रोटरी के फॉरेन एक्सचेंज में आए दंपत्ति ने कहा-हमारे यहां भी संयुक्त परिवार का महत्व
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 जनवरी। तुर्की से आए रोटरी क्लब के सदस्य छत्तीसगढ़ की संस्कृति से काफी प्रभावित दिखे। उनका यहां खूब सत्कार भी हुआ, और वो यहां के लोगों की अतिथि देवो भव: की भावना की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। तुर्की और भारत में एक विशेष समानता है कि दोनों ही देशों में संयुक्त परिवार का महत्व है।
रोटरी क्लब के फॉरेन एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत विदेश के 11 सदस्यीय दल यहां आए हुए हैं। इनमें तुर्की के 10, और एक ब्राजील की हैं। ये सदस्य होटल में न रूककर रोटरी क्लब के अलग-अलग सदस्यों के यहां ठहरे हुए हैं। इन्हीं में से तुर्की के अंकारा शहर के रहने वाले पीपी सिमेगे ऐमर और अहमेट, पति-पत्नी हैं। अहमेट पेशे से कॉन्ट्रेक्टर हैं, और वो वीआईपी रोड स्थित ला-विस्टा कॉलोनी रहवासी प्रदेश कांग्रेस के सचिव विकास बजाज के यहां ठहरे हुए हैं।
अहमेट दंपत्ति यहां पहुंचे, तो विकास की पत्नी प्रीति और परिवार के सदस्यों ने आरती उतारकर उनका स्वागत किया। ये सब देखकर वो काफी खुश नजर आए। वैसे तो तुर्की मुस्लिम देश है, लेकिन समाज उदारवादी और हर परम्पराओं का सम्मान करने वाला माना जाता है। अहमेट भी मुस्लिम धर्म मानने वाले हैं। लेकिन स्नान के बाद सुबह उन्हें बजाज परिवार के यहां पूजा और आरती में शरीक होते हैं। बजाज परिवार शुद्ध शाकाहारी हैं। अहमेट दंपत्ति को शाकाहारी भोजन खूब भा रहा है।
अहमेट दंपत्ति नवा रायपुर में जंगल सफारी और फिर तूता स्थित पुरखौती मुक्तांगन भी गए थे। जहां उन्होंने आदिवासी संस्कृति की बारिकियों से अवगत हुए। तुर्की का समाज भी पारिवारिक मूल्यों को महत्व देता है। अहमेट के साथ उनकी माता-पिता भी रहते हैं। अपनी 10 साल की पुत्री को उनके पास ही छोडक़र आए हैं, और वो वीडियो कॉल पर उनसे बात करते हैं। साथ ही यहां का अनुभव सुनाते नहीं थक रहे हैं।
बुधवार की रात रोटरी के सदस्यों ने उनके सम्मान में वीआईपी रोड स्थित होटल क्लार्क में रात्रि भोज रखा था। जिसमें सभी ने हिन्दी गानों पर ठुमके लगाए। पार्टी का दौर देर रात तक चलता रहा। सभी रोटरी के सदस्य सत्य साई अस्पताल भी गए थे। रोटरी क्लब ने अस्पताल निर्माण में अंशदान भी किया था। ये सभी वहां की चिकित्सा व्यवस्था से काफी खुश नजर आए।
अहमेट दंपत्ति ने विकास बजाज के पाटन इलाके में स्थित स्कूल भी गए थे, और वहां बच्चों से बातचीत की। बच्चों ने भी तुर्की को लेकर काफी सवाल किए जिसका उन्होंने जवाब दिया। उन्हें यहां का मौसम भी काफी भा रहा है। रोटरी के सदस्य दो दिन यहां रूककर भुवनेश्वर, और राउलकेला जाएंगे फिर वहां से तुर्की चले जाएंगे।