कुरुद, 17 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट द्वारा आदिवासियों के उत्थान, संरक्षण, संवर्धन के लिए सविधान प्रदत्त आरक्षण को 32 फीसदी से घटाकर 20 प्रतिशत किए जाने पर सर्व आदिवासी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। विरोध स्वरूप धमतरी जिला के चारों विकास खण्डों मे 18 अक्टूबर को धरना प्रदर्शन, आक्रोश रैली एवं चक्काजाम का ऐलान किया है।
सर्व आदिवासी समाज-धमतरी जिलाध्यक्ष जीवराखन लाल मरई ने आंदोलन की वजह बताते हुए कहा कि प्रदेश सरकार न्यायालय में अपने अध्यादेश के पक्ष में आदिवासियो का पक्ष में सही तथ्य नही रख पाई जिसके कारण हाईकोर्ट में शासन हार गया। जबकि छत्तीसगढ़ में आदिवासी समुदाय बहुसंख्यक है। पांचवी अनुसूची के मुताबिक 60 प्रतिशत भू-भाग आदिवासीयो के लिए आरक्षित है। हाई कोर्ट के ताजे फैसले से प्रदेश के सभी आदिवासी समुदायो को आर्थिक शैक्षणिक, समाजिक हानि उठाना पड़ेगा। युवायो का भविष्य खतरे में होगा । हमें हमारा संवैधानिक अधिकार चाहिए, राजनीतिक पार्टियों के बयानों से हमें कुछ नहीं मिलने वाला है। सडक़ पर उतर कर हम सरकार का ध्यान आकृष्ट करना चाहते हैं। राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन सौंपकर आदिवासी समाज विधानसभा में अध्यादेश लाकर आरक्षण को यथावत रखने की मांग करेगा।
सर्व आदिवासी समाज-धमतरी संयुक्त सचिव-संतोष सोरी ने बताया कि मंगलवार को कुरुद, मगरलोड, धमतरी, नगरी में आदिवासियों के आरक्षण को यथावत रखने की मांग को लेकर आदिवासी समाज सडक़ पर उतर सरकार से अपना हक़ मांगेंगे। आंदोलन को सफल बनाने कुरुद विकास खण्ड में अकबर राम कोर्राम, रुपेंद्र नागरची, कमलेश ध्रुव, चन्द्रहास नागे, कांशीराम कंवर, ठाकुर राम। नगरी में अरविन्द नेताम, मानक दरपट्टी, रामप्रसाद मरकाम, मनोज साक्षी, उमेश देव, प्रमोद कुंजाम, संत कुमार नेताम, शशि ध्रुव, बिंदा नेताम, बुधन्तीन नेताम । धमतरी में बीएस रावटे, यूआर गंगराले, आरएन साय, शिवचरण नेताम, महेश रावटे, जयपाल ठाकुर, कमलनारायण ध्रुव, तिजेन्द्र कुंजाम, खिलेश नेताम, अनिता ठाकुर, चन्द्रकिरण नेताम । मगरलोड में विनोद नागवंशी, जयपाल ठाकुर, जीवराखन लाल मरई, विश्राम दाऊ, जगन्नाथ मण्डावी, माधव ठाकुर, ,मदन नागरची को दायित्व सौंपा गया है।