‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 9 अगस्त। दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय में विश्व आदिवासी दिवस पारंपरिक तौर और अभूतपूर्व भव्य तरीके से मनाया गया। इस दौरान हजारों आदिवासियों ने एकजुटता प्रकट की।
जिला मुख्यालय के मां दंतेश्वरी कॉरिडोर स्थित मन का डोगरा मेंढका डोबरा स्थित मैदान में मुख्य समारोह आयोजित किया गया। समारोह का शुभ आरंभ आदिवासी ध्वज लहराकर किया गया। इस दौरान सभी आदिवासी समाजों के प्रमुख शामिल थे इसके उपरांत मुख्य अतिथियों का परंपरागत स्वागत किया गया। स्वागत की विशेषता यह थी कि फूलों की माला के स्थान पर महुआ की माला पहनाई गई और सिर में पगड़ी बांधी गई।
सर्व आदिवासी समाज के जिला महासचिव धीरज राणा द्वारा प्रस्तावना पेश की गई उन्होंने कहा कि समाज के लगातार प्रयासों की फलस्वरूप वर्ष 2013 से से सभी एकजुट हुए। वर्तमान में सभी आदिवासी समाज की सुविधा हेतु संघर्ष कर रहे हैं।
मुख्य वक्ता, राज्य योजना आयोग के सदस्य ललित नुरेटी द्वारा संबोधन में कहा गया कि दंतेवाड़ा जिला प्रदेश का सिरमौर जिला है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा आदिवासियों की जीवन शैली को बचाने विश्व आदिवासी दिवस घोषित किया गया था आदिवासी प्रकृति से जुड़ा रहता है। इसके फलस्वरूप उसे प्राकृतिक गतिविधियों का पूर्वानुमान मिल जाता है। इसका उदाहरण है कि सुनामी की त्रासदी के दौरान अंडमान द्वीप समूह के सभी आदिवासी सुरक्षित थे। उन्होंने उपस्थित जनों से शिक्षा को आंदोलन का रूप देने की अपील की उन्होंने कहा कि प्रशासन और समाज दोनों ही आदिवासियों की बेहतरीन के लिए सक्रिय हैं इसके बावजूद भी दोनों पक्षों में टकराव क्यों होता है उन्होंने कहा कि जल जंगल और जमीन पर आदिवासी का अधिकार है। उन्होंने राजनीतिक जागरूकता विकसित करने पर जोर दिया।
इस मौके पर भाजपा नेता नंदलाल गुलामी ने कहा कि आदिवासी जाग रहा है और अपने हक और अधिकार को पहचान रहा है। उन्होंने खुलासा किया की जिलाधीश द्वारा किरंदुल में शिक्षा का केंद्र विकसित किया जा रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में प्रशासन के प्रयासों को सराहा।
इस अवसर पर जिला प्रशासन द्वारा ग्राम पंचायत और नगरी निकायों को सामुदायिक वन अधिकार पत्र प्रदान किए गए। जिससे उक्त इकाइयों को सुविधा मिलेगी।
मेधावी छात्रों का सम्मान
इस दौरान नित पृथ्वी की परीक्षा प्रतियोगी परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्रों राहुल, नर्गिस, अमृता, भारती, दीवान, भीमी, समीर, सुशील ,आदित्य और विवेक को पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इसी कड़ी में दसवीं की टॉपर भूमिका ठाकुर और प्रार्थना सोरी और 12वीं के टॉपर खुशी और हेमंत को नगद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र से नवाजा गया।
दायरा जादू बस्तर नें झुमाया
समझ में इस दौरान मुंबई से पहुंचे दायरा जादू बस्तर द्वारा आकर्षक प्रस्तुति दी गई। इनमें आधुनिक के साथ लोक संगीत भी शामिल थे। जिसका दर्शकों ने भरपूर लुत्फ उठाया रंगारंग प्रस्तुति से श्रोता घूमने पर मजबूर हो गए।
इस मौके पर आदिवासी समाज अध्यक्ष सुरेश कर्मा, विधायक चैतराम, रामू राम, कमला नाग, त्रिपुरारी मांडवी राजनाथ साय, पुलिस उपमहानिरीक्षक विकास कठेरिया, कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी, एसपी गौरव राय और उप आयुक्त के एस मसराम सहित हजारों आदिवासी मौजूद थे।