मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर

चित्रांश समाज ने की भगवान चित्रगुप्त की पूजा
04-Nov-2024 6:34 PM
चित्रांश समाज ने की भगवान चित्रगुप्त की पूजा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

मनेन्द्रगढ़, 4 नवम्बर। कलम के आराध्य देव भगवान चित्रगुप्त की पूजा भक्तिभाव से की गई। रविवार को सिविल लाईन स्थित श्री चित्रगुप्त मंदिर में चित्रांश समाज के लोगों ने सपरिवार भगवान चित्रगुप्त की श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना कर पारिवारिक कुशल-क्षेम की कामना की।

जिला मुख्यालय मनेंद्रगढ़ में कायस्थ समाज कई वर्षो से भगवान चित्रगुप्त की पूजा करता आ रहा है। यह पर्व हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भव्यता के साथ मनाया जाता है। इस दिन चित्रगुप्त जी की पूजा होती है। कहा जाता है कि भगवान ब्रह्मा के काया से चित्रगुप्त की उत्पत्ति हुई थी। ब्रह्मा द्वारा ही चित्रगुप्त का कायस्थ नामकरण किया गया। कायस्थ समाज को चित्रगुप्त का वंशज माना जाता है। उनकी पूजा करने से जीवन के सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। भगवान चित्रगुप्त की जयंती पर कायस्थ समाज के लोगों ने अपने-अपने घरों में भी चित्रगुप्त भगवान व कलम-दवात की पूजा की। कागज पर भगवान चित्रगुप्त सहित देवी-देवताओं के नाम लिख विशेष आराधना की। श्री चित्रगुप्त मंदिर में विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद हवन एवं महाआरती कर श्रद्धालुओं को प्रसाद का वितरण किया गया। श्री चित्रगुप्त पूजा में कायस्थ समाज के लोगों ने बढ़-चढक़र हिस्सा लिया। पूजा को लेकर कायस्थ समाज में विशेष उत्साह देखा गया। चित्रांश समाज के अनुसार चित्रगुप्त महाराज का पूजन सुख-समृद्धि एवं समाज के कल्याण हेतु किया जाता है। धार्मिक अनुष्ठान में बड़ी संख्या में कायस्थ समाज के महिला, पुरूष व बच्चे शामिल हुए। भंडारा प्रसाद वितरण के साथ धार्मिक अनुष्ठान का समापन हुआ।


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