‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 12 फरवरी। रविवार को दोपहर में तेज हवाओं के साथ बारिश और ओलावृष्टि से जनजीवन प्रभावित हुआ। बारिश के साथ ओला गिरने से ग्राम बेतर, उमरिया, कांपा, समेत अनेक गांव में चने की फसल प्रभावित हुई है। बारिश की वजह से एक बार फिर धान खरीदी केन्द्रों में रखी धान की बोरियां गीली होने की खबर मिल रही है। जिला मुख्यालय में आयोजित सामाजिक कार्यक्रम का पंडाल भी आंधी में उड़ गया। शहर में मौसम की वजह से बिजली सप्लाई प्रभावित रही।
जानकारी हो कि रविवार को अंचल के अधिकांश इलाके में बारिश हुई है। जिला मुख्यालय, बैजी, कारेसरा, सैगोना, उमरिया, बेतर, कांपा व बेरा में तेज हवाओं के साथ ओलावृष्टि भी हुई। किसान गोलू पटेल, राजकुमार वर्मा, शिवबती वर्मा, केवल, हरिराम चंद्राकर के अनुसार ओला गिरने से चने की फसल प्रभावित हुई है। अन्य साग-सब्जी की फसलें भी मौसम की चपेट में आ गई हैं। वहीं छितापार व सनकपाट मे भी भारी ओलावृष्टि हुई है। छितापार के अरुण कुमार पुरैना ने बताया कि इस तरह की स्थिति कभी नजर नहीं आई थी। ग्राम सनकपाट के किसान शशांक पांडे ने बताया कि इस तरह के मौसम से फसल को भारी नुकसान हुआ है।
कई गांव के किसानों की फसल बर्बाद
दाढ़ी तहसील और थानखम्हरिया तहसील के अंतर्गत कई ग्रामों में रविवार को बारिश के साथ-साथ अत्यधिक ओला वृष्टि होने के कारण चना, मसूर, गेहूं, सरसो, सब्जी व तिवरा सहित कई फसलें बर्बाद हो गईं। ग्राम खुरुसबोड़, सैगोना, कन्हेरा, बेरा, बेतर, उमरिया, चिल्फी, रमपुरा, कुर्रा, खैरा, सुखाताल, बनियाडीह, तेंदों और कई ग्रामों में बारिश हुई और ओले गिरे। खुरुसबोड के किसान बसंत साहू ने बताया कि रविवार शाम को अचानक मौसम खराब हो जाने के कारण मूसलाधार बारिश और ओलावृष्टि हुई, जिससे सभी फसल बर्बाद हो गई। कन्हेरा के किसान लोकसिंह वर्मा, कुर्रा के नारद साहू, रमपुरा टोपलाल चंद्राकार, उमरिया से मोहित राम साहू, बेतर के बलदाऊ साहू, सैगोना के सुनील सिन्हा, सुखाताल के मोतीराम चंद्राकार, तेंदो के शिवकुमार साहू, बनियाडीह के नरोत्तम चंद्राकार, बेरा के फेकूराम साहू ने बताया कि बारिश और ओला वृष्टि होने के कारण फसलों को नुकसान पहुंचा।
रबी सीजन में 1,67,150 हेक्टयर में हो रही है खेती
जिले के बेमेतरा, साजा, बेरला व नवागढ़ ब्लॉक में रबी फसल सीजन के दौरान अनाज, दलहन, तिलहन और अन्य फ सलों का कुल रकबा 167150 हेक्टेयर का है। जिले में इस सीजन के दौरान सबसे अधिक चना की फसल ली जा रही है। जिले में चना का कुल रकबा 651050 हेक्टेयर का है। चना के बाद गेहूं की फसल 60656 हेक्टयर रकबा में लिया जा रहा है। वहीं तिवरा का रकबा 29 हजार हेक्टेयर का है। जिले में आज मौसम की वजह से सबसे अधिक दलहन वर्ग कीफसल प्रभावित होने की आशंका है। दलहन वर्ग में शामिल चना को छोडक़र मटर, मसूर, मूंग, उड़द, तिवरा व अन्य दलहन फसल जिले में ली जा रही है। ओला गिरने से तिलहन वर्ग में शामिल अलसी, राई सरसो, तोरिया, तिल, सूर्यमुखी, कुुसुम, मुगंफ ली व अन्य तिलहन वर्गीय फ सल भी प्रभावित होगी। बारिश से 5522 हेक्टेयर में टमाटर, गोभी, धनिया, बैगन व अन्य उद्यानिकी फ सलों पर भी हानिकारक असर पड़ेगा।
समितियों में उठाव बंद
4 फरवरी तक धान खरीदी केन्द्रों में 934686 टन धान खरीदा गया था, जिसमें से 640124 टन धान का उठाव केन्द्रों से किया गया था। उठाव के बाद 102 धान खरीदी केन्द्रों में 307431 टन धान का स्टॉक बचत है, जिसके उठाव का इंतजार किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार धान खरीदी समाप्त होने के बाद से जिले के धान खरीदी केन्द्रों में बचत धान के उठाव के लिए परिवहन आदेश जारी किया जाना संबंधित कार्यालय द्वारा बंद कर दिया गया है। डीओ जारी नहीं किए जाने की वजह से आज मौसमी हालत के दौरान केन्द्रों में रखा धान भीग गया है।
सामाजिक कार्यक्रम स्थल का पंडाल उड़ा, परीक्षार्थी रहे परेशान
जिला मुख्यालय के बेसिक स्कूल मैदान व कंतेली में दो अलग-अलग समाज द्वारा विशाल कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। रविवार देापहर में तेज हवाओं के साथ बारिश होने से कार्यक्रम प्रभावित हुआ है। वहीं ग्राम कंतेली में आयोजित कार्यक्रम का पंडाल उड़ गया। पीएससी परीक्षा के दौरान बिजली की आंख मिचौली से परीक्षार्थियों को परेशान होना पड़ा है। शहर के अलग-अलग इलाके के लगाए गए 16 ट्रांसफॉर्मर का डीओ उडऩे से बिजली सप्लाई प्रभावित रही है।
जिला अस्पताल के मातृ शिशु यूनिट में डीओ खराब होने की वजह से 2 घंटे से अधिक समय तक बिजली बंद रही।