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पीएम मोदी ने किसान सम्मान निधि की 16वीं किश्त की जारी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 29 फरवरी। राजिम कुंभ कल्प के पांचवे दिन कुलेश्वर मंदिर के पास बने डोम में जैविक कृषि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में राजिम नगर पंचायत अध्यक्ष रेखा सोनकर राजिम एवं जगदीश साहू विशेष रूप से मौजूद थे।
इस अवसर पर उपस्थित किसानों को कृषि वैज्ञानिकों ने जैविक खेती करने के लिए जोर देते हुए जैविक खेती के फायदे बताए। जिससे किसान कम लागत में जैविक पद्धति से अधिक उत्पादन देते हुए लाभ कमा सकते हैं। जैविक खेती के लिए जैविक पोषक तत्वों को तीन भागों में बांटा है। जिसमें जीवामृत, बीजामृत, घन जीवामृत के निर्माण से खेती के पोषक तत्व देने की विधि बताई। कृषि को कीटों से बचाने के लिए ब्रह्मास्त्र और नीमास्त्र बनाने की विधि इस कार्यक्रम में किसानें को दी गई। साथ ही क्षेत्र के उनके किसानों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया, जिन किसानों ने जैविक कृषि पद्धति अपनाकर लाभ कमाया।
साथ ही आज किसान दिवस के अवसर पर महाराष्ट्र के यवतमाल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान सम्मान राशि की 16वीं किस्त जारी करते हुए उपस्थित किसानों को वर्तवली संबोधित भी किया। जिसमें किसानों ने पूरे ध्यान से सुनते हुए जैविक खेती को अपनाने के लिए संकल्पित हुए। उपस्थित कृषि वैज्ञानिक एवं कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों को सवालों के जवाब देकर उनकी समस्याओं का समाधान करते हुए शंका का निवारण भी किया। साथ किसानों को कृषि आधारित अनुदान की राशि चेक देकर प्रदान किया। इसके अलावा मत्स्य विभाग द्वारा मछली पालक को प्रोत्साहन देने के लिए मछली जाल एवं अन्य उपकरण देकर उन्हें मछली पालन के लिए प्रोत्साहित किया।
छत्तीसगढ़ राज्य बीज प्रमाणीकरण के प्रबंध संचालक बी.ए. आसना ने किसानों को बताया कि किसान के लिए उत्तम बीज का चयन करना बहुत ही जरूरी होता है क्योकि अच्छे बीज से ही फसल वृद्धि होती है। पहले बिना रासायनिक खाद के खेती की जाती थी, जो नुकसानदायक नहीं होती थी। किसी प्रकार से इसके हानिकारक प्रभाव नहीं होते है। लेकिन आज फसलों में कीटनाशक दवाई का प्रयोग कर मानव शरीर में विष घोल रहे है।
जैविक कृषि के लिए किसानों को प्रेरित करते हुए कहा कि जैविक खेती कृषि की वह पद्धति है जिसके द्वारा पर्यावरण जल एवं वायु को प्रदूषित किये बिना तथा भूमि की सजीवता जल की गुणवत्ता जैव विविधता को दीर्घकालीन एवं टिकाऊ उत्पादन प्राप्त किया जाता है। राज्य में विभिन्न योजनाओ के माध्यम से जैविक खेती के प्रति किसानों को जागरूक करने एवं उन्हें प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य में प्रमाणिक जैविक खेती को बढ़ावा देने प्रसार-प्रसार गतिविधि एवं जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। कृषकों द्वारा उत्पादित जैविक खाद्यानों का प्रमाणीकरण मूल्य संवर्धन एवं विपणन हेतु प्रयास किया जा रहा है।
इस अवसर पर कृषि विभाग गरियाबंद के उप संचालक चंदन कुमार रॉय एवं अतिथियों की उपस्थिति में किसान समृद्धि योजना के तहत चेक वितरण किया गया। किसानो को 35 हजार रूपये की चेक राशि लोमश, कन्हैया, दौलत, यशवंत साहू को दी गई। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत किसान क्रेडिट कार्ड अमर, लता, गिरधर यादव को दिया गया है। जैविक खेती मिशन सम्मान प्रमाण पत्र संजू, चारो बाई, पुरुषोत्तम, बालचंद, कृपाराम को प्रदान किया गया। मिट्टी नमूना कार्ड सम्मान सोमजीत और समारू को मिला। साथ ही मछली जाल एवं बॉक्स का वितरण भी किया गया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 29 फरवरी। राजिम कुंभ कल्प के पांचवे दिन स्थानीय कलाकारों ने शानदार प्रस्तुति दी। मंच पर नवागांव के राम खिलावन एवं साथियो द्वारा फाग गीत की प्रस्तुति देकर होली मय माहौल बनाया। जब नगाड़े की आवाज और मुख मुरली बजाय छोटे से श्याम कन्हैया..... झन जा राधा होबे लाले लाल ओ....... और उड़ते हुए गुलालों ने मंच को होलीमय कर दिया जिसे दर्शक भी फाग गीत के धुनों के रंग में रंग गये।
इसके पूर्व खेमीन निषाद राजपुर छुरा ने पण्डवानी की प्रस्तुति दी गई, जिसमें पासा हारने के बाद पांडव को ग्यारह वर्ष का बनवास और एक वर्ष का अज्ञातवास अपने ओजपूर्ण आवाज में और वीर रस का संयोजन करके कथा की प्रस्तुति दी गई।
देवेन्द्र सेन भोथली कुरूद ने रामायण के अंश बाल लीला और 22 जनवरी को स्थापित राम लला का सुंदर व्याख्यान किया, जिसे दर्शक बिना पलके झपकाये राम के बाल क्रीडाओ का प्रसाद ग्रहण कर रहे थे। भावगत निषाद रायपुर ने भजन संध्या में भागवान तक पहुंचने के विभिन्न माध्यमों को गीत के द्वारा बताया जिसे दर्शक सुन भजन में चलने वाले राम न चले हनुमान के बिना...... ऐसे गीतो ने दर्शकों के दिल को छू लिया। बकली के मंशादास ने सतनाम मंगल भजन के गीतो के माध्यम से बाबा गुरू घासीदास के सतनाम पंथ की स्थापना और उसका पालन को बताया उस समय मंच सहित दर्शक भी घासीदास बाबा की जयकारा करने लगे तुलाराम साहू राजिम ने मंच में भक्तिपूर्ण गीत जय हनुमान ज्ञान गुण सागर......के साथ और विविध भजन की प्रस्तुति मंच पर दी, जिस कारण मंच और दर्शक दीर्घा भी भक्ति के सागर में डूब गये भक्ति की सागर से निकल ही पाये थे कि गरियाबंद के प्रेम यादव ने मंच पर बारहमासी नृत्य जिसमें गेड़ी से ले के सुआ नृत्य तक दिखायी गई। ये नृत्य एक दर्शकों को छत्तीसगढ़ के दर्शन कराने का एक प्रयास था।
कोसमबुड़ा के गिरवर धु्रव लोककला मंच से पहली प्रस्तुति गणेश वंदना से की उसके बाद छत्तीसगढ़ी गीतों में से सदाबहार गीतों की प्रस्तुति दी गई। अनिता वर्मा रायपुर ने सुगम संगीत की प्रस्तुति जब दी तो दर्शक भी इस सुगम संगीत का आनंद लेते हुए नजर आये बोदल गुण्डरदेही जोगेन्द्र साहू ने जसगीत की प्रस्तुति जिसमें मां जगदम्बा असुरो की नाश करने की झांकी दिखाई गई। इस कार्यक्रम का संचालन सुखेन साहू, थानू निषाद, किशोर निर्मलकर, दिनेश्वर साहू, नरेन्द्र साहू, भागीरथी साहू, राजेन्द्र पांडे, राकेश साहू, रेखराज साहू की उपस्थिति में सम्पन्न होती है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 28 फरवरी। गरियाबंद मुख्यालय के हृदय स्थल गांधी मैदान वॉलीबॉल ट्रेनिंग सेंटर में आयोजित दो दिवसीय गरियाबंद चैंपियन ट्रॉफी वॉलीबॉल महिला वर्ग का आयोजन स्थानीय कान्हा युवा मण्डल गांधी मैदान के बैनर तले किया गया था, जिसमें छत्तीसगढ़ के 6 नामचीन महिला टीम को आमंत्रित किया गया था।
उक्त चैंपियनशिप में बीएसपी भिलाई, भारतीय खेल प्राधिकरण रायपुर, राजनांदगांव, कबीरधाम, खमरिया तथा गरियाबंद की टीम सम्मिलित थी। लीग कम लीग पद्धति से पहली बार खेले गए इस चैंपियनशिप में भारतीय खेल प्राधिकरण रायपुर एवं खमरिया के बीच फाइनल मुकाबला खेला गया। पांच सेट के इस रोमांचक मुकाबला में भारतीय खेल प्राधिकरण रायपुर ने 3 - 0 से यह मैच जीत लिया।
गांधी मैदान में स्थानीय कान्हा युवा मण्डल
वॉलीबॉल ट्रेनिंग सेंटर में आयोजित दो दिवसीय गरियाबंद चैंपियन ट्रॉफी वॉलीबॉल महिला वर्ग का आयोजन किया गया, जिसके समापन समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि युगल किशोर पांडे, विशिष्ट अतिथि गैंदलाल सिन्हा, विमला साहू, अजय दासवानी, के पी श्रीवास के शुभ हाथों विजेता टीम को 26 हजार तथा उपविजेता टीम को 12 हजार नकद राशि के साथ-साथ आकर्षक चैंपियन कप प्रदान किया गया। इस पूरे चैंपियनशिप में पृथक रूप से बेस्ट स्पाइकर, सेटर, ब्लॉकर, सर्विसर तथा लिब्रो का चयन कर व्यक्तिगत आकर्षक पुरस्कार भी प्रदान किया गया।
वहीं गरियाबंद वॉलीबॉल का नर्सरी कहलाता है। इस शहर से सैकड़ों राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी निकले हैं और वर्तमान में निकल भी रहे हैं, इस वर्ष स्कूल विभाग द्वारा संचालित खेल प्रतियोगिता में 4 खिलाडिय़ों ने राष्ट्रीय स्तर तथा ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी लेवल पर अपना परचम लहराया है। इन खिलाडिय़ों को बाबू स्पोर्ट्स के संचालक मो.अख्तर भाई द्वारा अपने मरहूम पिता मो.अकबर अधिवक्ता की स्मृति मे आकर्षक मुमेंटो तथा 62 प्रशिक्षु बच्चों को मेडल देकर सम्मानित किया गया।
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ राज्य में पुरष वर्ग का चैंपियनशिप हजारों के तादात में होता है, पर महिला वर्ग के लिए गिने चुने चार से पांच जगह ही आयोजन किया जाता है, जिसमें गरियाबंद को पूरे छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ा आयोजन के लिए जाना जाता है, जिसका पूरा श्रेय कान्हा युवा मण्डल के संयोजक अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी तथा नगर खेल द्रोणाचार्य से सम्मानित संजीव साहू को जाता है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बतौर युगल किशोर पांडे ने कहा कि आयोजकों एवं खिलाडिय़ों को विशेष शुभकामनाएं दिए, तथा जीत के बाद संयम और हार के बाद परिश्रम का गुर बताए। बाहर से आए कोच, खिलाडिय़ों ने आयोजन के आलावा आवास भोजन, मैदान एवं गरियाबंद के दर्शक दीर्घा का जमकर तारीफ किए।
गांधी मैदान वॉलीबॉल ट्रेनिंग सेंटर के अध्यक्ष विनय दासवानी एवं प्रकाश रोहरा ने अगले वर्ष और भी ज्यादा आकर्षक चैंपियनशिप कराने का आश्वासन खिलाडिय़ों को दिए हैं। मैच को निर्विवाद रूप से संचालित करने के लिए आए निर्णायकों को स्मृति चिन्ह के अलावा नकद राशि तथा टी शर्ट प्रदान किया गया।
कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन करते हुए सूरज राव महाडिक वॉलीबॉल कोच ने सभी अतिथियों, कोच तथा खिलाडिय़ों, खेल प्रेमी ,खेल आयोजन में सहयोग देने वालों (प्रत्यक्ष,अप्रत्यक्ष ) को आयोजन समिति की ओर से कृतज्ञता जाहिर करते हुए लोगों से बेटियों को पढ़ाई के साथ -साथ खेल मैदान तक भेजने का अपील की। इस चैंपियनशिप को राज्य में पहचान देने वाले वो कर्मयोगी जिनके सहयोग से यह सब संभव हो पाया, जिनमे सर्व गफ्फार (गफ्फू) मेमन नगर पालिका अध्यक्ष गरियाबंद, मनोज खरे , प्रहलाद टिंकू ठाकुर, संदीप सरकार, गैंदलाल सिन्हा, विनय दासवानी प्रकाश रोहरा, अजय दासवानी, ऋतिक सिन्हा, ऐश्वर्य यदु, के पी श्रीवास, गिरीश शर्मा, आनंद झा, अख्तर भाई, सूरज राव महा डिक,महेंद्र यादव, जीतू सेन होरी यादव, रमेश यादव,रवि यादव,रहासो यादव,आकाश तिवारी, लल्लू यादव,धीरज बिहारी के नाम प्रमुख है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 28 फरवरी। छत्तीसगढ़ शासन के धर्मस्व, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के नेतृत्व में राजिम कुंभ कल्प को रामोत्सव की थीम पर सजाया गया है। साथ ही विभिन्न धार्मिक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। इसी कड़ी में मेला स्थल के नदी तट पर लेजर लाइट प्रदर्शन के लिए संरचना बनाया गया है। जिसमें लेजर लाइट के माध्यम से विभिन्न आकृतिया बन रही है। जिसे दर्शक देख आनंदित हो रहे है। वहीं बड़े स्क्रीन में भगवान श्रीराम से जुड़ी थ्रीडी प्रेजेंटेशन वाली शॉर्ट फिल्म दिखाई जा रही है। इसमें भगवान राम के जीवन चरित्र और आदर्शों को दिखाया जा रहा है। जिसे देखकर मेला आगंतुक भक्ति में भाव विभोर हो रहे है।
इसी के साथ शॉर्ट वीडियो के माध्यम से छत्तीसगढ़ शासन के विभिन्न योजनाओ को भी दिखाया जा रहा है। जिसमें महत्वपूर्ण योजना महतारी वंदन योजना के बारे में वीडियो के रूप में जानकारी दी जा रही है। इसके अंतर्गत 1000 प्रतिमाह विवाहित महिलाओं सहित पेंशन प्राप्त करने वाले परित्यक्ता और विधवा महिला को भी उनके प्राप्त पेंशन की अंतर राशि प्रदान की जायेगी। इसी के साथ अन्य योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। जिसे मेला घूमने आये मेलार्थियो को अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त हो रही है। मेला आगंतुक छत्तीसगढ़ शासन की योजना का पूरा-पूरा लाभ उठाने के लिए जागरूक हो रहे है। इसी तरह मामा-भांजा मदिर से लेकर लोमश ऋषि आश्रम तक सस्पेंसन ओवर ब्रिज (लक्ष्मण झूला) मेलार्थियों को और अधिक लुभा रही है।
उसमे लगे लाइटिंग की ओर दर्शक अधिक आकर्षक हो रहे है।
4 से 6 मार्च तक भक्तों की समस्याओं का करेंगे समाधान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 28 फरवरी। राजिम कुंभ कल्प मेला में 3 मार्च से विराट संत-समागम का उद्घाटन होगा। संत समागम के दौरान 3 से 8 मार्च तक हरिद्वार, प्रयागराज, कांसी, बनारस, मथुरा, वृंदावन, अयोध्या, अमरकंटक, चित्रकूट, उत्तराखंड आदि स्थानों से बड़ी संख्या में साधु-संतों का आगमन होगा। संत समागम में इस बार गुरूशरण महाराज ‘‘पंडोखर सरकार’’ का दिव्य दरबार भी लगेगा। राजीव अवस्थी ने बताया कि महाराज जी 4, 5 और 6 मार्च को दरबार लगेगा। जिसमें महाराज जी कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन देकर उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे।
ज्ञात हो कि महाराज जी काफी लम्बे समय के अन्तराल के बाद वे इस बार राजिम कुंभ में पधार रहें है। भक्तों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। इस लिहाजा से भारी भीड़ होने की संभावना है। शासन द्वारा उनके रहने-ठहरने की भी उत्तम व्यवस्था कुंभ प्रांगण में की गई है। जहां वे अपने भक्तों से मेल-मुलाकात कर उनकी समस्याओं का निवारण करेंगे।
ज्ञात हो कि पंडोखर धाम एवं गुरूशरण महाराज के प्रति भक्तों की गहरी आस्था है, जिसके चलते आज भी हर महीने आमावस्या पेसी अर्जी करने छत्तीसगढ़ के अनेक जिलों से सैकड़ों लोग पंडोखर धाम जाकर हनुमान जी महाराज का पूजन अर्चन कर हाथीवान महाराज का दर्शन लाभ प्राप्त कर गुरूशरण महाराज से आशीर्वाद प्राप्त करते है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 28 फरवरी। राजिम छत्तीसगढ़ में महानदी के संगम तट पर स्थित सुप्रसिद्ध तीर्थ है। इसे छत्तीसगढ़ का प्रयाग भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि सृष्टि के आरंभ में भगवान विष्णु के नाभि से निकला कमल यहीं पर स्थित था और ब्रम्हा जी ने यहीं से सृष्टि की रचना की इसलिए इसका नाम कमल क्षेत्र पड़ा।
धार्मिक आस्था एवं श्रद्धा का केंद्र होने के कारण यहां अस्थि विसर्जन, पिण्ड दान, श्राद्ध एवं तर्पण, मुंडन संस्कार के कार्य भी किए जाते हैं। छत्तीसगढ़ के इस प्रयाग नगरी राजिम में इन दिनों राजिम कुंभ कल्प मेला का आयोजन हो रहा है, जिसमें पूरे प्रदेश के अलावा देश एवं विदेशों से भी लोग पहुंच रहे हैं।
मेला में पहुंचने वाले कई श्रद्धालु अपने बच्चों का मुंडन भी कर रहे हैं। भारतीय संस्कृति में बच्चों का तीर्थ स्थानों पर मुंडन संस्कार कराने का धार्मिक विधान है। मंदिर के पास बैठे भरत सेन, कृष्णा सेन और मुन्ना सेन ने बताया कि जब से राजिम में कुंभ मेला शुरू हुआ है तब से प्रतिदिन दर्जन भर से ज्यादा श्रद्धालु यहां आकर अपने बच्चों का मुंडन संस्कार करवा रहें है। उन्होंने आगे बताया कि इन दिनों मुंडन संस्कार कराने वालो की संख्या कम होती है, लेकिन माघी पुन्नी और शिवरात्रि सहित अन्य विशेष पर्व स्नान के दौरान यह संख्या काफी अधिक बढ़ जाती है। कभी-कभी तो ऐसी नौबत आ जाती है कि हमें अपने सहयोग के लिए अन्य सहयोगियों को बुलाना पड़ता है।
कुलेश्वर महादेव मंदिर के पास यादराम साहू एवं उसके परिवार ने नन्हे शिशु का मुंडन संस्कार कराया। उन्होंने बताया कि वे यहां प्रतिवर्ष आते हैं और धार्मिक कार्य पूजन, कथा कर भगवान कुलेश्वर महादेव का आशीर्वाद प्राप्त करते है। राजिम सोढूर, पैरी और महानदी का संगम होने के कारण इसे पवित्र माना जाता है इसलिए एक वर्ष होने पर हम अपने बालक का मुंडन कराने आये है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 28 फरवरी। राजिम कुंभ कल्प मेला 2024 में जबलपुर से पधारे साध्वी प्रज्ञा भारती के सानिध्य में महानदी का महाआरती की जा रही है। कुंभ मेला में प्रतिदिन संगम तट पर विशाल मंच से मंत्रोच्चारण के साथ पूरी विधि विधान से महाआरती की जाती है। जिसमें आचार्य-पुरोहितों द्वारा मां गंगा का आह्वान कर पूरी श्रद्धा के साथ वैदिक रीति से आरती उतारी जाती है। उनके लिए तैनात आचार्य तट पर बने 11 मंचों से बैठकर-खड़े होकर फिर चारों दिशाओं में घूमकर मां गंगा के स्वरूप की आरती की जाती है। आरती में शामिल होने के लिए श्रद्धालु शाम से ही अपना स्थान सुरक्षित कर लेते हैं। महाआरती में 11 पंडि़तों द्वारा लयबद्ध तरीके से क्रमवार मां गंगा की आराधना करते हुए आरती करते हैं। तत्पश्चात शिव स्त्रोत और शिव तांडव का सस्वर पाठ पूरे वातावरण में ऊर्जा का संचार करते हुए धर्म, आस्था और श्रद्धा की खुशबू से क्षेत्र का कण-कण आतुर हो राममय हो जाता है।
उल्लेखनीय है कि आज से कई वर्षों पूर्व राजिम के संत कवि स्व. पवन दीवान जी अपनी काव्यांजलि भगवान राजीव लोचन को जिस भाव से समर्पित की थी। उस भाव की भावना इस गंगा आरती की आत्मा में दिखाई देती है। उन्हीं की रचित कविता की एक लाईन ‘‘कण-कण आतुर हो जाता है, लेकर तेरा नाम, राजीव लोचन तुम्हें प्रणाम.....’’! स्व. दीवान जी की कविता के ये शब्द यकीनन गंगा आरती से उत्पन्न दैप्तियमान ऊर्जा के प्रभाव से राजिम ही नहीं अपितु महानदी की रेत का कण-कण भी आतुरता के भाव से चल-चला जाता है और भगवान राजीव लोचन के चरणों में शीश नवाते हुए अपनी भावांजलि समर्पित करता है।
राजिम सहित क्षेत्रवासियों के लिए सौभाग्य की बात है कि उन्हें साक्षात गंगा आरती की स्वभावानुति का साक्षात्कार करने का अवसर इस कुंभ में मिला। अन्यथा बनारस, प्रयागराज में होने वाली गंगा आरती की या सिर्फ कल्पना की थी या फिर विशेष अवसरों पर टीव्ही के माध्यम से देखने का अवसर मिला। लेकिन राजिम कुंभ कल्प के दौरान होने वाली गंगा आरती का हिस्सा बनकर लोग रोमांच का अनुभव कर रहे हैं। गंगा आरती के भागीदारों से जब पूछा गया कि उन्हें कैसा लगा तो उनके पास शब्द नहीं थे जिसका प्रयोग वे अपनी भावना व्यक्त कर पाते।
राजिम आने वाला हर खासो आम की एक ही ख्वाहिश रहती है कि वह हर-हाल में गंगा आरती में शामिल होकर उसकी साबन सकें। क्योंकि गंगा आरती का दुर्लभ विहंगम दृश्य से कोई भी वंचित नहीं होना चाहता है। जबलपुर से पधारे विद्वान पंडि़तों द्वारा इस आरती की विधिरीति अपने आप में विलक्षण है। उससे ऐसा प्रतीत होता है मानो देवता भी स्वर्ग से उतर कर मां चित्रोत्पला की आरती उतारने राजिम की धरा पर उतर आए हो।
नदी में झिलमिलाते दीपदान के दीपकों की रोशनी समस्त मनों की अंधकार मिटाते हुए पूरा नगर आध्यात्म की रोशनी में डूबने मचल उठता है। जहां श्रद्धा और भक्ति के भाव स्वत: उत्पन्न होकर मानव जीव को धन्य करता है।
डोम, स्विस कॉटेज, कुटिया से सजा संत समागम क्षेत्र
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 28 फरवरी। शनिवार 24 फरवरी से प्रारंभ हुए राजिम कुंभ कल्प मेला की भव्यता दिनों दिन बढ़ रही है। वैसे तो राजिम कुंभ माघी पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक आयोजित होता है। इसके अंतर्गत विराट संत-समागम होता है, जिसका उद्घाटन रविवार 3 मार्च से होगा। धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के निर्देश पर राजिम मेला के संत समागम स्थल पर साधु-संतों, महामंडलेश्वरों, आचार्य महात्माओं के लिए विशाल डोम, स्विस कॉटेज, कुटिया तथा यज्ञ शाला का निर्माण किया गया है, जिसमें संत महात्माओं द्वारा विभिन्न प्रकार के यज्ञ अनुष्ठान को पूरी वैदिक रीतियों के साथ सम्पन्न कराया जाता है तथा संत समागम के विशाल मंच से संतों के प्रवचन आशीष वचन के रूप में श्रद्धालुओं को सुनने का पुण्य लाभ मिलता है।
संत-समागम स्थल में प्रतिदिन होने वाले यज्ञ हवन के लिए विशाल यज्ञ शाला का निर्माण भी किया गया है। जहां राजिम कुंभ कल्प में पधारे संतों द्वारा नित्य प्रति वैदिक मंत्रोच्चारण से हवन किया जायेगा। रोजाना मुख्य मंच से शाम को संतो के उद्बोधन आम जनता के लिए रखा गया है। धर्म संसद में धर्म चर्चा के लिये आने वाले श्रद्धालुओं को मिल सके इसकी भी शासन द्वारा पर्याप्त मात्रा में समुचित बैठक व्यवस्था की गई है। किसी भी आगन्तुक को संतों के दर्शन तथा उनके अमृतवाणी का पूरा-पूरा लाभ दर्शक दीर्घा से श्रद्धालुगण उठा सके। भगवान श्रीराम को समर्पित यह कुंभ कल्प राम के प्रति आस्था और श्रद्धा का द्योतक है। इस लिहाज से माना जा सकता है कि संत समागम भी राममय होकर राम की भक्ति में सराबोर होने का अवसर लोगों को मिलेगा। दर्शक दीर्घा में एक विशाल एलईडी स्क्रीन लगाई गई है ताकि दूर-दराज तक बैठे दर्शकों को संतो के दर्शन सहजता से मिल सके।
देशभर से पहुंचेंगे साधु-संतों की टोली
इस बार कुंभ में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद महाराज, अविमुक्तेश्वरानंद महाराज, सदानंद महाराज, पंडित प्रदीप मिश्रा, साध्वी ऋतंभरा दीदी, महामंडलेश्वर विशोकानंद भारती, डॉ. शिव स्वरूपानंद, रामकृष्णानंद, यतींद्रानंद, डॉ. रामेश्वर, पंडोखर सरकार जैसे बड़े-बड़े दिग्गज शामिल होंगे। संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने इन धर्म गुरुओं को कुंभ में शामिल होने का न्योता भेजा है। धर्मगुरुओं के अलावा हरिद्वार, प्रयागराज, कांसी, बनारस, मथुरा, वृंदावन, अयोध्या, अमरकंटक, चित्रकूट, उत्तराखंड से बड़ी संख्या में साधु-संत पहुंचेगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 28 फरवरी। राजिम कुंभ कल्प मेला के दौरान 3 से 8 मार्च तक विराट संत समागम का आयोजन किया जाएगा। जिसमें देशभर के साधु-संतों का आगमन होगा। साधु-संत महात्माओं को किसी प्रकार से कोई परेशानियां न हो इसका शासन-प्रशासन द्वारा सभी प्रकार की व्यवस्था की गई।
कुलेश्वर महादेव मंदिर के पास बने संत समागम क्षेत्र में संतों क के लिए विशाल डोम, कुटिया, भोजन शाला के अलावा अस्थायी अस्पताल बनाया गया है। मंगलवार को अस्थायी अस्पताल का निरीक्षण करने मेला समिति के गिरीश बिस्सा, संत राजेश्वरानंद महाराज सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि पहुंचे।
यहां अस्थायी अस्पताल की व्यवस्था देख संतोष जताया। गिरीश बिस्सा ने बताया कि संत समागम क्षेत्र में साधु-संतों के लिए शासन द्वारा पर्याप्त व्यवस्था की गई है। वहीं समागम परिसर में बने अस्थायी अस्पताल में मौजूद किशोर कुमार देवांगन और रितेश साहू ने सभी व्यवस्थाओं से अवगत कराया। सभी व्यवस्था को देखकर संत राजेश्वरानंद, समिति के सदस्य गिरीश बिस्सा सहित अन्य ने धमतरी कलेक्टर नम्रता गांधी, एसडीएम डेविड, मगरलोड बीएमओ शारदा ठाकुर का आभार जताया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 28 फरवरी। छत्तीसगढ़ शासन के संस्कृति, धर्मस्व एवं पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की माता पिस्ता देवी अग्रवाल के निधन की खबर मिलते ही समूचे कुंभ कल्प क्षेत्र में सन्नाटा छा गया। मुख्यमंच पर हो रहे सांस्कृतिक कार्यक्रम को तत्काल प्रभाव से रोककर उपस्थित जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी एवं जनसमुदाय ने मंत्री अग्रवाल की माता को अपनी भाव भीनी श्रद्धांजलि देते हुए भगवान से उनकी आत्मा को शांति देने तथा अग्रवाल परिवार को इस अथाय दुख को सहने की शक्ति प्रदान करने ईश्वर से प्रार्थना की। मंच पर नगर पंचायत अध्यक्ष रेखा सोनकर, जितेन्द्र सोनकर, लाला साहू, पूर्णिमा चंद्राकर, देवकी साहू, छाया राही, विप्र परिवार के पंडित एवं प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी की बहनों ने मंच पर उपस्थित होकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
इसी क्रम में कुंभ मेले में लगे अन्नपूर्णा दाल भात सेंटर की संचालक महिलाओं ने खबर सुनते ही सेंटर बंद कर एक जगह इक_े होकर पिस्ती देवी को अपनी श्रद्धांजलि देते हुए दुख व्यक्त किया।
इस अवसर पर मधु नत्थानी, खुशी साहू, केसरी तम्बोली, लोकेश्वरी साहू, निर्मला साहू, सावित्री साहू, गिरजा साहू, रामेश्वरी साहू, कुमारी साहू, किरौदी साहू आदि महिलाओं ने अपनी भाव भीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 28 फरवरी। अभनपुर विधानसभा के ग्राम गिरोला में मानस गान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पूर्व विधायक धनेंद्र साहू कार्यक्रम में उपस्थित होकर ग्रामवासियों को संबोधित करते हुए उन्होंने रामायण के ऊपर प्रकाश डालते हुए ग्रामवासियों को इस प्रकार के आयोजन के लिये बधाई और शुभकामनाएं दी।
भविष्य में इस प्रकार के धर्म सभा एवं ग्रमीण विकास के लिये हमेशा समर्पित एवं अपनी उपस्थिति का भरोसा दिया। कार्यक्रम में कांग्रेस नेता चन्द्रहास साहू, प्रतिनिधि गोपाल साहू, पूर्व जनपद सदस्य लखनलाल साहू, गुरुचरण साहू, हिरदे साहू, अर्जुन साहू, शंकर साहू, रेखराम साहू, नारायण साहू सहित पंचायत के पंच एवं ग्रामवासी उपस्थित थे।
तेरह वर्ष की बालिका ने पंडवानी की प्रस्तुति देकर किया प्रेरित
राजिम, 28 फरवरी। राजिम कुंभ कल्प में स्थानीय कलाकारों के लिए बनाए मंच में मंगल भजन, राउत नाचा, रामायण, पंडवानी, फाग मंडली, लोककला मंच, जस गीत झांकी, रामधुनी की जबरदस्त प्रस्तुति हो रही है। मंगलवार को मंच पर १३ साल की बालिका रोशनी नागवंशी ने दुर्योधन और अर्जुन ये दोनो कृष्ण जी से युद्ध के लिए सहायता मांगने गए उसी का कपालिका शैली में वर्णन किया। इस छोटी सी बालिका का ऐसा वर्णन सुन दर्शक बहुत की प्रसन्न हुए। इस मंच में मंगल भजन रोहित कुर्रे पितईबंद ने गुरू घासीदास के जीवन को गीत के माध्यम से दर्शकों के सामने परोसा।
होमन यदु नवागांव ने दोहा कहें और उसके साथी द्वारा पारंपरिक वेशभूषा धारण कर राउत नाचा की प्रस्तुत दी। छुईहा घटारानी मुक्षय कुमार ने रामायण से राम वनगमन अंश को लिया और बड़ी सुंदरता के साथ व्याख्यान किया। महेश पटेल राजिम ने इस मंच का वातावरण बदलते हुए होली गीत की प्रस्तुति दी। परंपरागत सिर में बांस की टोकरी रखें मंच पर आई पूना बाई धु्रव व साथियों ने ताली बजाते हुए सुआ गीत की प्रस्तुति दी। दुलना के श्रवण सार्वा ने जसगीत के माध्यम से जगत जननी की झांकी प्रस्तुत किया। हसदा के उत्तम कुमार ने राम-राम जपते रामधुनी के माध्यम से सांस्कृतिक मंच को राममय बनाया। बेलटुकरी के कपिल साहू और साथियों ने भी रामायण के बारे में बताया कि रामायण में हमें पिता के बातों को मानना लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न जैसे भाइयों का होना बताया गया है। कार्यक्रम का संचालन सुखेन्द्र साहू ने किया।
राजिम, 28 फरवरी। छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ लोक कलाकार संगीत नाटक अकादमी से सम्मानित राकेश तिवारी द्वारा लिखित एवं निर्देशित लोक नृत्य नाटिका का विशेष मंचन राजिम कुंभ कल्प मेला के मुख्य मंच में बुधवार २८ फरवरी को किया जावेगा। यह नृत्य नाटिका अयोध्या में ४ दिन तक किया गया था, जिसे वहां के लोगों द्वारा सराहा गया। राम वन का परिकल्पना संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, २8 फरवरी। राजिम कल्प कुंभ में आने वाली पर्व स्नान एवं शाही स्नान के लिए शासन द्वारा तीन बड़े-बड़े कुण्ड का निर्माण किया गया है। आगामी ४ मार्च को जानकी जयंती और ८ मार्च को महाशिवरात्रि पर होने वाले पर्व स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के स्नान के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है। चूंकि राजिम का कुंभ मेला परिसर की सीमाओं को तीन जिलों के अन्तर्गत आने के कारण गरियाबंद, धमतरी, रायपुर जिले द्वारा कुंडों का निर्माण किया गया। कुंड के पास आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए जीवन रक्षक गार्डो की व्यवस्था की गई है ताकि स्नान के दौरान होने वाली अनहोनी को टाला जा सके। कुण्ड के पास ही महिलाओं की सुविधा के लिए अस्थाई चेंज रूम की व्यवस्था की गई है। जिससे महिलाओं को स्नान के बाद कपड़े बदलने में असहजता महसूस न हो कुण्ड में हमेशा साफ सुथरा पानी रहे इसके लिए बांध से आवश्यकतानुसार पानी छोड़ा गया है। लगातार बढ़ती हुई भीड़ को देखते हुए इस बार एक लाख लोगों से ज्यादा पर्व स्नान करने के लिए राजिम आ सकते है। यही भीड़ शिवरात्रि के दिन एक लाख से ज्यादा का आंकड़ा पार करने की सम्भावना है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 27 फरवरी। राजिम कुंभ कल्प मेला के मुख्य मंच पर तीसरे दिवस भूपेन्द्र साहू के रंग सरोवर कार्यक्रम की प्रस्तुति में दर्शक जमकर झूम। मंच पर कार्यक्रम की शुरूआत पद्मश्री उषा बारले ने पंडवानी गायन से की। सृजन लोककला मंच तिहार के विजय चन्द्राकर की टीम ने छत्तीसगढ़ी संस्कृति से परिपूर्ण मनोहारी नृत्य की प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम के अगली कड़ी में इंडियन रोलर बैंड ने एक नया आभा दिखाने का प्रयास किया। जिसमें गाने के साथ म्यूजिक धुन बहुत ही आनंदित किया। सांसो की माला से सुमिरौ मै सिया राम..... ने राममय माहौल बना दिया।
रंग-तरंग लोककला मंच सुश्री तारा साहू और उनकी टीम द्वारा एक से बढक़र एक सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। देवा म देव ते.... ओम नम: शिवाय.... जैसे गीतों में भक्तिमय माहौल बना दिया। माता कर्मा की वन्दना... तोर-मोर किरिया की बेहतरीन प्रस्तुति दी।
मंच पर स्वरागिनी डांस गु्रप रतनपुर से आये थर्ड जेंडर द्वारा 21 मिनट फिल्मी गीतों की नॉन स्टाप प्रस्तति दी। कार्यक्रम के अंत में छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय भूपेन्द्र साहू ‘‘रंग सरोवर’’ के कलाकारों की प्रस्तुति रही। रंग सरोवर की टीम द्वारा छत्तीसगढ़ के विभिन्न त्यौहारों से जुड़ी गीत की प्रस्तुति दी।
इसी के साथ छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और लोक परंपरा की मनोरम प्रस्तुति देकर दर्शकों को जमकर झूमाया। कार्यक्रम को देखने दर्शकों की खचाखच भीड़ थी। कलाकारों का सम्मान नगर पंचायत अध्यक्ष रेखा सोनकर, रमेश पहाडिय़ा, एसपी भोजराम पटेल, छाया राही, पूर्णिमा चन्द्राकर, साधना सरोज, धनमती साहू आदि ने गुलदस्ता भेंटकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का निरंजन साहू द्वारा किया गया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 27 फरवरी। राजिम कुंभ कल्प मेला में शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने विभिन्न विभागों द्वारा प्रदर्शनी स्टॉल लगाया गया है। इन स्टॉलों में विभिन्न विभागों द्वारा शासन की योजनाओं की जानकारी और उसके लाभ के अलावा अन्य जानकारी दी जा रही है। गरियाबंद जिला के खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा खादी और ग्राम उद्योग को बढ़ावा देने के लिए स्टाल लगाया गया है। यहां पर बोरा, रस्सी और बांस की सहायता से बनाए गए विभिन्न घरेलू उपयोगी वस्तुए प्रदर्शिनी और बिक्री के लिए रखी गयी है। स्टॉल में दूसरी ओर खादी के बने कपड़े जैकेट, रेडिमेड कुर्ता, बंगाली लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है।
हस्तशिल्प विकास बोर्ड गरियाबंद द्वारा बांस के बने सोफा, लैम्प, फाइल रेंक, मंदिर टे, लेटर बॉक्स, स्टूल चेयर, आईना फ्रेम, पेन स्टैण्ड, ब्रस हैण्डल, की हैण्डल के साथ विभिन्न प्रकार के आकर्षित करने बांस की वस्तुएं की स्टॉल लगाई गई है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 27 फरवरी। राजिम कुंभ कल्प मेला में जबलपुर से पधारे साध्वी प्रज्ञा भारती के सानिध्य में प्रतिदिन महानदी की महाआरती की जा रही है। इस महाआरती में बड़ी संख्या में साधु-संतों के अलावा स्थानीय जनप्रतिनिधि व गणमान्य नागरिक शामिल होकर इसके साक्षी बन रहे हैं।
महाआरती की शुरूआत 11 पंडितों द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ प्रारंभ होता है। इस अवसर पर वेदरतन सेवा प्रकल्प के संयोजक अशोक राजपूत ने बताया कि महानदी की आरती करने को उद्देश्य केवल पूजा पाठ करने से नहीं है, बल्कि लुप्त हो रही महानदी को बचाने का एक प्रयास है। इसी प्रयास की कड़ी में राजिम कुंभ में साध्वी प्रज्ञा भारती से सहयोग से भव्य एवं दिव्य महानदी की आरती की जाती है।
श्री राजपूत ने बताया कि धरती में प्रकृति के शुद्ध जल स्त्रेात का संरक्षण और नदियों सरोवर जो हमारे आस्था के सनातन धर्म के केन्द्र रहे हैं। गंगा, गीता, गायत्री उन सभी का संरक्षण और प्रदूषण मुक्ति का सतत अभियान का विचार साध्वी प्रज्ञा भारती के मन में आने के बाद देश के प्रमुख नदियों के घाट पर महाआरती के माध्यम से नदियों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित कर उनके प्रति समर्पण, आस्था और संकल्प का भाव सभी के मन में जागृत करने हेतु महानदी की महाआरती राजिम कुंभ कल्प के प्रारंभ से वेदरतन सेवा प्रकल्प के सुंदर संयोजन और संरक्षिका साध्वी प्रज्ञा भारती जी के मार्गदर्शन तथा रमेश बाबा जी जगलपुर के निर्देशन पर संपन्न हो रहा है।
सोमवार को महाआरती में विशेष कर स्थानीय पंडित परिषद के विप्रजनों एवं नर्मदा घाट से पधारे विप्रजनों के साथ लयबद्ध अनुशासन के साथ पूरे विधिविधान एवं विशिष्टजनों संत-समाज की उपस्थिति में संपन्न हुआ। विशेष आकर्षण का केन्द्र अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा श्रीरामलला मंदिर के पुननिर्माण पश्चात श्रीराजिम मेला को श्रीरामोत्सव राजिम कुंभ कल्प का नाम देकर माता कौशिल्य मंदिर और अयोध्या नगरी की झांकी जबरदस्त लाईट एंड साऊंड के संयोजन में विशाल अलौकिक भव्य दृष्य निर्मित होता है।
महाआरती का एक साथ प्रज्जवलित होना शंख, कपूर, चवर, आचमन पूरे मेला परिसर आरती मंडप को भावविभोर कर देता है। विशेषकर माउंड आबू से पधारे ब्रम्हकुमार नारायण भाई, पुष्पा बहन, पूजा बहन, हेमा बहन एवं वेदरतन सेवा प्रकल्प संयोजक संस्थापक अशोक सिंह राजपूत सपत्निक शीतल राजपूत सपत्निक तथा नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रेखा के पुत्र वधु ने मुख्य आरती मंच में महाआरती की।
गरियाबंद जिले के पूर्व जिला अधीक्षक भोजराम पटेल, संस्कृति विभाग के उप संचालक प्रताप पारख, केन्द्रीय समिति के विशिष्ट सदस्य रमेश पहाडिय़ा, भाजपा जिला प्रभारी किशोर महानंद, प्रसन्न शर्मा, उमेश बंशी शामिल होकर महाआरती की। वेदरतन सेवा प्रकल्प के कार्यकर्ता छाया राही, रेखा सोनकर, साधना सौरज, देवकी साहू, पूर्णिमा चंद्राकर, तनु मिश्रा, धनमती साहू, प्रभा बांसवार, अन्नपूर्णा देवांगन, पुष्पा गोस्वामी, विनीता शर्मा, प्रीति पाण्डेय, सीमा शर्मा, पल्लवी सोनी, निराली यादव, ईश्वरी शर्मा, सुमन दुबे, अनुराधा ठाकुर, रेणु सेन, सरिता यदु, किरण तिवारी, क्षमा शर्मा मौसमी ठाकुर, योगेन्द्र सिंह, अनुज राजपूत, विकास ठाकुर, चुम्मन साहू, रिकेश साह का सहयोग रहा।
राजिम भक्तिन माता समिति खिला रही भोग भंडारा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 27 फरवरी। राजिम कुंभ मेला में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं, मेलार्थी को किसी प्रकार की परेशानिया न हो इसका पूरा ख्याल रखा गया है। राजिम मेला पहुंचने के लिए रायपुर, धमतरी, महासमुंद और गरियाबंद चारों जिलों के विभिन्न क्षेत्रों से बसों की सुविधा रखी गई है। वहीं मेला में आए सभी श्रद्धालुओं के मूलभूत सुविधाएं जैसे भोजन, पेयजल, शौचालय की व्यवस्था रखी गई है।
मेला में साहू समाज राजिम भक्तिन मंदिर समिति द्वारा मुख्यमंच के पास ही नि:शुल्क भोजन की व्यवस्था की गई है। मेला के पहले दिवस समिति के अध्यक्ष लाला साहू ने अपने स्वर्गीय माता-पिता के स्मृति में भोग भंडार कराया गया। श्री साहू ने बताया कि समिति द्वारा आयोजित इस भोग भंडारे में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु भोग ग्रहण कर तृप्त हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले दिन छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध व्यंजन सलगा बड़ा कड़ही के साथ भोजन कराया गया। वहीं दूसरे दिवस बलराम-भारती साहू के द्वारा भोग भंडारे की व्यवस्था की गई। तीसरे दिन सोमवार को राजिम एसडीएम अनुविभागीय अधिकारी राजस्व धनंजय नेताम एवं परिवार की तरफ से व्यवस्था थी। इस दौरान एसडीएम श्री नेताम सपत्नीक उपस्थित लोगों को भोजन भी परोसा।
समिति के अध्यक्ष लाला साहू ने बताया कि महासमुंद सांसद चुन्नीलाल साहू एवं राजिम विधायक रोहित साहू के मार्गदर्शन में सामाजिक सद्भावना, सामाजिक समरसता की भावना को प्रगाढ़ बनाए रखने के लिए समिति द्वारा प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी सर्व समाज के सहयोग से भोग भंडारा का आयोजन किया गया है। भंडार की व्यवस्था हेतु संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के निर्देश पर सर्वसुविधायुक्त पंडाल की व्यवस्था की गई है। भंडारे में सहयोग हेतु प्रदेश साहू संघ के उपाध्यक्ष भुनेश्वर साहू, जिला साहू संघ धमतरी के अध्यक्ष अवनेंद्र साहू, जिला पंचायत सदस्य चंद्रशेखर साहू, प्रदेश साहू संघ के महामंत्री हलदार साहू, दयाराम साहू, उपाध्यक्ष मालक राम साहू, प्रोफेसर घणाराम साहू, कार्यकारी अध्यक्ष ईश्वरी साहू, उपाध्यक्ष बोधन साहू, नूतन साहू, होरीलाल साहू, महामंत्री रामकुमार साहू, मिजंन लोकनाथ साहू, डॉ.दिलीप साहू, गोपाल साहू सहित साहू समाज एवं राजिम भक्तिन मंदिर समिति के सभी सदस्य व सामाजिक लोगों का सहयोग मिल रहा है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 27 फरवरी। राजिम का कुंभ कल्प-2024 इस बार भगवान श्रीराम को समर्पित करते हुए पूरे कुंभ की संरचना भगवान श्रीराम की थीम पर आधारित है। इसलिए कुंभ मेला परिसर में जगह-जगह भगवान श्रीराम और उनके आराध्य भगवान सदाशिव की प्रतिमाएं रंगोली और कट-आउट जगह-जगह नजर आने से पूरा राजिम राममय नजर आ रहा है। यह इत्तेफाक ही है कि यहां पर आने वाले स्थानीय लोक मंच के कलाकार सहित राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों की गायिकी में भी राम रस बरसता हुआ नजर आ रहा है।
भगवान श्री राजीव लोचन भगवान जो स्वयं विष्णु के अवरात है, तो प्रभु श्री राम भी विष्णु के अवतार है, और यहां पर श्रीराम की थीम पर आयोजित कुंभ में जगह-जगह विराजे राम को देखकर ऐसा लगता है। मानो छत्तीसगढ़ की इस पावन धरा में स्थित लोमश ऋषि आश्रम में मानो पुन: राम पधारे हो और संगम के तट पर राम का राम से मिलन हो रहा है। इस अनुपम छटा का साक्षात्कार जब शाम को लेजर लाइट और साउंड के माध्यम से होता है तब उपस्थित जन समुदाय भक्ति के उस रोमांच से भाव विभूत हो जाता है जिसका वर्णन करना जन-साधारण के लिए असंभव है। इस रोमांच को सिर्फ महसूस किया जा सकता है उसका वर्णन नहीं।
प्रात: कालीन और शाम को अस्ताचलगामी सूर्य की बिदा होती किरणों के साथ जब श्रद्धालु इस संगम में मां चित्रोत्पला गंगा की अपनी श्रद्धा भाव की दीप दान करती है। तब ऐसा लगता है मानो करोड़ो सूर्य इस संगम में उतरकर कुंभ कल्प का पूर्ण लाभ लेने धरा पर उतर आये है, और भगवान श्री राजीव लोचन की स्तुति गान कर रहें है। कुंभ में संगम तट पर होने वाली प्रतिदिन महानदी आरती की स्वर लहरी मंत्रोत्चारण के साथ गुंजता शंखनाद और चहूं ओर फैलती श्रद्धा भक्ति की दिव्य सुगंध पूरे कुंभ माहौल को धर्म की सकारात्मकता के साथ उपस्थित जन समुदाय को आशीर्वाद स्वरूप जिस दिव्य अनुभूति को यहां आकर लोग महसूस करते है वह अवर्णननीय है।
संगम परिक्षेत्र में बने बड़े-बड़े डोम देश-भर के संत महात्माओं के स्वागत में शबरी की तरह बाट जोहते नजर आते है आने वाले कल में इन्हीं डोमो में देश के संत महात्माओं का डेरा होगा जहां से धर्म की कभी न सुखने वाली अविरल धारा की प्रवाह प्रवाहित होगा जिसके चित्रोत्पला से हुए संगम में हर श्रद्धालु डुबकी लगाने का कोई भी अवसर चंूकना नहीं चाहेगा।
संत समागम में साधुओं द्वारा लगाई गई धर्म-ध्वजा की पताका यहां आने वाली हर भटके हुए राही का मार्ग प्रशस्त करते हुए धर्म का रास्ता दिखाती हुई प्रतीत होती है। पर्व स्नानों पर होने वाले साधु-संतों और नागा-साधुओं का शाही स्नान शाही होकर भी धार्मिक और आस्था का प्रतिमान होता है, जो यह संदेश देता है कि जनकल्याण को समर्पित यह साधु-संत कीचड़ में खिले कमल के समान रहकर समाज और राष्ट्र की सेवा करें।
राजिम का कल्प कुंभ की प्राचीन परंपरागत धरोहर का अनुसरण करते हुए आने वाले हर श्रद्धालुओं को यह संदेश देता है कि गृहस्थ जीवन में अपने तमाम संसारिक कर्तव्यों का संसारिक धर्म निभाते हुए आध्यात्म के प्रति समर्पित होकर धार्मिक आचरण के अनुसार आचरण करते हुए स्वयं संस्कारिक होकर दूसरों को भी संस्कारवान बनाएं। यहीं आशीष राजिम की पुण्य धरा आने वाले अपने हर श्रद्धालुओं की झोली भर-भरकर देती है।
स्थानीय कलाकारों को मिल रहा मौका
राजिम, 27 फरवरी। राजिम कुंभ कल्प 2024 में त्रिवेणी संगम स्थित मंच में क्षेत्र के स्थानीय कलाकारों ने अपनी रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुति दी और दर्शकों की वाहवाही लूटी। इसी तारतम्य में शांति साहू और उनके सहयोगी कलाकारों ने भजन गाकर पूरा माहौल भक्तिमय कर दिया। गायिका ऐश्वर्या साहू द्वारा गाया भजन वीर हनुमाना को श्रोताओं ने काफी पसंद किया।
सुनीता साहू, अमर निषाद और श्री संकट मोचन सुंदर कांड जनकल्याण समिति की बालिकाओ ने रामायण पर आधारित भजन गाकर कुंभ कल्प की थीम को साकार किया। शासन द्वारा इस बार का कुंभ श्रीराम को समर्पित है। बरभाठा के शिवा सूरदास के भजनों पर दर्शक दीर्घा में बैठें लोग झूम उठे। इस कार्यक्रम में गाये गए भजन गौरी के ललना झूलत हे झूलना जैसे कई भजन लोकमंच के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया गया। जिसे सुनकर दर्शक स्वयं को रोक नहीं पाये और भक्ति की इस अविरल धारा में डुबकी लगाते हुए अपने आप को झूमने से रोक नहीं पाए।
राजिम, 27 फरवरी। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत सरकार द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की कन्या के विवाह के लिए 50 हजार रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना का संचालन छत्तीसगढ़ के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया जाता है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग के अशोक पाण्डेय ने बताया कि मुख्यमंत्री कन्या सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन 02 मार्च को राजीव लोचन मंदिर परिसर राजिम में किया जायेगा। उन्होंने बताया कि अभी तक 150 जोड़ो का पंजीयन किया गया है। इस योजना से गरीब परिवारों को कन्या के विवाह में होने वाली आर्थिक कठिनाईयों का निवारण, विवाह के अवसर पर होने वाले फिजूलखर्ची को रोकना एवं सादगीपूर्ण विवाहों को बढ़ावा देने, सामूहिक विवाहों के आयोजन के माध्यम से मनोबल/आत्मसम्मान में वृद्धि एवं उनकी सामाजिक स्थिति में सुधार, सामूहिक विवाहों का प्रोत्साहन तथा विवाहों में दहेज के लेन-देन की रोकथाम करना है। इसके लिए गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवार/मुख्यमंत्री खाद्यान्न योजना अन्तर्गत कार्डधारी परिवार की 18 वर्ष से अधिक आयु की अधिकतम दो कन्याओं को लाभ दिलाया जाना है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
छुरा, 27 फरवरी। छुरा मुख्यालय से लगे चरौदा (बिडौडार) में वन धन केंद्र खोला गया है, जिसमें जय मां वनदेवी स्व सहायता समूह द्वारा भूई लिम एवं महुल पत्ता खरीदा गया है।
ग्राम चरौदा कमार बस्ती होने के कारण कमार प्रोजेक्ट के अंतर्गत पीवीटीजी वनधन केंद्र बनाया गया है। प्रदेश प्रतिनिधि लघु वन उपज (व्यापार एवं विकास) देवसिंह रात्रे के द्वारा निरीक्षण किया गया। उन्होंने समिति द्वारा खरीदा गया भुई लिम एवं माहुल पत्ता का व्यापार करने के लिए प्रोत्साहित किया।
निरीक्षण के दौरान कुसुम झाड़ का कटाई-छटाई का भी निरीक्षण किया गया। ज्ञात हो कि चरौदा में 311 कुसुम झाड़ का लाख पालन के लिए चयनित किया गया है, जिसमें 20 कुसुम झाड़ में उच्च कोटि के बिहान लाख बीज का प्रयोग के तौर पर लगा दिया गया है, जिसकी प्रति क्विंटल 80 हजार रुपया कीमत है, इनकी तोड़ाई जून-जुलाई में की जाएगी एवं शेष झाड़ में जून - जुलाई में बिहान लाख-बीच का रोपण किया जाएगा। श्री रात्रे ने समिति का हौसला बढ़ाते हुए जल्द से जल्द वन धन केंद्र भवन का निर्माण करने का आश्वासन दिया।
एवं समिति के पदाधिकारी को साड़ी वितरित कर सम्मानित किया। इस ग्राम को चयन करने में प्रबंधक मोहम्मद नसरुद्दीन खान का बहुत बड़ा योगदान है।
श्री रात्रे के साथ रायपुर से आए अधिकारी के साथ-साथ पत्रकार टिंकू पांडे , मोहम्मद नसरुद्दीन खान समिति प्रबंधक, जनक साहू समिति प्रबंधक, वनधन मित्र पुनाराम कुमार भी थे।
नवापारा-राजिम, 26 फरवरी। नवापारा त्रिवेणी संगम नेहरू घाट किनारे सुबह 07 बजे से 10 बजे तक स्वच्छता अभियान चलाया गया।
इस अभियान में निरंकारी ब्रांच गोबरा नवापारा के समस्त सेवादल भाई-बहनों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेकर घाट किनारे फैले कूड़े-कचरे को बाहर निकालकर घाट को स्वच्छ बनाया गया।
निरंकारी मिशन ब्रांच गोबरा नवापारा के प्रमुख गांधी सचदेव ने बताया कि निरंकारी सतगुरू माता सुदीक्षा जी महाराज एंव निरंकारी राजपिता रमित जी के पावन सानिध्य में प्रोजेक्ट अमृत के अन्तर्गत स्वच्छ जल स्वच्छ मन की परियोजना की शुरूआत की गई। इस परियोजना अन्तर्गत 27 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में एक साथा भारतवर्ष के लगभग 1500 से भी अधिक स्थान में स्वच्छता अभियान चलाया गया।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जल निकायों को संरक्षित के विकल्पों के विषय में जनमानस को जागृत करना है। ताकि आने वाली पीढ़ी को एक स्वस्थ भविष्य दिया जा सके। अनेक वर्षों से सन्त निरंकारी मिशन द्वारा समाज कल्याण के लिए वृक्षारोपण, स्वच्छता अभियान, रक्तदान इत्यादि जैसे जनकल्याण कार्य सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज की रहनुमाई में आयोजित किये जा रहें हैं।
इस अवसर पर गोबरा नवापारा राजिम ब्रांच के प्रमुख गांधी सचदेव ने सेवादारों तथा नगर पलिका अध्यक्ष एवं नगर पलिका के समस्त सफाई कर्मचारी के उत्साह एंव सेवा की भावना की प्रशंसा की एवं आभार व्यक्त किया।
लोगों को 24 घंटे मिल रही नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच और इलाज
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 26 फरवरी। राजिम कुंभ कल्प मेला स्थल नवापारा क्षेत्र नेहरू घाट के पास अस्थायी 10 बिस्तर अस्पताल बनाया गया है। जहाँ लोगों को 24 घंटे मुफ्त स्वास्थ्य जांच बीपी शुगर और अन्य प्रकार के मौसमी बीमारिया सर्दी खांसी बुखार की दवाएं दी रही हैं। वही जरूरतमंद लोगों को अस्थाई रूप से भर्ती कर ग्लूकोस बॉटल भी लगाया जा रहा है जिससे लोगों में बहुत अच्छा संदेश जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी रायपुर डॉ. मिथिलेश चौधरी,नोडल अधिकारी एवं खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ.उमेश विश्वास,डॉ.तेजेन्द्र साहू सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी एवं मेला प्रभारी ने बताया कि मेला में आने वाले समस्त श्रद्धालुओं के उत्तम स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए शासन द्वारा मेला स्थल में अस्थायी अस्पताल स्थापित कर जरूरतमंद लोगों का उपचार किया जा रहा है
वहीं गरियाबंद और धमतरी जिले द्वारा भी नि:शुल्क स्वास्थ्य कैंप लगाया गया है। मेला स्थल में 10-10 बिस्तरों का अस्थायी अस्पताल बनाया गया है। अस्पताल में 24 घंटे डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टॉफ और लैब टेक्नीशियन पदस्थ किए गए हैं। जिससे लोगों को निशुल्क स्वास्थ्य जांच और इलाज की सुविधाएं मिल रही है। साथ ही जरूरतमंदों को आवश्यकतानुसार दवाइयों का भी वितरण किया जा रहा है। कैंप में पहुंचने वाले मरीजों को उनकी बीमारी के अनुसार पर्याप्त ईलाज देने की संपूर्ण व्यवस्था है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रत्येक अस्थायी अस्पताल में पैथोलॉजी लैब सहित ऑक्सीजन सिलेण्डर, इसीजी की व्यवस्था की गई है। ताकि आपालकालीन स्थिति में भी मरीज को तत्काल प्राथमिक उपचार दिया जा सके।
अस्पताल में पदस्थ डॉक्टरों ने बताया कि अभी तक कोई भी इमरजेंसी मामले नहीं आए हैं। अगर कोई इमरजेंसी आती है, तो हम उसके लिए तैयार हैं। प्राथमिक उपचार के बाद तत्काल मरीज की स्थिति को देखते हुए निकटतम अस्पताल में एंबुलेंस द्वारा पहुंचाने की पर्यप्त व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई है। अभी सिर्फ मौसमी बीमारी के मरीजों की संख्या दर्ज हुई है। उन्हें उनके मर्ज के हिसाब से उनको नि:शुल्क दवाईयां दी जा रही है तथा स्वास्थ्य परीक्षण कर उचित सलाह और दवाईयां दी जा रही है। अस्थायी अस्पताल में पैथोलॉजी लैब की पर्याप्त व्यवस्था है, जिसमें रक्त परीक्षण सहित ईसीजी, बीपी, शूगर, हिमोग्लोबिन आदि की नि:शुल्क जांच की जा रही है।
राजिम कुंभ मेला स्थल में आयुर्वेदिक अस्पतालों की भी अस्थायी व्यवस्था की गई है, जहां पर दिन रात डॉक्टर मरीज के उपचार के लिए तैनात हैं और उन्हें आयुर्वेदिक चिकित्सा नि:शुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। डॉ.शिवानी बंजारे ने बताया कि हमारे पास आने वाले मरीज को उसकी बीमारी के अनुसार उपचार किया जा रहा है। ज्यादा गंभीर मरीज को निकट के अस्पताल में उपचार हेतु भेजने की व्यवस्था है। राजिम कुंभ मेले में आयुर्वेदिक चिकित्सा केन्द्र के खोले जाने से लोगों के बीच में आयुर्वेदिक इलाज के प्रति काफी रूझान देखने को मिला है। मेला आने वाले एलोपैथिक इलाज से पहले आयुर्वेदिक दवाईयां लेना ज्यादा पसंद कर रहे हैं, जो आयुर्वेद के प्रति अच्छा संकेत है।
मेलार्थी को मिला रहा स्वादिष्ट भोजन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 26 फरवरी। कुंभ कल्प मेला का शुरूआत 24 फरवरी से हो गया है। मेला के पहले दिन लाखों श्रद्धालुओं ने पुण्य स्नान कर मेले का आनंद लिया। कुंभ कल्प में इस बार भीड़ दोगुनी बढ़ी गई है। मेला में मेलार्थी को किसी प्रकार की असुविधा उन्हें न हो इसके लिए भोजन, पानी, स्वच्छता और सुरक्षा के भरपूर व्यवस्था किए गए हैं। रायपुर, गरियाबंद एवं धमतरी जिले से दाल-भात सेंटर अधिक मात्रा में लगाएं गए है।
वहीं धर्मस्व संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के निर्देश पर मेला क्षेत्र में गोबरा नवापारा राईस मिल एसोशिएशन द्वारा नि:शुल्क भंडारे की व्यवस्था की गई है। जिसका उद्घाटन 24 फरवरी को ऐसोशिएशन संरक्षक मनमोहन अग्रवाल ने फीता काटकर किया।
इस दौरान हजारों श्रद्धालुगण ने भोजन प्रसादी ग्रहण किया। एसोशिएशन के अध्यक्ष गिरधारी अग्रवाल तथा पूर्व पालिकाध्यक्ष विजय गोयल ने बताया कि भंडारे में पूड़ी, सब्जी, चांवल, दाल परोसा जा रहा है। पहले दिवस 15 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण किया। उन्होंने बताया कि भंडारे में परोसगारी में सर्व वर्गों द्वारा सहयोग किया जाता है। भंडारे की व्यवस्था पूरे मेला अवधि 8 मार्च तक चलेगा। भंडारे का उद्देश्य कोई भी भूखा न रहे मेले में आए सभी दर्शनार्थियो को भरपूर भोजन देना है।
भंडारा दोपहर 1 बजे से शाम 4 बजे तक चलेगा। पहले दिवस नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष विजय गोयल, गिरधारी अग्रवाल, मनमोहन अग्रवाल, ललित पांडेय, निर्मल जैन, रोहित साहू, कमलेश बच्छावत, राजा झाबक, संदीप धामेजानी, सुयष गोयल सहित एसोशिएशन के सभी सदस्य व अन्य का सहयोग रहा।