रूप से मुहैया करायें। बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों से राहत राशि अविलंब जारी करने के भी निर्देश दिए।

बैठक में उपस्थित मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह ने स्पष्ट तौर पर निर्देशित किया कि राष्ट्रीय राजमार्ग में यातायात बाधित न होने पाये, इसके लिए कार्यपालन अभियंता तत्काल प्रस्ताव केन्द्रीय कार्यालय को प्रेषित करें। साथ ही केषकाल में राष्ट्रीय राजमार्ग के सुधार कार्य हेतु तात्कालिक रूप से कार्यवाही करने के निर्देश दिए। इस दौरान सचिव आपदा प्रबंधन श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले ने पशु-हानि पर दी जाने वाली मुआवजे की राशि के लिए नये निर्देशों के अनुसार आवंटन देने हेतु कलेक्टरों को निर्देशित किया। स्वास्थ्य विभाग की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार डोर-टू-डोर सर्वे कराया जाए। साथ ही स्वास्थ्य अधिकारी यह भी सुनिश्चित करें कि इन क्षेत्रों में मलेरिया, टाइफाइड एवं जल जनित रोग पनपने न पाए। उन्होंने पेयजल के सभी स्रोतों में क्लोरिनाइजेषन कराने तथा उसका परीक्षण करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।

     इसके पहले, बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर और बस्तर जिले के कलेक्टरों ने निर्धारित एजेंडा अनुसार बाढ़ से हुई क्षति और जिला प्रशासन द्वारा चलाए गए राहत कार्यों की क्रमवार जानकारी दी। बैठक में जिले में हुई अतिवृष्टि से प्रभावित ग्रामों, क्षतिग्रस्त पुल-पुलियों, सडक़ों तथा बाधित विद्युत आपूर्ति एवं मोबाइल नेटवर्क की जानकारी दी गई। साथ ही इस दौरान हुई जन-धन हानि और  बाढ़ में बह गए घरों व मवेशियों के बारे में संख्यात्मक एवं तथ्यात्मक आंकड़े पीपीटी के माध्यम से साझा किए गए। इसके अलावा जिला प्रशासन द्वारा चलाये गए राहत एवं बचाव कार्य तथा प्रभावितों का रेस्क्यू कर उन्हें राहत कैंप में लाने, तात्कालिक उपचार करने और खाद्य सामग्री वितरित करने की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि सर्वाधिक क्षति नदी-नालों के किनारे स्थित ग्रामों के लोगों की हुई हैं। समय पर प्रशासनिक राहत मुहैया कराई गई।

इसमें प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री टंकराम वर्मा, वन मंत्री एवं प्रभारी मंत्री  केदार कश्यप, बस्तर सांसद महेश कश्यप, विधायक चैतराम अटामी, अध्यक्ष नंदलाल मुड़ामी, आयुक्त डोमन सिंह, आईजी बस्तर सुंदरराज पी, दंतेवाड़ा कलेक्टर  कुणाल दुदावत, सुकमा कलेक्टर देवेश ध्रुव और बीजापुर कलेक्टर संबित मिश्रा प्रमुख रूप से मौजूद थे।

 

 

 

 


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