दन्तेवाड़ा
एनएमडीसी के लौह चूर्ण के दलदल में फंस कर गिर रहे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
किरंदुल, 26 जुलाई। स्कूली बच्चे रोजाना एनएमडीसी के लौह चूर्ण के दलदल में फंस कर गिरते हैं और बगल से निकल रही एनएमडीसी के ठेकेदारों की वाहनों से अपनी जान बचाते हैं।
बैलाडीला में एनएमडीसी की लौह अयस्क की खदान है और इन खदानों से प्रतिवर्ष सरकार को अरबों खरबो रुपए का फायदा होता है। विकास के नाम पर एनएमडीसी बड़े-बड़े दावे करती है, पर धरातल में कहानी कुछ और ही बयां कर रही हैं। एनएमडीसी किरंदुल से विशाखापट्टनम तक लौह अयस्क की ढुलाई के लिए मालगाड़ी का उपयोग करती है, जिसमें एनएमडीसी के ठेकेदारों द्वारा बड़े बड़े वाहनों के माध्यम से आम रास्ते को उपयोग करते हुए मालगाड़ी तक लौह चूर्ण पहुंचाया जाता है। रास्ता में लौह चूर्ण ओर दलदल में रोज स्कूली बच्चे गिरते हैं, अपनी जान को जोखिम में डाल कर यह रास्ता तो पार करते हंै, पर उनका स्कूल ड्रेस, जूता मोजा, बस्ता लाल कीचड़ की भेंट चढ़ जाता है।
रोजाना इस मार्ग से एक हज़ार लोग आना जाना करते हैं। एनएमडीसी को कई बार इसकी शिकायत करने के बावजूद अब तक उसके कानों में जूं नहीं रेंगी। एनएमडीसी के अधिकारी आश्वासन देकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेते हैं। वही स्कूली मासूम बच्चे रोज इन समस्याओं से जूझते हैं।
ज्ञात हो कि यह मार्ग आम रास्ता था अब इस रास्ते पर एनएमडीसी ने अपना कब्जा कर लिया है। छोटी छोटी बच्चियां एनएमडीसी के लौह चूर्ण के दलदल में फंस जाती हैं और कीचड़ से अपने पैर निकालते गिरती भी है। एनएमडीसी लोह चूर्ण की ढुलाई के चलते सडक़ गायब हो गई है ओर चारों और लौह चूर्ण का कीचड़ दिख रहा है।
किरंदुल डीएवी पब्लिक स्कूल में पढऩे वाले बच्चियों ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि हम लोग रोज स्कूल से आते आते वक्त कीचड़ में गिरते हैं और हमारे पूरे कपड़े खराब हो जाते हैं। मम्मी भी घर में डांट लगाती है कोई भी हमारा तकलीफ को नहीं समझता हम चाहते हैं कि यह सडक़ बन जाए। बारिश में कीचड़ और गर्मी में धूल से हम परेशान रहते हैं।
वार्ड पार्षद निधि जैस्वाल ने भी कहा कि कई बार एनएमडीसी के अधिकारियों से इसकी शिकायत कर चुके हैं पर उन लोग सिर्फ आश्वासन ही देते हैं कोई सुनने वाला नही।


