दन्तेवाड़ा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 8 अक्टूबर। दंतेवाड़ा में चार नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण। नक्सल उन्मूलन लोन वर्राटू (घर वापस आईये) अभियान तथा छग शासन की ‘‘पुनर्वास नीति’’ के तहत जिला पुलिस बल और सीआरपीएफ के द्वारा भटके हुए माओवादियों को समाज की मुख्यधारा में जोडऩे के लिए लगातार संपर्क एवं संवाद कर शासन की नक्सल पुनर्वास नीति का व्यापक प्रचार-प्रसार गॉव-गॉव तक किया जा रहा है, इसके प्रभाव में लगातार शीर्ष माओवादियों सहित भटके हुए माओवादियों द्वारा आत्मसमर्पण किया जा रहा है।
दंतेवाड़ा में चार नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इस मामले में पुलिस ने बताया कि दरभा डिवीजन एक्षन टीम सदस्य कोसा माड़वी उर्फ बुरका, केरलापाल एरिया कमेटी में कार्यरत प्लाटून नम्बर 31 सदस्य जनवरी उर्फ शंकर पोडिय़ाम, गुड़से आरपीसी डीएकेएमएस अध्यक्ष हांदा उर्फ जोंडी माड़वी एवं मलांगेर एरिया कमेटी अन्तर्गत रेवाली/पोरदेम आरपीसी केएएमएस अध्यक्ष पोज्जे नुप्पो ने आत्मसमर्पण की इच्छा जाहिर करते हुये लोन वर्राटू (घर वापस आईये) अभियान के तहत मंगलवार को पुलिस उप महानिरीक्षक दन्तेवाड़ा रेंज कमलोचन कष्यप (भा.पु.से.), पुलिस उप महानिरीक्षक (परि0) सीआरपीएफ दन्तेवाड़ा रेंज राकेश कुमार, पुलिस अधीक्षक दन्तेवाड़ा गौरव राय (भा.पु.से.) के समक्ष डीआरजी कार्यालय दन्तेवाड़ा में आत्मसमर्पण किये।
उक्त माओवादियों को आत्मसमर्पण कराने में आरएफटी (आसूचना शाखा), दंतेवाड़ा 111वीं वाहिनी सीआरपीएफ, 230वीं वाहिनी सीआरपीएफ, एवं 231वीं वाहिनी सीआरपीएफ दन्तेवाड़ा का विशेष योगदान रहा।
आत्मसमर्पित माओवादी को पुनर्वास नीति के तहत 25 हजार रूपये की सहायता राशि के साथ छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मिलने वाली अन्य सुविधायें मुहैया कराई जाएगी तथा समाज में पुनर्वासित करने हेतु प्रोत्साहन आधारित दृष्टिकोण अपनाते हुये व्यवसायिक प्रषिक्षण और आवास की सुविधायें भी प्रदाय की जाएगी।