रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 जनवरी। नान घोटाला रमन सिंह के दामन पर लगा वह दाग है जिसे राजेश मूणत और भाजपाई झूठ बोलकर साफ नहीं कर सकते। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि नान घोटाले में रमन सिंह उनके परिजनों के संलिप्त होने के आरोप उनके मुख्यमंत्री रहते लग गया था। नान घोटाला कांग्रेस सरकार बनने के पहले रमन सरकार के समय उजागर हुआ था जिसमें गरीबों के राशन में डाका डालकर 36000 करोड़ का घोटाला किया गया था। नान घोटाले की प्रमुख साक्ष्य नान डायरी थी रमन सरकार के समय ही जब्त हुई थी जिसमें घोटाले के सूत्रधारों का उल्लेख था।
सीएम मैडम, सीएम सर, ऐश्वर्या रेसीडेंसी वाली मैडम जैसी प्रविष्टियां नान डायरी में उजागर हुई। जिसमें तत्कालीन सीएम मैडम के बचाव में खुद रमन सिंह ने बयान दिया था यह चिंतामणी चंद्राकर है। शुक्ला ने कहा कि नान घोटाले को तथाकथित मीडिया रिपोर्ट के आधार पर षडय़ंत्र बताकर भाजपाई रमन सिंह के घोटाले पर धुंध डालने की कोशिश में लगे है। यदि नान में रमन सिंह एंड कंपनी निर्दोष थी तो तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक नान घोटाले की जांच के लिये बनाई गयी एसआईटी की जांच को रोकने हाईकोर्ट में पीआईएल लगाने क्यों गये थे? कौशिक को किस बात का डर था जो एसआईटी की जांच पर स्टे लेकर आये थे? घोटाले की जांच रोकने के लिए जनहित याचिका भाजपाई क्यों लगाए । उसका भी उन्हें जवाब देना है।


