‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 7 अक्टूबर। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री टंकराम वर्मा नें अपने एक दिवसीय दंतेवाड़ा प्रवास के दौरान संयुक्त जिला कार्यालय भवन के सभाकक्ष में राजस्व विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक सोमवार को ली।
श्री वर्मा ने बैठक में कहा कि प्रधानमंत्री की मंशानुरूप छत्तीसगढ़ को 2047 तक ‘‘विकसित राज्य, विकसित छत्तीसगढ़’’ बनाने का लक्ष्य निर्धारित है अत: शासकीय योजना का लाभ निचले स्तर तक के ग्रामीणों को मिलनी चाहिए। जिससे परिवार और गांव की आर्थिक स्थिति सुधर सके। इसके लिए विभागीय लंबित कार्यो का निराकरण करना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन और व्यपवर्तन जैसे कार्यो के निराकरण में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। सभी अधिकारी जनता की दिक्कतों को पूरी संवेदनशीलता के साथ दूर करने के लिए तैयार रहें।
आगे उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों को ध्यान रखते हुए सभी राजस्व अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि बच्चों को आय और जाति प्रमाण पत्र के लिए किसी को इधर-उधर भटकना न पड़ें। अविवादित नामांतरण प्रकरणों के निराकरण में यह देखा गया है कि ऐसे प्रकरणों को बिना किसी कारण के अनावश्यक खारिज किया जा रहा है। ऐसे प्रकरणों पर नियमानुसार कार्यवाही होनी चाहिए। इसके अलावा किसानों के भू-अभिलेख में त्रुटि सुधार के लिए अभियान चलाया जाए।
उन्होंने बढ़ते शासकीय भूमि को पर अतिक्रमण के विषय में कहा कि अतिक्रमण होने की स्थिति में नियमानुसार तत्काल कार्यवाही करने के साथ ही शासकीय भूमि का सीमांकन करना सुनिश्चित करें। उन्होंने सेवा गारंटी अधिनियम के तहत सभी प्रकरण को समय-सीमा के भीतर करने को कहा।
विधायक चैतराम अटामी ने कहा कि राजस्व अधिकारी अपने कार्यों को अच्छी तरह से कर रहे हैं और जो भी लंबित कार्य हैं उसे समय सीमा में तय करें। उन्होंने अवैध प्लाटिंग पर कठोर कार्रवाई करने के भी अधिकारियों को निर्देश दिया।
बैठक में कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी द्वारा अनुविभाग दंतेवाड़ा, गीदम बड़े बचेली, तहसील गीदम, दंतेवाड़ा, कुआकोंडा, कटेकल्याण से संबंधित विभिन्न राजस्व प्रकरण जैसे नजूल भूमि बिक्री, नजूल के अन्य मामले, कृषि योग्य भूमि के अन्य विभाग के हस्तांतरण, सीमाकंन, बी-1 2-1 व्यपवर्तन, अनाधिकृत रूप से भूमि पर कब्जा रखने वाले व्यक्तियों की बेदखली और उन पर शास्ति, कृषि योग्य भूमि पर भूमि स्वामी का अधिकार प्रमाण पत्र, त्रुटि सुधार, नजूल भूमि का स्थायी पटटा, विवादित खाता विभाजन,वृक्ष कटाई हेतु अनुमति, बन्दोबस्त अभिलेखों में सुधार, खसरे में अथवा धारा-114 के अधीन तैयार किए गए किसी अन्य अभिलेख संबंधी कागजों में गलत प्रविष्टि का सुधार, अथवा प्रविष्टि संबंधी सुधार, के प्रकरणों के बारे में विस्तार पूर्वक अवगत कराया गया।
बैठक में एसडीएम जयंत नाहटा सहित सभी अनुविभाग के अनुविभागीय अधिकारी समस्त तहसीलदार, एवं भू-अभिलेख अधिकारी प्रमुख रूप से मौजूद थे।