कलमडांड में फूलों की खेती से नई क्रांति का सूत्रपात
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता,
मनेन्द्रगढ़, 17 अक्टूबर। जिला मुख्यालय मनेंद्रगढ़ से लगे ग्राम कलमडांड में फूलों की खेती ने एक नई क्रांति का सूत्रपात किया है। यहां के किसान एबी अब्राहम ने पारंपरिक खेती छोडक़र गुलाब की खेती में हाथ आजमाया और अब वे इस क्षेत्र में न केवल अपनी पहचान बना रहे हैं, बल्कि अन्य ग्रामीणों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बन गए हैं। गुलाब की खेती से जहां उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है, वहीं स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न हो रहे हैं।
मनेंद्रगढ़ विकासखंड के इस छोटे से गांव के किसान जो पहले गेहूं, धान, और मक्का जैसी पारंपरिक फसलों की खेती करते थे अब उद्यानिकी फसलों की ओर तेजी से रुझान दिखा रहे हैं। एबी अब्राहम इस बदलाव के मुख्य उदाहरण हैं, जिन्होंने एक एकड़ भूमि में डचरोज गुलाब की खेती शुरू की।
फूलों की खेती न केवल उनकी उम्मीदों पर खरी उतरी, बल्कि इसके माध्यम से उन्हें उम्मीद से कहीं अधिक मुनाफा भी हुआ। अब उनके खेत में गुलाब की खुशबू फैली हुई है, जिसे वह आसपास के शहरों और कस्बों में बेच रहे हैं। पारंपरिक फसलों से हटकर फूलों की खेती करना उनके लिए न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक रूप से भी एक महत्वपूर्ण बदलाव साबित हुआ है।
एबी अब्राहम के खेतों में खिले गुलाबों की विभिन्न प्रजातियों से पूरा कलमडांड क्षेत्र सुगंधित हो रहा है। गुलाब की खेती के कारण गांव का माहौल भी बदल रहा है। अब हर तरफ फूलों की खुशबू फैली हुई है। कलमडांड के किसान एबी अब्राहम की फूलों की खेती की सफलता ने न केवल उनके जीवन को संवारा है, बल्कि इसने पूरे गांव में रोजगार और आत्मनिर्भरता का संदेश भी फैलाया है। स्थानीय प्रशासन के सहयोग से यह पहल आने वाले समय में और भी विस्तार ले सकती है, जिससे क्षेत्र के अन्य किसानों को भी इससे प्रेरणा मिलेगी और वे भी उद्यानिकी फसलों की ओर कदम बढ़ाएंगे।
पड़ोसी राज्य मप्र तक बढ़ी मांग
एबी अब्राहम द्वारा उगाए गए गुलाब की मांग पूरे सरगुजा संभाग और मध्यप्रदेश के सीमावर्ती शहरों में बढ़ रही है। मनेंद्रगढ़ और आसपास के बाजारों में भी उनकी आपूर्ति की जा रही है। फूलों की खेती से उन्हें मिलने वाला मुनाफा पारंपरिक फसलों की तुलना में कई गुना अधिक है।
खास बात यह है कि फूलों की खेती में अधिक लागत की आवश्यकता नहीं होती, जिससे किसान अपनी आर्थिक स्थिति को तेजी से सुदृढ़ कर पा रहे हैं। गुलाब की खेती न केवल एबी अब्राहम के लिए लाभकारी साबित हो रही है, बल्कि इसने ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा किए हैं।
फूलों की देखभाल, तुड़ाई, पैकिंग, और परिवहन से जुड़े कार्यों में कई स्थानीय लोगों को काम मिला है। जिससे आने वाले समय में इस क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं और अधिक बढ़ सकती हैं।
कड़ी मेहनत से किसानों को किया प्रेरित
फूलों की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए स्थानीय प्रशासन भी पूरी तरह से सक्रिय है। उद्यानिकी विभाग द्वारा समय-समय पर किसानों को तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि वे फूलों की खेती में आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर अधिक से अधिक लाभ कमा सके।
एबी अब्राहम की मेहनत और प्रशासन के सहयोग से फूलों की खेती ने कलमडांड में एक नई दिशा और गति प्राप्त की है। फूलों की खेती ने न केवल उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है, बल्कि उन्हें समाज में एक नई पहचान भी दी है। अब वह स्थानीय स्तर पर एक सफल किसान के रूप में पहचाने जाते हैं, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और सही दिशा में कदम बढ़ाकर अन्य किसानों को भी प्रेरित किया है।